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दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल उद्घाटन को तैयार, जानें वो खूबियां जो इसे बनाती हैं खास

हिमाचल के मनाली को लेह से जोड़ने वाली अटल सुरंग, दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है, जो समुद्र तल से 10,000 फीट ऊपर है. इस सुरंग को 6 साल से कम अवधि में पूरा किया जाना था, लेकिन इसके पूरी तरह तैयार होने में 10 साल का वक्त लगा है. देश के इंजीनियरों और मजदूरों की दस साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार अटल सुरंग रोहतांग उद्घाटन के लिए तैयार है. करीब 160 साल पुराना सपना अब मूर्त रूप लेने जा रहा है.

atal tunnel rohtang
अटल टनल रोहतांग.
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Published : Oct 1, 2020, 6:16 AM IST

Updated : Oct 2, 2020, 7:45 PM IST

कुल्लू: तीन अक्टूबर को अटल रोहतांग टनल का लोकार्पण पीएम मोदी करेंगे. दो दशक पूर्व देखा गए सपने के धरातल पर उतरने से भारतीय सेना को सामरिक दृष्टि से संजीवनी मिलेगी और साथ ही हिमाचल की आर्थिक तस्वीर भी बदलेगी.

अटल टनल बन जाने से लाहौल घाटी में टूरिज्म बढ़ेगा और साथ ही जीडीपी में इसका योगदान भी. छह महीने तक शेष विश्व से कटी रहने वाली लाहौल घाटी सारा साल आवागमन के लिए खुली रहेगी. लाहौल का आलू और अन्य स्थानीय उत्पाद अब आसानी से बाजार तक पहुंचेंगे.

सुरंग का डिजाइन तैयार करने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी स्नोई माउंटेन इंजीनियरिंग कंपनी (एसएमईसी) की वेबसाइट के मुताबिक रोहतांग दर्रे पर सुरंग बनाने का पहला विचार 1860 में मोरावियन मिशन ने रखा था. जानिए टनल का पूरा इतिहास.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर करीब 3200 करोड़ रुपये की लगात से बनी दुनिया की यह सबसे लंबी हाईवे सुरंग लद्दाख के हिस्से को साल भर संपर्क सुविधा प्रदान करेगी. इस टनल की कई खुबियां हैं.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

यह टनल देश के बेहतरीन इंजीनियर्स और मजदूरों की दस साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है. पहले इसे 6 साल में बनाकर तैयार किया जाना था, लेकिन बाद में 4 साल और अधिक टाइम बढ़ गया. यह टनल देश में अपनी तरह की इकलौती है. इसे आधुनिक स्तर पर तैयार किया गया है.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

इस टनल को बनाने में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इसमें केवल एक छोर से काम कर रहे थे, दूसरा छोर रोहतांग के पास उत्तर में था. एक साल में सिर्फ 5 महीने ही काम किया जा सकता था. अटल टनल प्रोजेक्ट पर कुल खर्च 3,200 करोड़ हुआ है, लेकिन 2010 में यह 1,700 करोड़ था.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

अटल टनल से लाहौल घाटी समेत मनाली और पूरे प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. यह टनल पर्यटकों के लिए एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगी. लाहौल घाटी के सारा साल शेष विश्व से जुड़े रहने के बाद सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. प्रदेश में बेस्ट टूरिज्म डेस्टीनेशन के तौर पर मनाली का नाम चर्चित है.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

वैसे तो अटल टनल के निर्माण का सपना पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी ने देखा था, लेकिन इसे धरातल पर उतारने का काम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया. अब ये सपना नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरा हुआ है.

पिछले साल ही पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर घोषणा की थी कि हिमाचल प्रदेश में रोहतांग के पास जो टनल बनाई जा रही है उसे अटल टनल के नाम से जाना जाएगा. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सुरंग लद्दाख क्षेत्र में सैन्य आवाजाही के लिए सालभर उपयोग करने लायक रास्ता उपलब्ध कराएगी.

