मंडी: जिला मंडी के एक माता-पिता को अपने 23 साल के बेटे की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सरकारी मदद की दरकार है. नाचन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जुगाहण से संबंध रखने वाले लेखराज और पिंकी के छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. इस परिवार के पास जितना पैसा था वो इलाज पर खर्च हो चुका है, लेकिन अब पैसे के अभाव में उसका बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा.
यह परिवार बीमारी के कारण अपनी कृषि योग्य लगभग 17 बिस्वा भूमि को भी बेच चुका है. अब मात्र एक टुकड़ा ही कृषि के लिए बचा हुआ है, लेकिन किडनी रोग से ग्रस्त अविनाश के इलाज को लेकर परिवार इस बची हुई भूमि को भी बेचने की कगार पर पहुंच गया है.
अविनाश के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उनकी माता की किडनी से मैच तो हो गई है, लेकिन इस खर्च को उठाने के लिए ये परिवार असहाय महसूस है. अब इन असहाय माता-पिता की उम्मीद सरकारी मदद पर टिकी है जिससे बेटे का अच्छा इलाज हो सके और वह पहले की तरह स्वस्थ हो सके.
कारपेंटर का कार्य करने वाले लेखराज ने कहा कि उनका परिवार 5 लोगों का बीपीएल परिवार है. इससे पहले उनके एक बेटे की मृत्यु पीलिया से किडनी खराब होने के कारण हो गई थी. उन्होंने कहा कि अपने बड़े बेटे के इलाज में भी 10 लाख रुपये खर्च किए थे. बीपीएल परिवार होने पर भी सरकार और प्रशासन की ओर से आज तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है.
इलाज के दौरान पीजीआई में भी हेल्थ कार्ड नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि अविनाश का एक हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ता है. इस पर एक महीने में लगभग 40 हजार खर्चा आ रहा है. लेखराज अपने एक मात्र सहारे अविनाश की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन कराना चाहते हैं, पर इसके लिए उनके पास 5 लाख रुपये तक नहीं है.
लेखराज और पिंकी ने किडनी की बीमारी के चलते अपने बड़े बेटे की मौत का गम अभी भूलाया भी नहीं था कि 3 साल पहले 2016 में उन्हें अपने छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब होने का पता लगा. यह पता लगते ही जैसै लेखराज और उसकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई. इसके बाद अविनाश पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन है. साथ ही सुंदरनगर में प्राइवेट डायलिसिस सेंटर में हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाया जाता है.