मंडी: देश के कोने-कोने में शिवरात्रि का महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर ईटीवी भारत आपको छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध मंडी में आयोजित 7 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महोत्सव के बारे में बताएगा.
शिवरात्रि मेला हर वर्ष मंडी में 7 दिनों के लिए आयोजित की जाती है. छोटी काशी में इस बार 22 से 28 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले का आयोजन किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में भाग लेने वाले 216 देवी देवताओं को प्रशासन ने निमंत्रण दिया था.
अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इस बार हिमाचल के 50 वर्षों के विकास की गाथा की झलक देखने को मिलेगी. 50 वर्षों के सफर को जलेब में झांकियों के माध्यम से दर्शाया जाएगा. इसके साथ ही सांस्कृतिक संध्याओं में थिरकन कार्यक्रम के माध्यम से भी इस सफर को सभी के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. परंपरा के अनुसार सबसे पहले देव कमरूनाग की प्रतिमा को राज माधव राय मंदिर लाया जाता है, इसके बाद अन्य देवी-देवताओं के आने का सिलसिला शुरू होता है.
देव कमरूनाग को मंडी जनपद का अराध्य देव माना गया है. देव कमरूनाग वर्ष में सिर्फ एक बार शिवरात्रि महोत्सव में भाग लेने मंडी आते हैं. 8 दिनों तक देव कमरूनाग टारना माता मंदिर में विराजमान रहकर भक्तों को दर्शन और आशीवार्द देते हैं. इनके मंडी पहुंचने के बाद ही शिवरात्रि महोत्सव के अन्य कारज शुरू होते हैं.
कहा जाता है कि राजाओं के दौर में वर्ष में एक बार यानी शिवरात्रि के दौरान रियासत के सभी ग्रामीण अपने ग्राम देवताओं के साथ राजा से मिलने आते थे, इस दौरान वर्षभर का लेखा-जोखा भी होता था और शिवरात्रि का उत्सव भी मनाया जाता था. धीरे-धीरे इस महोत्सव का स्वरूप बदलता गया. राजाओं के राज समाप्त हुए और आज इस महोत्सव का विकसित रूप मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में देखने को मिलता है.