मंडी: जिले के लारजी डैम में आज सुबह 6 बजे से सिल्ट निकासी का कार्य किया जा रहा हैं. इसके चलते लारजी डैम के सभी गेट खोल दिए गए हैं और पूरे डैम को खाली किया जा रहा है. लारजी डैम का सिल्ट निकासी का कार्य पहले से ही निर्धारित था और इसको लेकर पहले से ही अलर्ट भी जारी किया गया था.
यह कार्य 26 जून की सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा. इस दौरान बिजली उत्पादन का कार्य भी बंद रखा गया है. सिल्ट निकासी के कार्य और हो रही जोरदार बारिश के कारण पंडोह डैम के जलस्तर में भारी ईजाफा होने लग गया था. इसलिए पंडोह डैम के अब दो गेट खोल दिए गए हैं, जिनसे 27 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड की दर से पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है. इसके पहले यहां से 15 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी छोड़ा जा रहा था.
बीबीएमबी के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता ई. राजेश हांडा ने बताया कि पंडोह डैम में लगभग 32 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड की दर से आ रहा है, जिसमें से लगभग 27 हजार क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ा जा रहा है. रूटीन के तहत बग्गी सुरंग में जो पानी भेजा जाता है, वो भेजा जा रहा है. पानी छोड़ने के लिए डैम के सिर्फ दो गेट जरूरत के हिसाब से खोले गए हैं.
एक गेट से ही 70 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड की दर से छोड़ने की क्षमता है, जबकि आज लगभग 27 हजार क्यूसेक पानी ही छोड़ा जा रहा है, जो पीछे पानी का फ्लो आने पर ज्यादा कम किया जा सकता है. बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ना और अधिक मात्रा में पानी छोड़ने की प्रक्रिया स्वभाविक है. इस संदर्भ में पहले से ही अलर्ट जारी कर रखे हैं और लोगों से अपील की गई है कि वे नदी-नालों के नजदीक न जाएं.
इसी के चलते बीबीएमबी प्रबंधन व जिला प्रशासन ने अलर्ट भी जारी किया है. ब्यास नदी के किनारे कोई भी व्यक्ति न जाए तथा पशुओं को भी नदी के किनारे न छोड़ा जाए. ताकि किसी तरह का जान व माल का नुकसान न हो. राजेश हांडा ने बताया इस कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए नियमों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. सायरन और प्रचार वाहन के माध्यम से लोगों को सूचित किया जा रहा है.
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