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8वीं बार भी नहीं हो पाए बिरोजा निकासी के टैंडर, लेबर सप्लाई मेट्स ने किया बहिष्कार

हिमाचल प्रदेश वन निगम मंडी व सुंदरनगर मंडलों में बिरोजा निकासी का काम एक महीना बीत जाने पर भी शुरू नहीं हो पाया है. नई थोपी गई शर्तों का लेबर सप्लाई मेट बहिष्कार कर रहे हैं. वीरवार को लगातार 8वीं बार लेबर सप्लार्ई मेट्स ने टेंडरों का बहिष्कार किया.

बिरोजा (फाइल फोटो)
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Published : Mar 14, 2019, 11:04 PM IST

मंडीः हिमाचल प्रदेश वन निगम मंडी व सुंदरनगर मंडलों में बिरोजा निकासी का काम एक महीना बीत जाने पर भी शुरू नहीं हो पाया है. नई थोपी गई शर्तों का लेबर सप्लाई मेट बहिष्कार कर रहे हैं. वीरवार को लगातार 8वीं बार लेबर सप्लार्ई मेट्स ने टेंडरों का बहिष्कार किया.

file photo
बिरोजा (फाइल फोटो)

लेबर सप्लाई मेट यूनियन की संयुक्त बैठक प्रदेश उपप्रधान हेम सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक थोपी गई नई शर्तों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक यह बहिष्कार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि बिरोजा सीजन 2019 के लिए ईल्ड बेस रेट, खाली टीनों की आपूर्ति तथा जीएसटी को लेकर यह विरोध चल रहा है. वीरवार को भी इन टेंडरों का बहिष्कार किया गया.

जोगिंदरनगर, पधर, गुम्मा, कटौला, मंडी, नाचन, सराज व करसोग के लेबर सप्लाई मेटो ने अपनी संयुक्त बैठक में इन शर्तों को हटाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार सरकार व प्रबंधन से मिल चुके हैं, लेकिन कोई भी गौर नहीं किया गया, जिस कारण से टेंडर नहीं हो रहे हैं. इस कारण सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस कारण से निगम के कर्मचारियों, बिरोजा दोहन में लगे मजदूरों, खच्चर, घोड़े का काम करने वालों व ट्रक मालिकों पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि वह भी बिरोजा निकासी के काम के साथ परोक्ष अपरोक्ष रूप में जुड़े हैं.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन सरकार को गुमराह कर रहा है और गलत रिपोर्ट देकर कहा जा रहा है कि अधिकांश बिरोजा निकासी का काम दे दिया गया है. कुछ ही जंगल बाकी बचे हैं, जबकि हकीकत इससे उल्ट है. इसे लेकर यूनियन ने मंडलीय प्रबंधन व निदेशक से भी मिल कर अपनी बात रखी. साथ ही यह भी सपष्ट कर दिया कि इन शर्तों पर टेंडर नहीं भरेंगे, इन्हें हटाना ही होगा.

मंडीः हिमाचल प्रदेश वन निगम मंडी व सुंदरनगर मंडलों में बिरोजा निकासी का काम एक महीना बीत जाने पर भी शुरू नहीं हो पाया है. नई थोपी गई शर्तों का लेबर सप्लाई मेट बहिष्कार कर रहे हैं. वीरवार को लगातार 8वीं बार लेबर सप्लार्ई मेट्स ने टेंडरों का बहिष्कार किया.

file photo
बिरोजा (फाइल फोटो)

लेबर सप्लाई मेट यूनियन की संयुक्त बैठक प्रदेश उपप्रधान हेम सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक थोपी गई नई शर्तों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक यह बहिष्कार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि बिरोजा सीजन 2019 के लिए ईल्ड बेस रेट, खाली टीनों की आपूर्ति तथा जीएसटी को लेकर यह विरोध चल रहा है. वीरवार को भी इन टेंडरों का बहिष्कार किया गया.

जोगिंदरनगर, पधर, गुम्मा, कटौला, मंडी, नाचन, सराज व करसोग के लेबर सप्लाई मेटो ने अपनी संयुक्त बैठक में इन शर्तों को हटाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार सरकार व प्रबंधन से मिल चुके हैं, लेकिन कोई भी गौर नहीं किया गया, जिस कारण से टेंडर नहीं हो रहे हैं. इस कारण सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस कारण से निगम के कर्मचारियों, बिरोजा दोहन में लगे मजदूरों, खच्चर, घोड़े का काम करने वालों व ट्रक मालिकों पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि वह भी बिरोजा निकासी के काम के साथ परोक्ष अपरोक्ष रूप में जुड़े हैं.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन सरकार को गुमराह कर रहा है और गलत रिपोर्ट देकर कहा जा रहा है कि अधिकांश बिरोजा निकासी का काम दे दिया गया है. कुछ ही जंगल बाकी बचे हैं, जबकि हकीकत इससे उल्ट है. इसे लेकर यूनियन ने मंडलीय प्रबंधन व निदेशक से भी मिल कर अपनी बात रखी. साथ ही यह भी सपष्ट कर दिया कि इन शर्तों पर टेंडर नहीं भरेंगे, इन्हें हटाना ही होगा.

आठवीं बार भी नहीं हो पाए बिरोजा निकासी के टेंडर, लेबर सप्लाई मेटों ने
किया बहिष्कार
थोपी गई नई शर्तों को हटाने पर अड़े
मंडी। हिमाचल प्रदेश वन निगम मंडी व सुंदरनगर मंडलों में बिरोजा निकासी का काम एक महीना बीत जाने पर भी शुरू नहीं हो पाया। नई थोपी गई शर्तों का लेबर सप्लाई मेट बहिष्कार कर रहे हैं। वीरवार को लगातार आठवीं बार लेबर सप्लार्ई मेटों ने टेंडरों का बहिष्कार किया। 
लेबर सप्लाई मेट यूनियन की संयुक्त बैठक प्रदेश उपप्रधान हेम सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक थोपी गई नई शर्तों को वापस नहीं लिया जाता तब तक यह बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि बिरोजा सीजन 2019 के लिए ईल्ड बेस रेट, खाली टीनों की आपूर्ति तथा जीएसटी  को लेकर यह विरोध चल रहा है। वीरवार को भी इन टेंडरों का बहिष्कार किया गया। जोगिंदरनगर, पधर, गुम्मा, कटौला,
मंडी, नाचन, सराज व करसोग के लेबर सप्लाई मेटों ने अपनी संयुक्त बैठक मेंइन शर्तों को हटाने की मांग उठाई। बताया कि इस बारे में कई बार सरकार व प्रबंधन से मिल चुके हैं मगर कोई भी गौर नहीं किया गया जिस कारण से टेंडर नहीं हो रहे हैं और सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस कारण से निगम के कर्मचारियों, बिरोजा दोहन में लगे मजदूरों, खच्चर घोड़े का काम करने वालों व ट्रक मालिकों पर भी असर पड़ेगा क्योंकि वह भी बिरोजा निकासी के काम के साथ परोक्ष अपरोक्ष रूप में जुड़े हैं। यह भी
आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन सरकार को गुमराह कर रहा है और गलत रिपोर्ट देकर कहा जा रहा है कि अधिकांश बिरोजा निकासी का काम दे दिया गया है। कुछ ही जंगल बाकी बचे हैं जबकि हकीकत इससे उल्ट है। इसे लेकर यूनियन ने मंडलीय प्रबंधन व निदेशक से भी मिल कर अपनी बात रखी। यह भी सपष्ट कर दिया कि इन शर्तों पर टेंड नहीं भरेंगे, इन्हें हटाना ही होगा।
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