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हिरदा राम जैसे आजादी के मतवालों को हृदय में बिठाए सरकार, मिले उचित मान-सम्मान

स्वतंत्रता सेनानियों में गिने जाने वाले मंडी के भाई हिरदा राम की जयंती गुरुवार को छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में मनाई गई. मंडी के इंदिरा मार्किट की छत पर स्थापित भाई हिरदा राम की प्रतिमा पर शहर के तमाम बुद्धिजीवियों ने माल्यापर्ण कर इस महान शख्सियत को नमन किया.

Bhai Hirda Ram
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Published : Nov 28, 2019, 12:49 PM IST

मंडी: देश के स्वतंत्रता सेनानियों में गिने जाने वाले मंडी के भाई हिरदा राम की जयंती गुरुवार को छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में मनाई गई. मंडी के इंदिरा मार्किट की छत पर स्थापित भाई हिरदा राम की प्रतिमा पर शहर के तमाम बुद्धिजीवियों ने माल्यापर्ण कर इस महान शख्सियत को नमन किया.

मंडी के इतिहासकार व भाई हिरदा राम स्मारक समिति के सचिव केके नूतन ने सीएम जयराम ठाकुर से भाई हिरदा राम जयंती को सरकारी कार्यक्रम घोषित करने की मांग उठाई है. उन्होंने सीएम से मांग की है कि भाई हिरदा राम को मरणोपरांत सभी प्रकार के मान-सम्मान मिलने चाहिए.

उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार कोई सम्मान नहीं दे पाती हैं तो कम से कम हिमाचल सरकार को इसके लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने बताया कि भाई हिरदा राम मंडी शहर से संबंध रखते थे और होश संभालते ही देश की आजादी की जंग में कूद गए थे. वह गद्दर पार्टी के सदस्य थे.

वीडियो रिपोर्ट.

रानी खैरगढ़ी ने भाई हिरदा राम को बम बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए रास बिहारी बोस के पास भेजा था. बम बनाने के लिए उस वक्त सिर्फ तीन लोगों को चुना गया था, जिसमें भाई हिरदा राम के साथ परमानंद और डॉ. मथरा सिंह शामिल थे.

इन्होंने लाहौर की संसद पर हमला करने के लिए बम बनाए थे, लेकिन अंग्रेजी हकूमत को इनकी साजिश का पता चल गया और इन्हें जेल भेज दिया गया. हालांकि भाई हिरदा राम को फांसी की सजा सुना दी गई थी, लेकिन बाद में उसे उम्रकैद में बदल दिया गया. इस दौरान उन्होंने कई अमानवीय यातनाएं सही.

वहीं, मंडी शहर निवासी धर्मेंद्र राणा ने बताया कि जेल से आजाद होने के बाद जब भाई हिरदा राम मंडी पहुंचे तो उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें भी आज भाई हिरदा राम की तरह अपने बजाए देश हित के लिए सोचना चाहिए. इससे ही देश आगे बढ़ सकता है.

बता दें कि देश की आजादी को दिए गए भाई हिरदा राम के बलिदान को मंडीवासी कभी नहीं भूला सकते. यही कारण है कि हर वर्ष उनकी जयंती पर मंडी में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाता है. जिसमें शहर के तमाम बुद्धिजीवी भाग लेकर भाई हिरदा राम के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल के इस नेता को कहा गया लोकतंत्र खाने वाला राज्यपाल, जब रातों-रात बदल दी आंध्र प्रदेश की सरकार

मंडी: देश के स्वतंत्रता सेनानियों में गिने जाने वाले मंडी के भाई हिरदा राम की जयंती गुरुवार को छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में मनाई गई. मंडी के इंदिरा मार्किट की छत पर स्थापित भाई हिरदा राम की प्रतिमा पर शहर के तमाम बुद्धिजीवियों ने माल्यापर्ण कर इस महान शख्सियत को नमन किया.

मंडी के इतिहासकार व भाई हिरदा राम स्मारक समिति के सचिव केके नूतन ने सीएम जयराम ठाकुर से भाई हिरदा राम जयंती को सरकारी कार्यक्रम घोषित करने की मांग उठाई है. उन्होंने सीएम से मांग की है कि भाई हिरदा राम को मरणोपरांत सभी प्रकार के मान-सम्मान मिलने चाहिए.

उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार कोई सम्मान नहीं दे पाती हैं तो कम से कम हिमाचल सरकार को इसके लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने बताया कि भाई हिरदा राम मंडी शहर से संबंध रखते थे और होश संभालते ही देश की आजादी की जंग में कूद गए थे. वह गद्दर पार्टी के सदस्य थे.

