मंडी: पर्यटक व स्थानीय शिकारी देवी, शैताधार व अन्य धार्मिक और पिकनिक स्थलों की ओर रूख न करें. कोरोना से संबंधित दिशा निर्देशों को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. कोराना वायरस संक्रमण से लोगों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार व हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न चरणों में कर्फ्यू व लॉकडाउन लगाया है, जो अभी भी जारी है.
इन चरणों के दौरान सरकार द्वारा लोगों की सुविधा के लिए आवश्यक वस्तुओं/सेवाओं की पूर्ति व आपातकालीन स्थिति के लिए आंशिक छूट भी प्रदान की जा रही है, लेकिन इस छूट का मतलब बेवजह बाहर घूमना, फिरना व फालतू की आवाजाही नहीं है.
कोरोना संक्रमण के दिन प्रतिदिन बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए सभी नागरिकों को स्वयं और समाज की सुरक्षा के लिए पूर्ण सावधानी के साथ सरकार के दिशा निर्देंशों का पालन करने की सख्त जरूरत है.
उपमंडलाधिकारी नागरिक थुनाग सुरेंद्र मोहन ने बताया कि गर्मी के मौसम में उपमंडल के भीतर शिकारी देवी, शैटाधार व अन्य धार्मिक और पिकनिक स्थलों की ओर हर वर्ष लाखों लोग आते हैं. इन स्थानों पर अनावश्यक भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है, जिस कारण सरकार ने मंदिरों व पिकनिक स्थलों में आने जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है.
सुरेंद्र मोहन ने उपमंडल और बाहर से आने वाले लोगों से अनुरोध किया है कि आजकल इन स्थलों का बिल्कुल भी रुख न करें. आपदा की इस घड़ी में ऐसी यात्राएं करने से परहेज रखें. साथ ही समाज हित के लिए सरकार के दिशा निर्देशों का ईमानदारी से पालन करें.
सुरेंद्र मोहन ने कहा कि उपमंडल थुनाग के भीतर उक्त दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने उपमंडल के सभी नागरिकों से अनावश्यक रुप से घर से बाहर न निकलने, समूहों में काम न करने, मास्क का सही ढंग से इस्तेमाल करने, उचित सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की है.
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