करसोग: उपमंडल करसोग में बागवान मौसम की मार झेल रहे हैं. सेब बहुल क्षेत्रों में पहले ही दो बार हो चुकी भारी ओलावृष्टि(hailstorm) से परेशान बागवानों की कमर मौसम के बिगड़े मिजाज ने फिर से तोड़ दी है. यहां रविवार को चिंडी व बखरोट में शाम के समय हुई ओलावृष्टि ने सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है.
सेब के बगीचों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई. ऐसे में सेब ओलों के गिरने से खराब हो गए हैं. अब दाग पड़ने से बागवानों को मंडियों में सेब की आधी कीमत भी नहीं मिलेगी. इसके साथ ही ओलावृष्टि से सेब झड़ कर बर्बाद हो चुका है(Apple crop destroyed). जो फल पेडों पर टिका है, वह भी ओले की चोट से जख्मी है.
इससे पहले भी कई क्षेत्रों में मई माह में दो बार हुई ओलावृष्टि से सेब सहित स्टोन फ्रूट को नुकसान हुआ था. बागवानी विभाग ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक सेब और स्टोन फ्रूट की फसलों को एक करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. ऐसे में अब बागवानों को सेब के बगीचे की देख रेख पर किया गया खर्च पूरा करना भी मुश्किल हो गया है. बागवानों ने सरकार से सेब की फसल को हुए नुकसान की भरपाई किए जाने की मांग की है. बागवान बंसीलाल का कहना है कि भारी ओलावृष्टि से सेब पूरी तरह बर्बाद हो गया है. ओलावृष्टि से सेब की टहनियां तक टूट गई हैं.
करसोग बागवानी विकास अधिकारी चमेली नेगी का कहना है कि ओलावृष्टि की कोई रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. पिछले माह ओलावृष्टि से सेब और स्टोन फ्रूट को एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था. इसकी रिपोर्ट सरकार को पहले ही भेजी जा चुकी है.