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करसोग सिविल अस्पताल से डॉक्टर्स के तबादलों से जनता निराश, इलाज के लिए करना पड़ेगा IGMC या मंडी का रुख - हिमाचल न्यूज टुडे

करसोग के सिविल अस्पताल से एक डॉक्टर के तबादले के आदेश जारी हुए हैं. करसोग विधायक हीरालाल का कहना है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी.

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Published : Aug 25, 2019, 6:10 PM IST

करसोग: करसोग के सिविल अस्पताल करीब सात साल से अपनी सेवाएं दे रहे डॉ. अनूप शिवहरे का तबादला किया जा रहा है. डॉ. अनूप शिवहरे अपने मधुर स्वभाव के कारण अस्पताल में इलाज के लिए हर मरीज के दिलों पर राज करते हैं.

करसोग के हर क्षेत्र के लोग सिर्फ शिवहरे से ही अपना इलाज करवाना चाहते हैं. इसके लिए भले ही इन्हें घण्टों लाइन में खड़ा रह कर इंतजार करना पड़े. डॉ. अनूप ने भी कभी किसी मरीज को बिना देखे निराश वापस नहीं लौटने दिया है. इसके लिए भले ही इन्हें अपने सभी जरूरी काम छोड़कर ओवर टाइम क्यों न लगाना पड़े.

वीडियो

लोगों का कहना है कि डॉ. अनूप अच्छे से मरीज की स्वास्थ्य जांच करते हैं. अब सरकार ने ऐसे डॉ. का तबादला कर करसोग की हजारों लोगों को निराश कर दिया है. करसोग के सिविल अस्पताल में पहले ही डॉक्टरों की भारी कमी है. ऐसे में सरकार का ये आदेश करसोग विधानसभा क्षेत्र की 1.25 लाख की आबादी पर भारी पड़ने वाला है.

ये भी पढ़ें-अरुण जेटली के सम्मान में हिमाचल में 2 दिन राजकीय शोक, आधा झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज

लोगों का कहना है कि डॉक्टरों की कमी के कारण मजबूरन गरीब जनता को इलाज करवाने के लिए जिला स्तरीय अस्पताल मंडी और आईजीएमसी जाना पड़ेगा, जिससे लोगों का इलाज पर ज्यादा पैसा और कीमती समय दोनों बर्बाद होगा.

150 बिस्तरों के अस्पताल में सिर्फ 4 डॉक्टर
करोड़ों की लागत से निर्मित करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है. इसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दिया. ऐसे में अब यहां सिर्फ 5 ही डॉक्टर व्यवस्था को देखेंगे.

इसमें भी एक डॉक्टर पहले ही मातृत्व अवकाश पर है. इस तरह से वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था केवल 4 डॉक्टरों के सहारे रहेगी. ऐसे में लोगों को घंटों बाहर लाइनों में खड़े रह कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ेगा है. क्षेत्र की जनता ने पिछले साल 1 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के सामने भी इस मामले को उठाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को कमी जस की तस है.

सरकार ने पहले किए आदेश बाद में खुद ही करवा दी एडजेस्टमेंट
सरकार ने डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए पहले तो करसोग अस्पताल में 4 विभागों में विशेषज्ञों की तैनाती के आदेश जारी किए थे. बाद में खुद ही इन सभी डॉक्टरों की दूसरे स्थान पर भी एडजेस्टमेंट भी करवा दी. ऐसे में डॉक्टरों पर सरकार की इस मेहरवानी का खामियाजा करसोग की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

सरकार ने जिन डॉक्टरों के आदेश जारी किए थे, इसमें सर्जरी, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ और एनथीसिया प्रमुख थे. डॉक्टरों की तैनाती की आदेश 25 जुलाई को तत्काल प्रभाव से कार्यभार संभालने के लिए जारी किए गए थे, लेकिन इन सभी डॉक्टरों ने दो हफ्ते के अंदर ही सरकार से एडजेस्टमेंट करवा ली.

करसोग विधायक हीरालाल का कहना है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि करसोग के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण जनता पहले ही बहुत परेशान है.

