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मंडी शहर भी हुआ नगर निगम की दौड़ में शामिल, सीएम क्षेत्र होने के चलते दावेदारी काफी मजबूत - मंडी शहर भी हुआ नगर निगम की दौड़ में शामिल

सोलन और पालमपुर के बाद मंडी भी नगर निगम बनने की दौड़ में शामिल हो गया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र होने के कारण मंडी शहर के नगर निगम बनने की संभावनाएं काफी ज्यादा है.

Mandi can also become a municipal corporation
मंडी शहर भी हुआ नगर निगम की दौड़ में शामिल
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Published : Dec 7, 2019, 10:30 AM IST

मंडी: प्रदेश के सबसे पुरानी नगर परिषदों में शुमार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा मिलने की संभावनाएं काफी प्रबल हो गई हैं. माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करके मंडी शहर को नगर निगम का दर्जा दे सकती है.

बता दें कि पालमपुर और सोलन शहरों को भी नगर निगम बनाने का निर्णय हो चुका है. मंडी शहर इस मामले में अभी तक पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब मंडी शहर के नगर निगम बनने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. मौजूदा नगर परिषद ने सीएम को प्रस्ताव भेजकर मंडी शहर को नगर निगम बनाने की मांग की है.

वीडियो रिपोर्ट

मंडी प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र भी है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर सकती है. अगले वर्ष नगर निकायों के चुनाव होने हैं और माना जा रहा है कि उससे पहले मंडी को नगर निगम का दर्जा दिलवाकर यहां नगर निगम के लिए ही चुनाव करवाने की पूरी तैयारी पर्दे के पीछे चली हुई है.

नगर परिषद मंडी की अध्यक्षा सुमन ठाकुर की मानें तो वह सीएम के समक्ष पहले भी इस मांग को रख चुके हैं और अब फिर से इस मांग को प्रमुखता से उठाएंगी. सुमन ठाकुर ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सरकार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा जरूर देंगी.

बता दें कि नगर निगम के लिए क्षेत्र और आबादी सबसे बड़ा क्राईटेरिया माना गया है. मंडी शहर के साथ लगती करीब एक दर्जन पंचायतों की आबादी को पंचायतों से तोड़कर नगर निगम में शामिल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: सोलन में एक दिवसीय साक्षरता शिविर का आयोजन, ऑनलाइन ठगी के मामलों पर सेबी ने लोगों को किया जागरूक

मंडी शहर में अभी 13 वार्ड हैं और यहां 30 हजार की आबादी रहती है. एक दर्जन पंचायतों के क्षेत्रों को जब नगर निगम में शामिल किया जाएगा तो यह आंकड़ा 50 हजार तक पहुंचने की संभावना है और इसी के दम पर शहर को नगर निगम बनाने की तरफ कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं.

मंडी: प्रदेश के सबसे पुरानी नगर परिषदों में शुमार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा मिलने की संभावनाएं काफी प्रबल हो गई हैं. माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करके मंडी शहर को नगर निगम का दर्जा दे सकती है.

बता दें कि पालमपुर और सोलन शहरों को भी नगर निगम बनाने का निर्णय हो चुका है. मंडी शहर इस मामले में अभी तक पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब मंडी शहर के नगर निगम बनने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. मौजूदा नगर परिषद ने सीएम को प्रस्ताव भेजकर मंडी शहर को नगर निगम बनाने की मांग की है.

वीडियो रिपोर्ट

मंडी प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र भी है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर सकती है. अगले वर्ष नगर निकायों के चुनाव होने हैं और माना जा रहा है कि उससे पहले मंडी को नगर निगम का दर्जा दिलवाकर यहां नगर निगम के लिए ही चुनाव करवाने की पूरी तैयारी पर्दे के पीछे चली हुई है.

नगर परिषद मंडी की अध्यक्षा सुमन ठाकुर की मानें तो वह सीएम के समक्ष पहले भी इस मांग को रख चुके हैं और अब फिर से इस मांग को प्रमुखता से उठाएंगी. सुमन ठाकुर ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सरकार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा जरूर देंगी.

