मंड़ी: हिमाचल प्रदेश में जिस सरकारी जमीन पर मंदिर बने हैं, उस जमीन को नियमों के तहत उस मंदिर के नाम कर दिया जाएगा. बशर्ते वो जमीन वन भूमि नहीं होनी चाहिए और आसानी से हंस्तातरित होने वाली होनी चाहिए. यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी के संस्कृति सदन में किया. सीएम सुक्खू यहां अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के मौके पर सर्व देवता समिति की तरफ से आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बोल रहे थे.
देवता समिति ने मांग उठाई थी कि जिन मंदिरों का निर्माण सरकारी भूमि पर हुआ है, उस जमीन को संबंधित देवी-देवता के नाम कर दिया जाए, ताकि वहां पर सरायं और शौचालयों के निर्माण किए जा सकें. इस पर सीएम सुक्खू ने हामी तो भरी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ. इस दौरान सीएम ने संस्कृति सदन के शिवरात्रि के बाद वर्ष भर अन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने का ऐलान भी किया. वहीं, सीएम ने अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने वाले देव समाज के लिए एक करोड़ रुपए देने की घोषण भी की.
बता दें कि देवता समिति ने देवी-देवताओं को MP-MLA और अन्य माध्यमों से मिलने वाली विकासात्मक राशि को सीधे मंदिर कमेटी को देने और महोत्सव के दौरान देवी-देवताओं के पड्डल मैदान में बैठने के लिए स्थायी ठीकाने की मांग भी रखी थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने कोई ऐलान नहीं किया. समारोह में सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा, चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, प्रकाश चौधरी, पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर और जिला के अन्य कांग्रेसी नेता भी मौजूद रहे.
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