ये भी पढ़ें-पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर CM ने जताया शोक, कहा- पार्टी ने खोया एक मजबूत स्तंभ

करसोग: करसोग के सिविल अस्पताल करीब सात साल से अपनी सेवाएं दे रहे डॉ. अनूप शिवहरे का तबादला किया जा रहा है. डॉ. अनूप शिवहरे अपने मधुर स्वभाव के कारण अस्पताल में इलाज के लिए हर मरीज के दिलों पर राज करते हैं.

करसोग के हर क्षेत्र के लोग सिर्फ शिवहरे से ही अपना इलाज करवाना चाहते हैं. इसके लिए भले ही इन्हें घण्टों लाइन में खड़ा रह कर इंतजार करना पड़े. डॉ. अनूप ने भी कभी किसी मरीज को बिना देखे निराश वापस नहीं लौटने दिया है. इसके लिए भले ही इन्हें अपने सभी जरूरी काम छोड़कर ओवर टाइम क्यों न लगाना पड़े.

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लोगों का कहना है कि डॉ. अनूप अच्छे से मरीज की स्वास्थ्य जांच करते हैं. अब सरकार ने ऐसे डॉ. का तबादला कर करसोग की हजारों लोगों को निराश कर दिया है. करसोग के सिविल अस्पताल में पहले ही डॉक्टरों की भारी कमी है. ऐसे में सरकार का ये आदेश करसोग विधानसभा क्षेत्र की 1.25 लाख की आबादी पर भारी पड़ने वाला है.

ये भी पढ़ें-अरुण जेटली के सम्मान में हिमाचल में 2 दिन राजकीय शोक, आधा झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज

लोगों का कहना है कि डॉक्टरों की कमी के कारण मजबूरन गरीब जनता को इलाज करवाने के लिए जिला स्तरीय अस्पताल मंडी और आईजीएमसी जाना पड़ेगा, जिससे लोगों का इलाज पर ज्यादा पैसा और कीमती समय दोनों बर्बाद होगा.

150 बिस्तरों के अस्पताल में सिर्फ 4 डॉक्टर
करोड़ों की लागत से निर्मित करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है. इसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दिया. ऐसे में अब यहां सिर्फ 5 ही डॉक्टर व्यवस्था को देखेंगे.

इसमें भी एक डॉक्टर पहले ही मातृत्व अवकाश पर है. इस तरह से वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था केवल 4 डॉक्टरों के सहारे रहेगी. ऐसे में लोगों को घंटों बाहर लाइनों में खड़े रह कर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ेगा है. क्षेत्र की जनता ने पिछले साल 1 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के सामने भी इस मामले को उठाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को कमी जस की तस है.

सरकार ने पहले किए आदेश बाद में खुद ही करवा दी एडजेस्टमेंट
सरकार ने डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए पहले तो करसोग अस्पताल में 4 विभागों में विशेषज्ञों की तैनाती के आदेश जारी किए थे. बाद में खुद ही इन सभी डॉक्टरों की दूसरे स्थान पर भी एडजेस्टमेंट भी करवा दी. ऐसे में डॉक्टरों पर सरकार की इस मेहरवानी का खामियाजा करसोग की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

सरकार ने जिन डॉक्टरों के आदेश जारी किए थे, इसमें सर्जरी, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ और एनथीसिया प्रमुख थे. डॉक्टरों की तैनाती की आदेश 25 जुलाई को तत्काल प्रभाव से कार्यभार संभालने के लिए जारी किए गए थे, लेकिन इन सभी डॉक्टरों ने दो हफ्ते के अंदर ही सरकार से एडजेस्टमेंट करवा ली.

करसोग विधायक हीरालाल का कहना है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि करसोग के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण जनता पहले ही बहुत परेशान है.

