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दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए अब ऑनलाइन करना होगा आवेदन, भारत सरकार ने शरू की सुविधा

दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा. भारत सरकार ने दिव्यांगता  प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है. इससे पहले आवेदक को अस्पताल जाकर आवेदन करना पड़ता था, जिससे अब छुटकारा मिल गया है.

Disability certificate making process
दिव्यांगता प्रमाण पत्र
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Published : Nov 30, 2019, 6:32 PM IST

मंडी: दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा. भारत सरकार ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है. जोनल अस्पताल मंडी में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इससे पहले आवेदक को अस्पताल जाकर आवेदन करना पड़ता था, जिससे अब छुटकारा मिल गया है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदक को नजदीकी लोकमित्र केंद्र या फिर कॉमन सर्विस सेंटर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा.आवेदक चाहे तो खुद भी भारत सरकार की वेबसाइट स्वावलंबन कार्ड पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद मेडिकल बोर्ड की तारीख आवेदक को दी जाएगी, जिसके बाद आवेदक को बोर्ड के समक्ष पेश होकर अपना मेडिकल टेस्ट करवाना होगा.

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डॉक्टर भी ऑनलाइन ही व्यक्ति की बीमारियों का सारा हवाला देगा और उसी आधार पर दिव्यांगता का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. हाथ से लिखकर दिए प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे. कम्प्यूटर में प्रिंटिड किए गए प्रमाण पत्र ही स्वीकार्य माने जाएंगे.

वहीं, दिव्यांग व्यक्ति को एक यूडीआईडी यानी यूनिक डिसेबिलिटी आई कार्ड भी दिया जाएगा. ये कार्ड देशभर में मान्य होगा और इसी के आधार पर दिव्यांग व्यक्ति की पहचान होगी, जिससे दिव्यांग व्यक्ति सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे.

डॉ. दिनेश ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि जिन दिव्यांगों को पहले से प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं उन्हें भी अपने प्रमाण पत्रों को रिन्यू करवाना पड़ेगा. उन्हें अब कम्प्यूटर द्वारा प्रिंटिड प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. बता दें कि भारत सरकार दिव्यांगों को नई पहचान और इस प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ये कार्य कर रही है. ऑनलाइन प्रक्रिया से देशभर में दिव्यांगों का एक डाटा तैयार किया जाएगा और उसी आधार पर सरकार इस वर्ग के लिए भविष्य में योजनाएं और कार्यक्रम बनाएगी.

मंडी: दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा. भारत सरकार ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है. जोनल अस्पताल मंडी में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई है. इससे पहले आवेदक को अस्पताल जाकर आवेदन करना पड़ता था, जिससे अब छुटकारा मिल गया है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदक को नजदीकी लोकमित्र केंद्र या फिर कॉमन सर्विस सेंटर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा.आवेदक चाहे तो खुद भी भारत सरकार की वेबसाइट स्वावलंबन कार्ड पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद मेडिकल बोर्ड की तारीख आवेदक को दी जाएगी, जिसके बाद आवेदक को बोर्ड के समक्ष पेश होकर अपना मेडिकल टेस्ट करवाना होगा.

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डॉक्टर भी ऑनलाइन ही व्यक्ति की बीमारियों का सारा हवाला देगा और उसी आधार पर दिव्यांगता का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. हाथ से लिखकर दिए प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे. कम्प्यूटर में प्रिंटिड किए गए प्रमाण पत्र ही स्वीकार्य माने जाएंगे.

वहीं, दिव्यांग व्यक्ति को एक यूडीआईडी यानी यूनिक डिसेबिलिटी आई कार्ड भी दिया जाएगा. ये कार्ड देशभर में मान्य होगा और इसी के आधार पर दिव्यांग व्यक्ति की पहचान होगी, जिससे दिव्यांग व्यक्ति सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे.

डॉ. दिनेश ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि जिन दिव्यांगों को पहले से प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं उन्हें भी अपने प्रमाण पत्रों को रिन्यू करवाना पड़ेगा. उन्हें अब कम्प्यूटर द्वारा प्रिंटिड प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. बता दें कि भारत सरकार दिव्यांगों को नई पहचान और इस प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ये कार्य कर रही है. ऑनलाइन प्रक्रिया से देशभर में दिव्यांगों का एक डाटा तैयार किया जाएगा और उसी आधार पर सरकार इस वर्ग के लिए भविष्य में योजनाएं और कार्यक्रम बनाएगी.

Intro:मंडी : यदि आप दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको आॅनलाईने आवेदन करना पड़ेगा। भारत सरकार ने अब दिव्यांगता के प्रमाण पत्र आॅनलाईन बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। जोनल हास्पिटल मंडी में भी अब आॅनलाईन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे पहले आवेदक को अस्पताल जाकर आवेदन करना पड़ता था जिसके झंझट से अब छुटकारा मिलने वाला है।Body:जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश ठाकुर ने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदक को नजदीकी लोकमित्र केंद्र या फिर काॅमन सर्विस सेंटर से आॅनलाईन आवेदन करना होगा। आवेदक चाहे तो खुद भी भारत सरकार की वैबसाईट ’’स्वावलंबन कार्ड’’ पर जाकर आॅनलाईन आवेदन कर सकता है। आॅनलाईन आवेदन करने के बाद मेडिकल बोर्ड की तारीख आवेदक को दी जाएगी और उस दिन आवेदक को बोर्ड के समक्ष पेश होकर अपना मेडिकल परीक्षण करवाना होगा। डाॅक्टर भी आॅनलाईन ही व्यक्ति की बीमारियों का सारा हवाला देगा और उसी आधार पर दिव्यांगता का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। हाथ से लिखकर दिए प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे जबकि कम्प्यूटर द्वारा प्रिंटिड किए गए प्रमाण पत्र ही स्वीकार्य माने जाएंगे। वहीं दिव्यांग व्यक्ति को एक यूडीआईडी यानी यूनिक डिसेबिलिटी आई कार्ड भी दिया जाएगा। यह कार्ड देश भर में मान्य होगा और इसी के आधार पर दिव्यांग व्यक्ति की पहचान होगी तथा वह सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा पाएगा।

बाइट - डा. दिनेश ठाकुर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी

डा. दिनेश ठाकुर ने बताया कि जिन दिव्यांगों को पहले से प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं उन्हें भी अपने प्रमाण पत्रों को रिन्यू करवाना पड़ेगा। उन्हें अब कम्प्यूटर द्वारा प्रिंटिड प्रमाण पत्र दिए जाएंगे और यूडीआईडी नंबर जारी किया जाएगा। इसके लिए भी दिव्यांगों को आॅनलाईन ही आवेदन करना होगा और उसी के तहत उन्हें नए प्रमाण पत्र जारी होंगे। उन्होंने बताया कि कुछ समय के बाद पुराने प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे, इसलिए सभी आवेदक समय रहते अपने पुराने प्रमाण पत्रों का नवीनीकरण करवा लें।

बाइट - डा. दिनेश ठाकुर, जिला स्वास्थ्य अधिकारीConclusion:बता दें कि भारत सरकार दिव्यांगों को एक नई पहचान और इस प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए यह कार्य कर रही है। आॅनलाईन प्रक्रिया से देश भर में दिव्यांगों का एक डाटा तैयार हो जाएगा और उसी आधार पर सरकार इस वर्ग के लिए भविष्य में योजनाएं और कार्यक्रम तय करेगी।
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