लाहौल स्पीतिः तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. राममलाल मारकंडा आज फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवलस- स्नो फेस्टिवल में शिरकत करने अपनी दो दिवसीय दौरे पर त्रिलोकनाथ पहुंचे. यहां स्थानीय लोगों ने उनका पारम्परिक तरीके से स्वागत-सम्मान किया. त्रिलोकीनाथ योर उत्सव के समापन समारोह पर तकनीकी शिक्षा एवं जनजातीय विकास मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए. भगवान त्रिलोकीनाथ की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लेने के बाद कार्यक्रम में भाग लिया.
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स्नो उत्सव के समापन समारोह
आज मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने त्रिलोकनाथ पहुंचकर यहां पिछले दो दिनों से चल रहे ऐतिहासिक त्रिलोकनाथ स्नो उत्सव के समापन समारोह में भाग लिया. यहां के सांस्कृतिक-पारंपरिक अनुष्ठान के भागीदार बने डॉक्टर मारकंडा, कल मडग्रां में चल रहे योर उत्सव के समापन समारोह में भी मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करेंगे. डॉ. मारकंडा ने कहा कि स्नो फेस्टिवल के अंतर्गत चल रहे सभी उत्सवों में पुरातन संस्कृति को सहेजने के उद्देश्य से जिले में चल रहे कार्यक्रमों का आयोजन प्रत्येक गांव के स्तर पर किया जा रहा है.
त्रिलोकनाथ योर में 8 फीट ऊंचा बर्फ का शिवलिंग
त्रिलोकनाथ योर में लगभग 8 फीट ऊंचा बर्फ का शिवलिंग बनाया गया व पारंपरिक रूप से इसकी पूजा अर्चना की गई. इसके पश्चात सामूहिक रूप से पारंपरिक नृत्य शैली में इसके चारों तरफ परिक्रमा करते हुए पारम्परिक वेषभूषा में मुखौटा पहनकर प्रकृति की पूजा की जाती है. लोगों ने भविष्य के लिए अच्छी साल फसल व खुशहाली की कामना करते हुए प्रार्थना की. त्रिलोकनाथ योर में विशेष रूप से भाग लेते हुए डॉ. रामलाल मारकंडा ने आज लुप्त हो रही जनजातीय सांस्कृतिक विरासत को स्नो फेस्टिवल के माध्यम से पुनर्जीवित करने व सहेजने की बात कही.
संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास
जनजातीय विकास मंत्री राम लाल मारकंडा ने कहा कि स्नो फेस्टिवल के माध्यम से समृद्ध लुप्त हो रही संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है और घाटी की समृद्ध संस्कृति व त्योहारों को पर्यटन से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए अधिक से अधिक होम स्टे रजिस्टर किया जा रहा है, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले.
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