मंडी: जिला मंडी के बागवानों की मेहनत पर ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया है. जिला में हुई ओलावृष्टि से करीब 63.75 लाख का नुकसान हो चुका है. बागवानी विभाग ने ऊपरी व मैदानी क्षेत्र में हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर ली है. विभाग नुकसान की रिपोर्ट को प्रदेश सरकार व निदेशालय भेजेगा. वहीं, मैदानी क्षेत्रों के लिए बारिश संजीवनी बनी है. बारिश न होने के कारण सब्जियों के पौधे मुरझाने लग गए थे, लेकिन जिला में गत तीन दिन हुई बारिश से किसानों को राहत दी है.
ऊपरी क्षेत्र में मटर की फसल को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. बता दें कि इन दिनों फलदार पौधों पर सेब, आड़ू, पलम, खुमानी, आम सहित अन्य नकदी फसलों की फ्लावरिंग चल रही है. फलदार पौधों के लिए बारिश का होना बहुत जरुरी था. वहीं, ओलावृष्टि सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, लेकिन वीरवार दोपहर बाद मैदानी व ऊपरी क्षेत्रों में जमकर बारिश के साथ-साथ जमकर ओलावृष्टि हुई है.
जिला में सबसे अधिक नुकसान सराजघाटी के बगस्याड, रैनधार, रैन, खनैरी, संगलवाड़ा, चुलाहण, रहीधार, बडीन, माहीधार, खोडाथाच और सराज विस क्षेत्र के गोहर, खारसी, कोटला-खनूला, मुसराणी, देलग टिक्करी सहित आसपास के क्षेत्रों में हुआ है.
फ्लावरिंग सेटिंग गिर गई
वहीं, करसोग क्षेत्र में सेब की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, जबकि मैदानी क्षेत्र में आम, पलम की फ्लावरिंग सेटिंग गिर गई है. इसके चलते उक्त नकदी फसलों का उत्पादन काफी कम होगा, क्योंकि फलदार पौधों में अब दोबारा फ्लावरिंग होने की कोई संभावना नहीं है. वहीं, ओलावृष्टि ने बागवानों की मेहनत पर पूरी तरह पानी फेर दिया है.
ओलावृष्टि से फलदार पौधों को नुकसान
उपनिदेशक बागवानी विभाग मंडी अशोक दीवान ने बताया कि जिला के ऊपरी व मैदानी क्षेत्रों में ओलावृष्टि से फलदार पौधों को नुकसान पहुंचा है. पौधों में फ्लावरिंग की सेटिंग खराब हो गई है. जिलाभर से बागवानी क्षेत्र में 63.75 लाख का नुकसान की रिपोर्ट तैयार की है. उन्होंने कहा कि उक्त रिपोर्ट को प्रदेश सरकार व निदेशालय भेजा जाएगा.
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