मंडीः हिमाचल प्रदेश वन निगम मंडी व सुंदरनगर मंडलों में बिरोजा निकासी का काम एक महीना बीत जाने पर भी शुरू नहीं हो पाया है. नई थोपी गई शर्तों का लेबर सप्लाई मेट बहिष्कार कर रहे हैं. वीरवार को लगातार 8वीं बार लेबर सप्लार्ई मेट्स ने टेंडरों का बहिष्कार किया.
लेबर सप्लाई मेट यूनियन की संयुक्त बैठक प्रदेश उपप्रधान हेम सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक थोपी गई नई शर्तों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक यह बहिष्कार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि बिरोजा सीजन 2019 के लिए ईल्ड बेस रेट, खाली टीनों की आपूर्ति तथा जीएसटी को लेकर यह विरोध चल रहा है. वीरवार को भी इन टेंडरों का बहिष्कार किया गया.
जोगिंदरनगर, पधर, गुम्मा, कटौला, मंडी, नाचन, सराज व करसोग के लेबर सप्लाई मेटो ने अपनी संयुक्त बैठक में इन शर्तों को हटाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार सरकार व प्रबंधन से मिल चुके हैं, लेकिन कोई भी गौर नहीं किया गया, जिस कारण से टेंडर नहीं हो रहे हैं. इस कारण सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस कारण से निगम के कर्मचारियों, बिरोजा दोहन में लगे मजदूरों, खच्चर, घोड़े का काम करने वालों व ट्रक मालिकों पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि वह भी बिरोजा निकासी के काम के साथ परोक्ष अपरोक्ष रूप में जुड़े हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन सरकार को गुमराह कर रहा है और गलत रिपोर्ट देकर कहा जा रहा है कि अधिकांश बिरोजा निकासी का काम दे दिया गया है. कुछ ही जंगल बाकी बचे हैं, जबकि हकीकत इससे उल्ट है. इसे लेकर यूनियन ने मंडलीय प्रबंधन व निदेशक से भी मिल कर अपनी बात रखी. साथ ही यह भी सपष्ट कर दिया कि इन शर्तों पर टेंडर नहीं भरेंगे, इन्हें हटाना ही होगा.