करसोग/मंडी: हिमाचल प्रदेश में कोरोना से मौत की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, कोरोना को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों पर स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के शव के नजदीक जाने से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण नहीं फैलता है. स्वास्थ्य विभाग खुद भी बॉडी को पूरी तरह से पैक करने में सहयोग करता है.
कोरोना को लेकर समाज में फैल रही भ्रांतियां
इस तरह शव से कोरोना फैलने को लेकर समाज में जो भ्रांतियां फैली हैं वह पूरी तरह से गलत है. लोग पीपीई किट पहन कर और सरकार के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
मृत व्यक्ति से नहीं फैलता कोरोना
कोरोना काल में फैली भ्रांति की वजह से कई जगहों पर अपने ही अपनों के अंतिम संस्कार करने से कतरा रहे हैं. पिछले दिनों करसोग में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था. सिविल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत होने के बाद लोग शव के नजदीक जाने में भी परहेज कर रहे थे, जबकि स्वस्थ्य विभाग ने सरकार की ओर से जारी एडवाजरी का पालन करते हुए बॉडी को पैक किया था. इसके बाद भी लोग छूना तो दूर शव के नजदीक जाने को भी तैयार नहीं थे.
'कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों से हो रहा अमानवीय व्यवहार'
ये मामला केवल करसोग का ही नहीं है अन्य जिलों में भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के से ऐसा अमानवीय व्यवहार हो रहा है. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के लिए संदेश जारी करते हुए कहा है कि मृत व्यक्ति न तो सांस लेता है और ना ही खांस और छींक सकता है. ऐसे में परिजन बिना संकोच शवों को स्वीकार करें.
भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत
बीएमओ डॉ. कंवर गुलेरिया का कहना है कि कोरोना को लेकर फैली भ्रांतियों की वजह से लोग शव के नजदीक आने से परहेज कर रहे हैं. पिछले दिनों करसोग में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मौत के बाद लोग शव के नजदीक नहीं आ रहे थे. उन्होंने कहा कि शव से कोरोना नहीं फैलता है. वैसे भी स्वास्थ्य विभाग बॉडी को पैक करने में पूरा सहयोग करता है. उन्होंने कहा कि समाज में फैली इन भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है. इसके लिए सभी लोगों का सहयोग जरूरी है.
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