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करसोग में 7 महीने में हांफी पेयजल योजना, 17 दिन से टूटी पाइपलाइन की नहीं हुई मरम्मत, ग्रामीण परेशान - परलोग माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना

करसोग उपमंडल की परलोग-माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना (Parlog Mahunag lift drinking water scheme) ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है. करोड़ों रुपए लगाने के बाद भी लोगों को पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है. आलम ये है कि 17 दिन से टूटी पेयजल लाइन की मरम्मत भी नहीं हुई है. जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं. पढ़ें पूरी खबर...

करसोग में 7 महीने में हांफी पेयजल योजना
करसोग में 7 महीने में हांफी पेयजल योजना
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Published : Dec 12, 2022, 3:39 PM IST

मंडी: करसोग उपमंडल में जनता की सुविधा के लिए करोड़ों रुपए की लागत से तैयार की गई जिन उठाऊ पेयजल योजनाओं का उद्घाटन सरकार ने किया है, ये योजनाएं जल शक्ति विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है. ऐसी ही एक योजना है परलोग माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना (Parlog Mahunag lift drinking water scheme). जिसका उद्घाटन पूर्व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने इसी साल 14 मई को किया था. लेकिन हैरानी की बात है कि 11.55 करोड़ की लागत से तैयार ये पेयजल योजना 7 महीने में ही हांफ गई है.

हालत ये है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी इस योजना से लोगों को नियमित तौर पर पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, जबकि विभाग ने योजना शुरू होने पर 24 घंटे पानी देने का दावा किया था. अब हालत ये है कि इस योजना से ग्रामीणों को सप्ताह में मुश्किल से ही एक बार पानी की सप्लाई मिल रही है. बरसात के मौसम में जल शक्ति विभाग ने पानी में गाद आने का तर्क देकर पेयजल योजना को करीब 3 महीने तक बंद रखा था. अब सर्दियों के मौसम में लोगों को कम वोल्टेज की वजह से पंपिंग न होने और कभी पेयजल टूटने के नाम पर परेशान किया जा रहा है. इससे अब विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.

17 दिन से टूटी पेयजल लाइन की नहीं हुई मरम्मत: परलोग खड्ड से माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना के तहत बैहली में बने उप जल भंडारण टैंक के लिए बिछाई गई 3 इंच की पाइपलाइन टूटी हुई हालत में पड़ी है. लेकिन हैरानी की बात है कि 17 दिनों में विभाग से पाइपलाइन की मरम्मत नहीं की है. ऐसे में बैहली में बनाए गए जल भंडारण टैंक के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्रों में लोगों को पिछले दो सप्ताह से पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है. इसकी शिकायत कई बार फील्ड अधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन ग्रामीणों को पेयजल लाइन टूटने का बहाना बनाकर टाला जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से मामले पर कड़ा संज्ञान लिए जाने की मांग की है.

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के करसोग सब डिवीजन के सहायक अभियंता विद्यासागर ने बताया कि दिन के समय कम वोल्टेज की कोई समस्या नहीं है. फिर भी फील्ड स्टाफ को वोल्टेज चैक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. वहीं, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. इस बारे में तुरंत प्रभाव से फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही है. उन्होंने कहा कि भविष्य में लोगों को पेयजल किल्लत की समस्या का सामना न करना पड़े, इस बारे में भी फील्ड अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: सीएम सुखविंदर सिंह और प्रतिभा सिंह की मुलाकात, पदभार के बाद संगठन को लेकर सीएम ने ये कहा

मंडी: करसोग उपमंडल में जनता की सुविधा के लिए करोड़ों रुपए की लागत से तैयार की गई जिन उठाऊ पेयजल योजनाओं का उद्घाटन सरकार ने किया है, ये योजनाएं जल शक्ति विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है. ऐसी ही एक योजना है परलोग माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना (Parlog Mahunag lift drinking water scheme). जिसका उद्घाटन पूर्व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने इसी साल 14 मई को किया था. लेकिन हैरानी की बात है कि 11.55 करोड़ की लागत से तैयार ये पेयजल योजना 7 महीने में ही हांफ गई है.

हालत ये है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी इस योजना से लोगों को नियमित तौर पर पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, जबकि विभाग ने योजना शुरू होने पर 24 घंटे पानी देने का दावा किया था. अब हालत ये है कि इस योजना से ग्रामीणों को सप्ताह में मुश्किल से ही एक बार पानी की सप्लाई मिल रही है. बरसात के मौसम में जल शक्ति विभाग ने पानी में गाद आने का तर्क देकर पेयजल योजना को करीब 3 महीने तक बंद रखा था. अब सर्दियों के मौसम में लोगों को कम वोल्टेज की वजह से पंपिंग न होने और कभी पेयजल टूटने के नाम पर परेशान किया जा रहा है. इससे अब विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं.

17 दिन से टूटी पेयजल लाइन की नहीं हुई मरम्मत: परलोग खड्ड से माहुंनाग उठाऊ पेयजल योजना के तहत बैहली में बने उप जल भंडारण टैंक के लिए बिछाई गई 3 इंच की पाइपलाइन टूटी हुई हालत में पड़ी है. लेकिन हैरानी की बात है कि 17 दिनों में विभाग से पाइपलाइन की मरम्मत नहीं की है. ऐसे में बैहली में बनाए गए जल भंडारण टैंक के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्रों में लोगों को पिछले दो सप्ताह से पानी की सप्लाई नहीं मिल रही है. इसकी शिकायत कई बार फील्ड अधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन ग्रामीणों को पेयजल लाइन टूटने का बहाना बनाकर टाला जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से मामले पर कड़ा संज्ञान लिए जाने की मांग की है.

हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के करसोग सब डिवीजन के सहायक अभियंता विद्यासागर ने बताया कि दिन के समय कम वोल्टेज की कोई समस्या नहीं है. फिर भी फील्ड स्टाफ को वोल्टेज चैक करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. वहीं, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. इस बारे में तुरंत प्रभाव से फील्ड अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जा रही है. उन्होंने कहा कि भविष्य में लोगों को पेयजल किल्लत की समस्या का सामना न करना पड़े, इस बारे में भी फील्ड अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं.

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