मंडी: हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला छोटी काशी के रूप में जाना जाता है. छोटी काशी के नाम से विख्यात इस नगरी में 80 के करीब मंदिर है जिनमें अधिकतर मंदिर भगवान भोलेनाथ के हैं. बाबा भूतनाथ की इस नगरी में ब्यास नदी के तट पर एक ऐसा मंदिर मौजूद है जिसमें एक साथ 11 शिवलिंगों की पूजा होती है और यह मंदिर है, एकादश रुद्र महादेव मंदिर. यह मंदिर भारतवर्ष का दूसरा ऐसा मंदिर है जिसमें एक साथ 11 शिवलिंग मौजूद है. वहीं, यह उत्तरी भारत का इकलौता मंदिर है जो सनातन धर्म के अनुसार पंचदेव उपासना पद्धति पर बनाया गया है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ एकादश रुद्र महादेव के रूप में विराजमान हैं.
क्या है मंदिर का इतिहास: ब्यास नदी के तट पर बने इस मंदिर के निर्माण की बात की जाए तो इतिहासकार निर्माण को लेकर एकमत नहीं है. एकादश रुद्र मंदिर के पुजारी देवानंद सरस्वती ने बताया कि स्वामी अखंडानंद के अनुसार मंदिर 350 वर्ष पूर्व राजा साहिब सेन ने बनवाया था. वहीं, जनपद में प्रचलित किवदंती के अनुसार यह मंदिर राजा विजय सेन की माता साहबनी साहिबा ने बनवाया था. पंचदेव उपासना पद्धति का यह मंदिर पंचायत शैली के आधार पर बनाया गया है. जिसमें परिक्रमा मार्ग पर 4 मंदिर, तोरण द्वार, मंडप व गर्भगृह स्थापित है. मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर चार मंदिर स्थित हैं. इनमें पहला मंदिर सूर्य देव, दूसरा श्री गणेश, तीसरा त्रिपुरा सुंदरी व चौथा भगवान सत्यनारायण का मंदिर है.
शिवरात्रि तक होगा अखंड जाप: मंडी जनपद अपने प्राचीन मंदिरों और देव संस्कृति के लिए मशहूर है. मंडी जनपद में रियासत काल से शिवरात्रि महोत्सव मनाया जाता है. जिसमें जनपद के सभी देवी-देवता ढोल नगाड़ों के साथ शिवरात्रि महोत्सव में पहुंचते हैं. इस बार शिवरात्रि महोत्सव 18 से 25 फरवरी तक मनाया जाएगा. ब्यास नदी के घाट पर स्थित प्राचीन एकादश रुद्र मंदिर में शिवरात्रि महोत्सव के 1 सप्ताह पूर्व से ही ओम नमः शिवाय का अखंड जाप का आगाज हो गया है. उपायुक्त मंडी ने 12 फरवरी यानी आज दीप प्रज्वलित कर इसका शुभारंभ कर दिया है. इस दौरान 12 फरवरी से 18 फरवरी तक मंदिर में अखंड ज्योति दिन-रात जलती रहेगी और ओम नमः शिवाय का जाप भी चलता रहेगा.
18 फरवरी को शिवजी का होगा विशेष श्रृंगार: एकादश रुद्र मंदिर के पुजारी स्वामी सत सुंदरम ने बताया कि हर वर्ष शिवरात्रि के 1 सप्ताह पूर्व मंदिर में ओम नमः शिवाय अखंड जाप की परंपरा निभाई जा रही है. उन्होंने कहा कि भक्त दिन रात 24 घंटे गद्दी पर बैठकर ओम नमः शिवाय का अखंड जाप ज्योति के समक्ष करते हैं और 1 सप्ताह के पश्चात महाशिवरात्रि के दिन एकादश रुद्र महादेव का जलाभिषेक कर श्रृंगार किया जाएगा. स्वामी सत सुंदरम ने बताया कि 18 फरवरी को मंदिर में सुबह 10:00 बजे हवन 12:00 बजे पूर्णाहुति और दोपहर 3:00 बजे शिव का विशेष श्रृंगार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि शाम 7:00 बजे मंदिर में आरती और धूना के साथ रात 9:00 बजे से रात 12:00 बजे तक भगवान शिव की महिमा का गुणगान विभिन्न मंडलियों द्वारा किया जाएगा. मंडी जनपद के प्राचीन एकादश रुद्र मंदिर में पिछले 44 वर्षों से चली आ रही ओम नमः शिवाय अखंड जाप की परंपरा आज भी निभाई जा रही है.
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