वीडियो रिपोर्ट.

रानी खैरगढ़ी ने भाई हिरदा राम को बम बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए रास बिहारी बोस के पास भेजा था. बम बनाने के लिए उस वक्त सिर्फ तीन लोगों को चुना गया था, जिसमें भाई हिरदा राम के साथ परमानंद और डॉ. मथरा सिंह शामिल थे.

इन्होंने लाहौर की संसद पर हमला करने के लिए बम बनाए थे, लेकिन अंग्रेजी हकूमत को इनकी साजिश का पता चल गया और इन्हें जेल भेज दिया गया. हालांकि भाई हिरदा राम को फांसी की सजा सुना दी गई थी, लेकिन बाद में उसे उम्रकैद में बदल दिया गया. इस दौरान उन्होंने कई अमानवीय यातनाएं सही.

वहीं, मंडी शहर निवासी धर्मेंद्र राणा ने बताया कि जेल से आजाद होने के बाद जब भाई हिरदा राम मंडी पहुंचे तो उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें भी आज भाई हिरदा राम की तरह अपने बजाए देश हित के लिए सोचना चाहिए. इससे ही देश आगे बढ़ सकता है.

बता दें कि देश की आजादी को दिए गए भाई हिरदा राम के बलिदान को मंडीवासी कभी नहीं भूला सकते. यही कारण है कि हर वर्ष उनकी जयंती पर मंडी में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाता है. जिसमें शहर के तमाम बुद्धिजीवी भाग लेकर भाई हिरदा राम के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल के इस नेता को कहा गया लोकतंत्र खाने वाला राज्यपाल, जब रातों-रात बदल दी आंध्र प्रदेश की सरकार

Intro:मंडी। देश के स्वतंत्रता सेनानियों में गिने जाने वाले मंडी के भाई हिरदा राम की जयंती वीरवार को छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में मनाई गई। मंडी के इंदिरा मार्किट की छत पर स्थापित भाई हिरदा राम की प्रतिमा पर शहर के तमाम बुद्धिजीवियों ने माल्यापर्ण कर इस महान शख्सियत को नमन किया।
Body:मंडी के इतिहासकार व भाई हिरदा राम स्मारक समिति के सचिव केके नूतन ने सीएम जयराम ठाकुर ने भाई हिरदा राम जयंती को सरकारी कार्यक्रम घोषित करने की मांग उठाई है। उन्होंने सीएम से मांग की है कि भाई हिरदा राम को मरणोपरांत सभी प्रकार के मान सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार कोई सम्मान नहीं दे पाती हैं तो कम से कम हिमाचल सरकार को इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि भाई हिरदा राम मंडी शहर से संबंध रखते थे और होश संभालते ही देश की आजादी की जंग में कूद गए थे। वह गद्दर पार्टी के सदस्य थे। रानी खैरगढ़ी ने भाई हिरदा राम को बम बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए रास बिहारी बोस के पास भेजा था। बम बनाने के लिए उस वक्त सिर्फ तीन लोगों को चुना गया था, जिसमें भाई हिरदा राम के साथ परमानंद और डॉ. मथरा सिंह शामिल थे। इन्होंने लाहौर की संसद पर हमला करने के लिए बम बनाए थे, लेकिन अंग्रेजी हकूमत को इनकी साजिश का पता चल गया और इन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि भाई हिरदा राम को फांसी की सजा सुना दी गई थी, लेकिन बाद में उसे उम्रकैद में बदल दिया गया। इस दौरान उन्होंने कई अमानवीय यातनाएं सही।

बाइट - केके नूतन, सचिव, भाई हिरदा राम स्मारक समिति

वहीं, मंडी शहर निवासी धर्मेंद्र राणा ने बताया कि जेल से आजाद होने के बाद जब भाई हिरदा राम मंडी पहुंचे तो उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भी आज भाई हिरदा राम की तरह अपने बजाए देश हित के लिए सोचना चाहिए। इससे ही देश आगे बढ़ सकता है।

बाइट - धर्मेंद्र राणा, स्थानीय निवासी Conclusion:बता दें कि देश की आजादी को दिए गए भाई हिरदा राम के बलिदान को मंडीवासी कभी नहीं भूला सकते। यही कारण है कि हर वर्ष उनकी जयंती पर मंडी में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाता है। जिसमें शहर के तमाम बुद्धिजीवी भाग लेकर भाई हिरदा राम के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।
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