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मंडी के अविनाश की दोनों किडनी खराब, ट्रांसप्लांट के लिए सरकार से मदद की गुहार

नाचन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जुगाहण से संबंध रखने वाले लेखराज और पिंकी के छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. इस परिवार के पास जितना पैसा था वो इलाज पर खर्च हो चुका है, लेकिन अब पैसे के अभाव में उसका बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा.

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Published : Nov 6, 2019, 8:33 PM IST

poor family need money for their son operation

मंडी: जिला मंडी के एक माता-पिता को अपने 23 साल के बेटे की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सरकारी मदद की दरकार है. नाचन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जुगाहण से संबंध रखने वाले लेखराज और पिंकी के छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. इस परिवार के पास जितना पैसा था वो इलाज पर खर्च हो चुका है, लेकिन अब पैसे के अभाव में उसका बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा.

यह परिवार बीमारी के कारण अपनी कृषि योग्य लगभग 17 बिस्वा भूमि को भी बेच चुका है. अब मात्र एक टुकड़ा ही कृषि के लिए बचा हुआ है, लेकिन किडनी रोग से ग्रस्त अविनाश के इलाज को लेकर परिवार इस बची हुई भूमि को भी बेचने की कगार पर पहुंच गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

अविनाश के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उनकी माता की किडनी से मैच तो हो गई है, लेकिन इस खर्च को उठाने के लिए ये परिवार असहाय महसूस है. अब इन असहाय माता-पिता की उम्मीद सरकारी मदद पर टिकी है जिससे बेटे का अच्छा इलाज हो सके और वह पहले की तरह स्वस्थ हो सके.

कारपेंटर का कार्य करने वाले लेखराज ने कहा कि उनका परिवार 5 लोगों का बीपीएल परिवार है. इससे पहले उनके एक बेटे की मृत्यु पीलिया से किडनी खराब होने के कारण हो गई थी. उन्होंने कहा कि अपने बड़े बेटे के इलाज में भी 10 लाख रुपये खर्च किए थे. बीपीएल परिवार होने पर भी सरकार और प्रशासन की ओर से आज तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है.

इलाज के दौरान पीजीआई में भी हेल्थ कार्ड नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि अविनाश का एक हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ता है. इस पर एक महीने में लगभग 40 हजार खर्चा आ रहा है. लेखराज अपने एक मात्र सहारे अविनाश की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन कराना चाहते हैं, पर इसके लिए उनके पास 5 लाख रुपये तक नहीं है.

लेखराज और पिंकी ने किडनी की बीमारी के चलते अपने बड़े बेटे की मौत का गम अभी भूलाया भी नहीं था कि 3 साल पहले 2016 में उन्हें अपने छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब होने का पता लगा. यह पता लगते ही जैसै लेखराज और उसकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई. इसके बाद अविनाश पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन है. साथ ही सुंदरनगर में प्राइवेट डायलिसिस सेंटर में हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाया जाता है.

मंडी: जिला मंडी के एक माता-पिता को अपने 23 साल के बेटे की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सरकारी मदद की दरकार है. नाचन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जुगाहण से संबंध रखने वाले लेखराज और पिंकी के छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं. इस परिवार के पास जितना पैसा था वो इलाज पर खर्च हो चुका है, लेकिन अब पैसे के अभाव में उसका बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा.

यह परिवार बीमारी के कारण अपनी कृषि योग्य लगभग 17 बिस्वा भूमि को भी बेच चुका है. अब मात्र एक टुकड़ा ही कृषि के लिए बचा हुआ है, लेकिन किडनी रोग से ग्रस्त अविनाश के इलाज को लेकर परिवार इस बची हुई भूमि को भी बेचने की कगार पर पहुंच गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

अविनाश के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उनकी माता की किडनी से मैच तो हो गई है, लेकिन इस खर्च को उठाने के लिए ये परिवार असहाय महसूस है. अब इन असहाय माता-पिता की उम्मीद सरकारी मदद पर टिकी है जिससे बेटे का अच्छा इलाज हो सके और वह पहले की तरह स्वस्थ हो सके.

कारपेंटर का कार्य करने वाले लेखराज ने कहा कि उनका परिवार 5 लोगों का बीपीएल परिवार है. इससे पहले उनके एक बेटे की मृत्यु पीलिया से किडनी खराब होने के कारण हो गई थी. उन्होंने कहा कि अपने बड़े बेटे के इलाज में भी 10 लाख रुपये खर्च किए थे. बीपीएल परिवार होने पर भी सरकार और प्रशासन की ओर से आज तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है.

