सुंदरनगर/मंडी: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण भयावह स्थिति लेता जा रहा है. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है, इसके बावजूद लोगों की ओर से सरेआम इन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वहीं, सरकार के आदेश से एक कदम ओर आगे बढ़ते हुए मंडी जिला के विश्वविख्यात त्रिवेणी संगम रिवालसर के साथ स्थित ग्राम पंचायत सरकीधार ने एक फरमान से प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है.
ग्रामवासियों के सहयोग से बाहरी लोगों व गाड़ियों के प्रवेश पर लगा पाबंदी
ग्राम पंचायत सरकीधार में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने ग्रामवासियों के सहयोग से बाहरी लोगों व गाड़ियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है. इसको लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायत की सीमा पर आदेश भी लगा दिया है. ग्रामीणों की ओर से पंचायत की सीमा पर निगरानी के लिए ड्यूटी दी जा रही है. वहीं, ग्रामीणों द्वारा जरूरी वस्तुओं की गाड़ियों को ही पंचायत में एंट्री दी जा रही है.
बता दें, कि प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू शुरू होने के बावजूद भी सरकीधार पंचायत में लोगों का आना कम नहीं हुआ. इसको लेकर सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने स्तर पर इसकी निगरानी कर पंचायत को कोरोना के खतरे से बचाने का फैसला लिया है. इसको लेकर अपने तौर पर पंचायत और ग्रामवासियों की ओर से व्यवस्था कर दी गई है.
आवश्यक वस्तुओं की गाड़ियों को मिल रही एंट्री
ग्राम पंचायत सरकीधार की प्रधान धर्मा देवी ने कहा कि सरकीधार पंचायत एक पर्यटक स्थल भी है. उन्होंने कहा कि पंचायत में प्रसिद्ध नैना माता मंदिर, कुंतभ्यो झील, बाबा बजरोट मंदिर के साथ ही बौद्ध धर्म का भी धर्मिक स्थल है. इस कारण यहां पर सैलानियों का काफी आना-जाना लगा रहता है. इस दौरान पंचायत की सीमा से ही बाहरी लोगों को वापिस कर रहे हैं. इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं की गाड़ियों को एंट्री दिया जा रहा है.
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