मंडी: प्रदेश के सबसे पुरानी नगर परिषदों में शुमार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा मिलने की संभावनाएं काफी प्रबल हो गई हैं. माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी करके मंडी शहर को नगर निगम का दर्जा दे सकती है.
बता दें कि पालमपुर और सोलन शहरों को भी नगर निगम बनाने का निर्णय हो चुका है. मंडी शहर इस मामले में अभी तक पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब मंडी शहर के नगर निगम बनने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. मौजूदा नगर परिषद ने सीएम को प्रस्ताव भेजकर मंडी शहर को नगर निगम बनाने की मांग की है.
मंडी प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र भी है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर सकती है. अगले वर्ष नगर निकायों के चुनाव होने हैं और माना जा रहा है कि उससे पहले मंडी को नगर निगम का दर्जा दिलवाकर यहां नगर निगम के लिए ही चुनाव करवाने की पूरी तैयारी पर्दे के पीछे चली हुई है.
नगर परिषद मंडी की अध्यक्षा सुमन ठाकुर की मानें तो वह सीएम के समक्ष पहले भी इस मांग को रख चुके हैं और अब फिर से इस मांग को प्रमुखता से उठाएंगी. सुमन ठाकुर ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सरकार नगर परिषद मंडी को नगर निगम का दर्जा जरूर देंगी.
बता दें कि नगर निगम के लिए क्षेत्र और आबादी सबसे बड़ा क्राईटेरिया माना गया है. मंडी शहर के साथ लगती करीब एक दर्जन पंचायतों की आबादी को पंचायतों से तोड़कर नगर निगम में शामिल किया जाएगा.
मंडी शहर में अभी 13 वार्ड हैं और यहां 30 हजार की आबादी रहती है. एक दर्जन पंचायतों के क्षेत्रों को जब नगर निगम में शामिल किया जाएगा तो यह आंकड़ा 50 हजार तक पहुंचने की संभावना है और इसी के दम पर शहर को नगर निगम बनाने की तरफ कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं.