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IIT मंडी ने इंजीनियरिंग फिजिक्स में बैचलर्स प्रोग्राम किया शुरू, चुनौतियां दूर करने में सहायक होगा कोर्स - प्रौद्योगिकी चुनौतियां

कोर कोर्स में फिजिक्स के बुनियादी क्षेत्रों जैसे कि क्वांटम मैकेनिक्स, कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स के साथ-साथ मैथेमैटिक्स एवं इंजीनियरिंग के बेसिक कोर्स को शामिल किया गया है. इस प्रोग्राम में बतौर इलैक्टिव विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के कई कोर्स होंगे और मानवीकी एवं समाज विज्ञान की अन्य शाखाएं भी उपलब्ध होंगी. कोर्स में विकल्पों का दायरा बड़ा होने की वजह से विद्यार्थियों को उनकी अभिरुचि के विषयों का गहन अध्ययन करने का अवसर मिलेगा.

IIT मंडी
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Published : Jun 17, 2019, 6:30 PM IST

मंडी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी अगले शिक्षा सत्र (अगस्त 2019 से आरंभ) से नया बीटेक प्रोग्राम शुरू करेगा. स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज (एसबीएस), स्कूल ऑफ कम्प्यूटिंग एवं इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (एससीईई) और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (एसई) संयुक्त रूप से आईआईटी मंडी में यह प्रोग्राम आरंभ करेगा. यह कोर्स विद्यार्थियों को फिजिक्स के प्रयोग से 21 वीं सदी की समस्याओं के निदान के लिए तैयार करेगा. साथ ही उन्हें फिजिक्सि और इंजीनियरिंग में एडवांस डिग्री हसिल होगी.

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इंजीनियरिंग फिजिक्स में बैचलर करने के बाद परस्पर संबद्ध कई क्षेत्रों जैसे क्वांटम टेक्नोलॉजी, फोटोनिक्स, नैनो-इलैक्ट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर के कई द्वार खुलेंगे जो निकट भविष्य में सबसे प्रमुख होने वाले हैं. कोर कोर्स में फिजिक्स के बुनियादी क्षेत्रों जैसे कि क्वांटम मैकेनिक्स, कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स के साथ-साथ मैथेमैटिक्स एवं इंजीनियरिंग के बेसिक कोर्स को शामिल किया गया है. इस प्रोग्राम में बतौर इलैक्टिव विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के कई कोर्स होंगे और मानवीकी एवं समाज विज्ञान की अन्य शाखाएं भी उपलब्ध होंगी. कोर्स में विकल्पों का दायरा बड़ा होने की वजह से विद्यार्थियों को उनकी अभिरुचि के विषयों का गहन अध्ययन करने का अवसर मिलेगा.

IIT Mandi
IIT मंडी

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इंजीनियरिंग फिजिक्स प्रोग्राम से आपस में जुड़े कई कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी और प्योर साइंस एवं पारंपरिक इंजीनियरिंग के विषयों के बीच नजदीकी बढ़ेगी जबकि हाल तक विद्यार्थी इन्हें अलग-अलग विषय के रूप में पढ़ते रहे हैं लेकिन आज विभिन्न विषयों को एक साथ पढ़ना जरूरी है कयोंकि अभूतपूर्व वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी कार्य ऐसे परिवेश में होते हैं जिनमें विभिन्न विषयों का आपसी तालमेल है. प्योर साइंस के वैज्ञानिक इंजीनियरों के साथ मिल कर वैज्ञानिक कार्य करते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी पहलुओं का सही समावेश किया जाए जो इंजीनियरिंग फिजिक्स के माध्यम से मुमकिन है.

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प्रोग्राम की विशिष्टता बताते हुए डॉ. प्रदीप कुमार, कोर्स कोऑर्डिनेटर, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज आईआईटी मंडी ने कहा कि 21वीं सदी परस्पर संबद्ध विभिन्न विषयों का होगा और इंजीनियरिंग फिजिक्स बुनियादी विज्ञान एवं पारंपरिक इंजीनियरिंग के विषयों को एक दूसरे के नजदीक लाएगा. इससे क्वांटम टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी चुनौतियों के लिए हमारे विद्यार्थी बेहतर तैयार होंगे. इस प्रोग्राम का महत्व बताते हुए डॉ. प्रदीप परमेश्वरन, डीन (शिक्षा) आईआईटी मंडी ने कहा कि इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और प्रयोगों का बुनियादी आधार फिजिक्स है. आईआईटी मंडी ने गठन के समय से ही अध्ययन के विषयों की सीमाओं को चुनौती दी है और हमारे कोर्स में परस्पर संबंधित विभिन्न विषयों का नया नजरिया मिलेगा.

मंडी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी अगले शिक्षा सत्र (अगस्त 2019 से आरंभ) से नया बीटेक प्रोग्राम शुरू करेगा. स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज (एसबीएस), स्कूल ऑफ कम्प्यूटिंग एवं इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (एससीईई) और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (एसई) संयुक्त रूप से आईआईटी मंडी में यह प्रोग्राम आरंभ करेगा. यह कोर्स विद्यार्थियों को फिजिक्स के प्रयोग से 21 वीं सदी की समस्याओं के निदान के लिए तैयार करेगा. साथ ही उन्हें फिजिक्सि और इंजीनियरिंग में एडवांस डिग्री हसिल होगी.

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इंजीनियरिंग फिजिक्स में बैचलर करने के बाद परस्पर संबद्ध कई क्षेत्रों जैसे क्वांटम टेक्नोलॉजी, फोटोनिक्स, नैनो-इलैक्ट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर के कई द्वार खुलेंगे जो निकट भविष्य में सबसे प्रमुख होने वाले हैं. कोर कोर्स में फिजिक्स के बुनियादी क्षेत्रों जैसे कि क्वांटम मैकेनिक्स, कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स के साथ-साथ मैथेमैटिक्स एवं इंजीनियरिंग के बेसिक कोर्स को शामिल किया गया है. इस प्रोग्राम में बतौर इलैक्टिव विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के कई कोर्स होंगे और मानवीकी एवं समाज विज्ञान की अन्य शाखाएं भी उपलब्ध होंगी. कोर्स में विकल्पों का दायरा बड़ा होने की वजह से विद्यार्थियों को उनकी अभिरुचि के विषयों का गहन अध्ययन करने का अवसर मिलेगा.

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ये भी पढ़ें: बैंक में सांप घुसने से मची अफरा-तफरी, कड़ी मशक्कत कर निकाला बाहर

इंजीनियरिंग फिजिक्स प्रोग्राम से आपस में जुड़े कई कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी और प्योर साइंस एवं पारंपरिक इंजीनियरिंग के विषयों के बीच नजदीकी बढ़ेगी जबकि हाल तक विद्यार्थी इन्हें अलग-अलग विषय के रूप में पढ़ते रहे हैं लेकिन आज विभिन्न विषयों को एक साथ पढ़ना जरूरी है कयोंकि अभूतपूर्व वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी कार्य ऐसे परिवेश में होते हैं जिनमें विभिन्न विषयों का आपसी तालमेल है. प्योर साइंस के वैज्ञानिक इंजीनियरों के साथ मिल कर वैज्ञानिक कार्य करते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी पहलुओं का सही समावेश किया जाए जो इंजीनियरिंग फिजिक्स के माध्यम से मुमकिन है.

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प्रोग्राम की विशिष्टता बताते हुए डॉ. प्रदीप कुमार, कोर्स कोऑर्डिनेटर, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज आईआईटी मंडी ने कहा कि 21वीं सदी परस्पर संबद्ध विभिन्न विषयों का होगा और इंजीनियरिंग फिजिक्स बुनियादी विज्ञान एवं पारंपरिक इंजीनियरिंग के विषयों को एक दूसरे के नजदीक लाएगा. इससे क्वांटम टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी चुनौतियों के लिए हमारे विद्यार्थी बेहतर तैयार होंगे. इस प्रोग्राम का महत्व बताते हुए डॉ. प्रदीप परमेश्वरन, डीन (शिक्षा) आईआईटी मंडी ने कहा कि इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और प्रयोगों का बुनियादी आधार फिजिक्स है. आईआईटी मंडी ने गठन के समय से ही अध्ययन के विषयों की सीमाओं को चुनौती दी है और हमारे कोर्स में परस्पर संबंधित विभिन्न विषयों का नया नजरिया मिलेगा.

Intro:मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी अगले शिक्षा सत्र (अगस्त 2019 से आरंभ) से नया बीटेक प्रोग्राम शुरू करेगा। स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज़ (एसबीएस), स्कूल ऑफ कम्प्युटिंग एवं इलैक्टिकल इंजीनियरिंग (एससीईई) और स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग (एसई) संयुक्त रूप से आईआईटी मंडी में यह प्रोग्राम आरंभ करेगा। यह कोर्स विद्यार्थियों को फिजिक्स के प्रयोग से 21 वीं सदी की समस्याओं के निदान के लिए तैयार करेगा। साथ ही उन्हें फिजिक्सि और इंजीनियरिंग में एडवांस डिग्री हसिल होगी। 


Body:इंजीनियरिंग फिजिक्स में बैचलर करने के बाद परस्पर संबद्ध कई क्षेत्रों जैसे क्वांटम टेक्नोलाॅजी, फोटोनिक्स, नैनो-इलैक्ट्राॅनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कॅरियर के कई द्वार खुलेंगे जो निकट भविष्य में सबसे प्रमुख होने वाले हैं। कोर कोर्स में फिजिक्स के बुनियादी क्षेत्रों जैसे कि क्वांटम मैकेनिक्स, कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स के साथ-साथ मैथेमैटिक्स एवं इंजीनियरिंग के बेसिक कोर्स को शामिल किया गया है। इस प्रोग्राम में बतौर इलैक्टिव विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के कई कोर्स होंगे और मानवीकी एवं समाज विज्ञान की अन्य शाखाएं भी उपलब्ध होंगी। कोर्स में विकल्पों का दायरा बड़ा होने की वजह से विद्यार्थियों को उनकी अभिरुचि के विषयों का गहन अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। इंजीनियरिंग फिजिक्स प्रोग्राम से आपस में जुड़े कई कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी और प्योर साइंस एवं पारंपरिक इंजीनियरिंग के विषयों के बीच नजदीकी बढ़ेगी जबकि हाल तक विद्यार्थी इन्हें अलग-अलग विषय के रूप में पढ़ते रहे हैं। पर आज परस्पर संबंधित विभिन्न विषयों को एक साथ पढ़ना जरूरी है कयोंकि अभूतपूर्व वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी कार्य ऐसे परिवेश में होते हैं जिनमें विभिन्न विषयों का आपसी तालमेल है। प्योर साइंस के वैज्ञानिक इंजीनियरों के साथ मिल कर वैज्ञानिक कार्य करते हैं। इसलिए यह अत्यावश्यक है कि वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी पहलुओं का सही समावेश किया जाए जो इंजीनियरिंग फिजिक्स के माध्यम से मुमकिन है।


प्रोग्राम की विशिष्टता बताते हुए डाॅ. प्रदीप कुमार, कोर्स काॅर्डिनेटर, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज़ आईआईटी मंडी ने कहा कि 21वीं सदी परस्पर संबद्ध विभिन्न विषयों का होगा और इंजीनियरिंग फिजिक्स बुनियादी विज्ञान एवं पारंपरिक इंजीनियरिंग के विषयों को एक दूसरे के नजदीक लाएगा। इससे क्वांटम टेक्नोलाॅजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी चुनौतियाें के लिए हमारे विद्यार्थी बेहतर तैयार होंगे।





Conclusion:इस प्रोग्राम का महत्व बताते हुए डाॅ. प्रदीप परमेश्वरन, डीन (शिक्षा) आईआईटी मंडी ने कहा कि इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और प्रयोगों का बुनियादी आधार फिजिक्स है। आईआईटी मंडी ने गठन के समय से ही अध्ययन के विषयों की सीमाओं को चुनौती दी है और हमारे कोर्स में परस्पर संबंधित विभिन्न विषयों का नया नजरिया मिलेगा। इसलिए हमें विश्वास है कि इंजीनियरिंग फिजिक्स का यह कोर्स इसके सभी भागीदारों, इच्छुक विद्यार्थियों और उद्योग एवं शिक्षा जगत के कार्मिकों को पसंद आएगा।
 

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