अटल रोहतांग टनल होकर चीन और पाकिस्तान से स्टे सीमावर्ती क्षेत्रों को सेना और रसद पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी. इस सुरंग ने देश के इंजीनियरिंग के इतिहास में कई कीर्तिमान रचे हैं और बहुत से ऐसे काम है जिन्हें पहली बार इस परियोजना में अंजाम दिया गया.

कुल्लू: तीन अक्टूबर को अटल रोहतांग टनल का लोकार्पण पीएम मोदी करेंगे. दो दशक पूर्व देखा गए सपने के धरातल पर उतरने से भारतीय सेना को सामरिक दृष्टि से संजीवनी मिलेगी और साथ ही हिमाचल की आर्थिक तस्वीर भी बदलेगी.

अटल टनल बन जाने से लाहौल घाटी में टूरिज्म बढ़ेगा और साथ ही जीडीपी में इसका योगदान भी. छह महीने तक शेष विश्व से कटी रहने वाली लाहौल घाटी सारा साल आवागमन के लिए खुली रहेगी. लाहौल का आलू और अन्य स्थानीय उत्पाद अब आसानी से बाजार तक पहुंचेंगे.

सुरंग का डिजाइन तैयार करने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी स्नोई माउंटेन इंजीनियरिंग कंपनी (एसएमईसी) की वेबसाइट के मुताबिक रोहतांग दर्रे पर सुरंग बनाने का पहला विचार 1860 में मोरावियन मिशन ने रखा था. जानिए टनल का पूरा इतिहास.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर करीब 3200 करोड़ रुपये की लगात से बनी दुनिया की यह सबसे लंबी हाईवे सुरंग लद्दाख के हिस्से को साल भर संपर्क सुविधा प्रदान करेगी. इस टनल की कई खुबियां हैं.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

यह टनल देश के बेहतरीन इंजीनियर्स और मजदूरों की दस साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है. पहले इसे 6 साल में बनाकर तैयार किया जाना था, लेकिन बाद में 4 साल और अधिक टाइम बढ़ गया. यह टनल देश में अपनी तरह की इकलौती है. इसे आधुनिक स्तर पर तैयार किया गया है.

Features of Atal Tunnel
फोटो.

इस टनल को बनाने में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इसमें केवल एक छोर से काम कर रहे थे, दूसरा छोर रोहतांग के पास उत्तर में था. एक साल में सिर्फ 5 महीने ही काम किया जा सकता था. अटल टनल प्रोजेक्ट पर कुल खर्च 3,200 करोड़ हुआ है, लेकिन 2010 में यह 1,700 करोड़ था.

Features of Atal Tunnel
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अटल टनल से लाहौल घाटी समेत मनाली और पूरे प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. यह टनल पर्यटकों के लिए एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगी. लाहौल घाटी के सारा साल शेष विश्व से जुड़े रहने के बाद सैलानियों की संख्या बढ़ेगी. प्रदेश में बेस्ट टूरिज्म डेस्टीनेशन के तौर पर मनाली का नाम चर्चित है.

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वैसे तो अटल टनल के निर्माण का सपना पूर्व पीएम स्व. इंदिरा गांधी ने देखा था, लेकिन इसे धरातल पर उतारने का काम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया. अब ये सपना नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरा हुआ है.

पिछले साल ही पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर घोषणा की थी कि हिमाचल प्रदेश में रोहतांग के पास जो टनल बनाई जा रही है उसे अटल टनल के नाम से जाना जाएगा. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह सुरंग लद्दाख क्षेत्र में सैन्य आवाजाही के लिए सालभर उपयोग करने लायक रास्ता उपलब्ध कराएगी.

अटल रोहतांग टनल होकर चीन और पाकिस्तान से स्टे सीमावर्ती क्षेत्रों को सेना और रसद पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी. इस सुरंग ने देश के इंजीनियरिंग के इतिहास में कई कीर्तिमान रचे हैं और बहुत से ऐसे काम है जिन्हें पहली बार इस परियोजना में अंजाम दिया गया.

Last Updated : Oct 2, 2020, 7:45 PM IST
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