इलाज के दौरान पीजीआई में भी हेल्थ कार्ड नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि अविनाश का एक हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ता है. इस पर एक महीने में लगभग 40 हजार खर्चा आ रहा है. लेखराज अपने एक मात्र सहारे अविनाश की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ऑपरेशन कराना चाहते हैं, पर इसके लिए उनके पास 5 लाख रुपये तक नहीं है.

लेखराज और पिंकी ने किडनी की बीमारी के चलते अपने बड़े बेटे की मौत का गम अभी भूलाया भी नहीं था कि 3 साल पहले 2016 में उन्हें अपने छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब होने का पता लगा. यह पता लगते ही जैसै लेखराज और उसकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई. इसके बाद अविनाश पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन है. साथ ही सुंदरनगर में प्राइवेट डायलिसिस सेंटर में हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाया जाता है.

Intro:माता पिता को बेटे की किडनी ट्रांस्प्लांट के लिए सरकारी मदद की दरकार,

पहले भी बड़े बेटे की किडनी फेल होने से हो चुकी है मौतBody:एकर : मंडी जिला के एक माता पिता को अपने 23 वर्षीय बेटे की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सरकारी मदद की दरकार है लेखराज और पिंकी नाचन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जुगाहण से सबंध रखते है जिनके छोटे बेटे अविनाश की दोनों किडनी खराब हो चुकी है। जितनी हैसियत थी उतना उपचार पर पैसा खर्च किया। अब पैसे के अभाव में उसका बेहतर उपचार नहीं हो पा रहा। बीमारी के कारण परिवार अपनी कृषि योग्य लगभग 17 बिस्वा भूमि को भी बेच चुका है और अब मात्र एक टुकड़ा ही कृषि के लिए बचा हुआ है। लेकिन किडनी रोग से ग्रस्त अविनाश के ईलाज को लेकर परिवार इस बची हुई भूमि को भी बेचने की कगार पर पहुंच गया है। अविनाश के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उसकी माता की किडनी से मैंचिंग तो हो गई है लेकिन इस खर्च को वहन करने के लिए परिवार असहाय महसूस कर रहा है। अब उसकी उम्मीद सरकारी मदद पर टिकी है जिससे बेटे का अच्छा इलाज हो सके और वह पहले की तरह स्वस्थ दिखाई दे। 

कारपेंटर का कार्य करने वाले लेखराज ने कहा कि उनका परिवार 5 लोगों का बीपीएल है और उनके एक बेटे की मृत्यु पीलिया रोग से किडनी खराब होने के कारण हो गई थी। उन्होंने कहा कि अपने बड़े बेटे के ईलाज में भी लगभग 10 लाख रूपए खर्च कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवार होने पर भी सरकार व प्रशासन की ओर से आजदिन तक उन्हें कोई सहायता प्राप्त नहीं की है। उन्होंने कहा कि ईलाज के दौरान पीजीआई में भी हेल्थ कार्ड नहीं चल रहा है। लेखराज ने कहा कि अविनाश का एक हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ता है और इस पर एक माह में लगभग 40 हजार खर्चा आ रहा है। लेखराज एक मात्र सहारे अविनाश की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आपरेशन कराना चाहता है, पर इसके लिए लगभग 5 लाख रूपए नहीं है।

किडनी रोग से पीड़ित अविनाश की माता पिंकी ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि पीजीआई में उनके बेटे के ईलाज के दौरान अत्यधिक खर्च हो जाने के कारण कई बार उनके पास आटो का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं बचते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की शादी हो चुकी है और अब परिवार अपने बेटे की बीमारी के चलते अपनी जमापूंजी भी इस पर लगा चुका है। उन्होंने कहा कि उनकी किडनी उनके बेटे की किडनी के साथ ट्रांस्प्लांट के लिए मेच तो हो गई है लेकिन इस आप्रेशन के लिए आने वाले लगभग 5 लाख खर्चे को लेकर उनके पास पैसा नहीं बचा हुआ है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से सहायता करने की गुहार लगाई है।

लेखराज और पिंकी ने अपने बड़े बेटे की मृत्यु का गम अभी भूलाया भी नहीं था कि 3 साल पहले वर्ष 2016 में अपने बचे हुए एकमात्र सहारे अविनाश को चक्कर आने की तकलीफ हुई। इस पर अविनाश को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उसके बाद सिविल अस्पताल सुंदरनगर में चेकअप करवाया गया। जांच कराने पर चिकित्सक ने अविनाश की दोनों किडनी खराब होना बताया। यह सुनते ही जैसे लेखराज और उसकी पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई। इसके उपरांत अविनाश पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन है और सुंदरनगर में प्राईवेट डायलिसिस सेंटर में हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाया जाता है।Conclusion:बाइट 01 : पीड़ित अविनाश का पिता लेखराज

बाइट 02 :  पीड़ित अविनाश की माता पिंकी

बाइट 03 : पीड़ित अविनाश
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