बता दें कि नगर निगम के लिए क्षेत्र और आबादी सबसे बड़ा क्राईटेरिया माना गया है. मंडी शहर के साथ लगती करीब एक दर्जन पंचायतों की आबादी को पंचायतों से तोड़कर नगर निगम में शामिल किया जाएगा.

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मंडी शहर में अभी 13 वार्ड हैं और यहां 30 हजार की आबादी रहती है. एक दर्जन पंचायतों के क्षेत्रों को जब नगर निगम में शामिल किया जाएगा तो यह आंकड़ा 50 हजार तक पहुंचने की संभावना है और इसी के दम पर शहर को नगर निगम बनाने की तरफ कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं.

Intro:मंडी। प्रदेश की सबसे पुरानी नगर परिषदों में शुमार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा मिलने की संभावनाएं काफी प्रबल हो गई हैं। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करके मंडी शहर को नगर निगम का दर्जा दे सकती है।

Body:छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर कोई नया शहर नहीं बल्कि रियासत काल का वो महत्वपूर्ण शहर है जो अपनी एक अलग पहचान रखता है। आजादी के बाद वर्ष 1948 में जब हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ तो उस वक्त से ही मंडी शहर के विकास के लिए नगर निकाय का प्रावधान रखा गया। कुछ वर्ष पूर्व तक पूरे प्रदेश में शिमला को छोड़कर कहीं और नगर निगम नहीं थी, लेकिन पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने धर्मशाला को नगर निगम का दर्जा दिला दिया। हालही में पालमपुर और सोलन शहरों को भी नगर निगम बनाने का निर्णय हो चुका है, लेकिन मंडी शहर इस मामले में अभी तक पिछड़ा हुआ है। लेकिन अब मंडी शहर के नगर निगम बनने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। मौजूदा नगर परिषद ने सीएम को प्रस्ताव भेजकर मंडी शहर को नगर निगम बनाने की मांग कर डाली है। कहते हैं कि जब अपने मांग उठाने लग जाते हैं तो समझ लेना चाहिए कि वह पूरी होने ही वाली है। इस बार प्रदेश की कमान भी मंडी के हाथों में है और ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर सकती है। अगल वर्ष नगर निकायों के चुनाव होने हैं और उससे पहले मंडी को नगर निगम का दर्जा दिलवाकर यहां नगर निगम के लिए ही चुनाव करवाने की पूरी तैयारी पर्दे के पीछे चल पड़ी है। नगर परिषद मंडी की अध्यक्षा सुमन ठाकुर की मानें तो वह सीएम के समक्ष पहले भी इस मांग को रख चुके हैं और अब फिर से इस मांग को प्रमुखता से उठाएंगे। इन्हें पूर्ण विश्वास है कि सरकार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा जरूर देंगे। बता दें कि नगर निगम के लिए क्षेत्र और आबादी सबसे बड़ा क्राईटेरिया माना गया है। मंडी शहर के साथ लगती करीब एक दर्जन पंचायतों की आबादी को पंचायतों से तोड़कर नगर निगम में शामिल किया जाएगा। वोट बैंक के चलते ग्रामीणों के विरोध के चलते अभी तक यह साहस नहीं जुटाया जा रहा था, लेकिन अब सरकार इस कड़वे घूंट को पीने के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रही है। मंडी शहर में अभी 13 वार्ड हैं और यहां 30 हजार की आबादी रहती है। एक दर्जन पंचायतों के क्षेत्रों को जब नगर निगम में शामिल किया जाएगा तो यह आंकड़ा 50 हजार तक पहुंचने की संभावना है और इसी के दम पर शहर को नगर निगम बनाने की तरफ कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं। 2009 में पहली बार नगर परिषद मंडी को नगर निगम बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन 10 वर्षों के बाद यह प्रस्ताव फलीभूत होता हुआ नजर आ रहा है।

बाइट - सुमन ठाकुर, अध्यक्षा, नगर परिषद मंडीConclusion:बहरहाल अभी शहर की बहुत सी संस्थाएं शहर को नगर निगम बनाने के लिए अपना समर्थन देने लग गई हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। निश्चित तौर पर अगर शहर नगर निगम बनता है तो शहर के विकास के लिए बड़ी परियोजनाएं आएंगी और शहर का अपना एक अलग रूतबा और शान भी बनेगी।

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