ये भी पढ़ें-पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर CM ने जताया शोक, कहा- पार्टी ने खोया एक मजबूत स्तंभ

Intro:करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है। इसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दियाBody:जिस डॉक्टर को लोग देते हैं भगवान का दर्जा, यहां से सरकार ने उसे ही बदल दिया
करसोग
करसोग के जिस सिविल अस्पताल जिस डॉक्टर को करसोग के लोग भगवान का दर्जा देते हैं, सरकार ने अब उसी डॉक्टर का तबादला कर दिया है। यहां बात हो रही है करसोग के सिविल अस्पताल में करीब सात साल से अपनी सेवाएं दे रहे डॉ अनूप शिवहरे अपनी मधुर स्वभाव के कारण डॉ अस्पताल में इलाज के लिए हर मरीज के दिलों पर राज करते हैं करसोग के किसी भी क्षेत्र से बच्चा, बूढ़ा और महिला कोई भी हो केवल शिवहरे से ही अपना इलाज कराना चाहते हैं। इसके लिए भले ही इन्हें घण्टों लाइन में खड़ा रह कर इंतज़ार करना पड़े। डॉ अनूप ने भी कभी किसी मरीज को बिना देखे निराश वापिस नहीं लौटने दिया। इसके लिए भले ही इन्हें अपने सभी जरूरी काम छोड़कर ओवर टाइम क्यों न लगना पड़े। लोगों का कहना है कि डॉ अनूप अच्छे से मरीज की स्वास्थ्य जांच करते हैं। अब सरकार ने ऐसे डॉ का तबादला कर करसोग की हजारों लोगों को निराश कर दिया है। करसोग के सिविल अस्पताल में पहले ही डॉक्टरों की भारी कमी है। । ऐसे में सरकार का ये आदेश करसोग विधानसभा क्षेत्र की 1.25 लाख की आबादी पर भारी पड़ने वाला है। डॉक्टरों की कमी के कारण मजबूरन गरीब जनता को इलाज करवाने के लिए जिला स्तरीय अस्पताल मंडी और आईजीएमसी जाना पड़ेगा। जिससे लोगों का इलाज पर अधिक पैसा और कीमती समय दोनों बर्बाद होगा।

150 बिस्तरों का अस्पताल में केवल 4 डॉक्टर:
करोड़ों की लागत से निर्मित करसोग सिविल अस्पताल में 150 बिस्तरों की सुविधा है। इसको देखते हुए सरकार ने यहां 16 डॉक्टरों के पद सेंक्शन किए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि पहले ही डॉक्टरों की इतनी कमी के बाद भी सरकार ने यहां एक डॉक्टर का तबादला कर दिया। ऐसे में अब यहां केवल 5 ही डॉक्टर व्यवस्था को देखेंगे। इसमें भी एक डॉक्टर पहले ही मातृत्व अवकाश पर है। इस तरह से वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था केवल 4 डॉक्टरों के सहारे रहेगी। ऐसे में लोगों को घंटों बाहर लाइनों में खड़े रह कर अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ेगा है। क्षेत्र की जनता ने पिछले साल 1 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित हुए जनमंच कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के सामने भी इस मामले को उठाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टरों को कमी जस की तस है।

सरकार ने पहले किए आदेश बाद में खुद ही करवा दी एडजेस्टमेंट:
सरकार ने डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए पहले तो करसोग अस्पताल में
4 विभागों में विशेषज्ञों की तैनाती के आदेश जारी किए थे बाद में खुद ही इन सभी डॉक्टरों की दूसरे स्थान पर भी एडजेस्टमेंट भी करवा दी। ऐसे में डॉक्टरों पर सरकार की इस मेहरवानी का खामियाजा करसोग की जनता को भुगतना पड़ रहा है। सरकार ने जिन डॉक्टरों के आदेश जारी किए थे, इसमें सर्जरी, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ व एनथीसिया प्रमुख थे। डॉक्टरों की तैनाती की आदेश 25 जुलाई को तत्काल प्रभाव से कार्यभार संभालने के लिए जारी किए गए थे, लेकिन इन सभी डॉक्टरों ने दो सप्ताह के भीतर ही सरकार से एडजेस्टमेंट करवा ली।

हां एक डॉक्टर का तबादला हुआ है: बीएमओ
बीएमओ करसोग डॉ राकेश प्रताप का कहना है की एक डॉक्टर का तबादला आदेश जारी हुए हैं। अभी डॉक्टर की रिलीव नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री से करूँगा: हीरालाल
करसोग के विधायक हीरालाल का कहना है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि करसोग के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण जनता पहले ही बहुत परेशान है।


Conclusion:करसोग के विधायक हीरालाल का कहना है कि इस मामले पर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि करसोग के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण जनता पहले ही बहुत परेशान है।
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