कुल्लू: कोरोना काल के बाद हिमाचल प्रदेश में स्कूल अब खुल चुके हैं. वहीं, अगले महीने से नए सत्र के लिए भी स्कूलों में प्रवेश परीक्षा शुरू हो जाएंगी. स्कूलों में छात्रों के लिए बेहतर इंतजाम हैं या नहीं इसकी जांच भी अब शिक्षा विभाग के द्वारा की जाएगी.
जिला कुल्लू में भी अब स्कूल शिक्षा के लिए खुल चुके हैं और स्कूलों में छात्रों का आना भी शुरू हो गया है. वहीं, स्कूलों में छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा के साथ-साथ उनके लिए जरूरी सुविधाओं का इंतजाम हो. इन सभी की जांच भी शिक्षा विभाग के द्वारा की जाएगी.
वहीं, बच्चों के शारीरिक विकास (physical Growth) के लिए जिला भर के निजी स्कूलों में खेल मैदानों की व्यवस्था है या नहीं इस पर भी शिक्षा विभाग (Education Department) की टीम के द्वारा फोकस किया जाएगा, ताकि निजी स्कूल (private schools) के द्वारा जो जानकारी स्कूल की संबद्धता लेने के लिए दी गई थी. उसकी भी सही तरीके से जांच हो सके.
जिला कुल्लू में करीब 250 निजी स्कूल हैं और इन स्कूलों में हजारों छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं. शिक्षा विभाग (Education Department) के अनुसार जब भी कोई निजी स्कूल के लिए आवेदन करता है तो निजी स्कूल चलाने के लिए उचित कमरे, शिक्षकों के लिए बेहतर व्यवस्था, शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था के अलावा प्राकृतिक आपदा जैसे अग्निकांड व भूकंप से बचाव के प्रबंध भी भवन में होने काफी आवश्यक है.
सभी पहलुओं की जांच के बाद स्कूल चलाने की अनुमति दी जाती है
बच्चों के शारीरिक विकास के लिए खेल मैदान का होना भी जरूरी है. इन सभी पहलुओं की जांच शिक्षा विभाग के द्वारा गठित टीम के द्वारा की जाती है और उसके बाद ही स्कूल चलाने की अनुमति दी जाती है. हालांकि जिला कुल्लू के अधिकतर स्कूलों में यह सभी सुविधाएं छात्रों के लिए उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे स्कूलों में खेल मैदानों की कमी देखी जा सकती है.
वहीं, स्कूल में अगर अग्निकांड हो जाए तो निजी स्कूल प्रबंधन के द्वारा भी इसकी जानकारी समय-समय पर छात्रों को दी जाती है. वही भूकंप जैसी आपदा से निपटने के बारे में भी आपदा प्रबंधन टीम के साथ मिलकर स्कूलों में शिविर के माध्यम से छात्रों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि स्कूल में शिक्षा के साथ छात्र प्राकृतिक आपदा से बचाव के बारे में भी जानकारी हासिल कर सके.
बच्चों को समय-समय पर जानकारी दी जाती है
कुल्लू के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि जहां वे स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को हासिल कर रहे हैं तो वहीं, स्कूल में अगर अग्निकांड या भूकंप जैसी स्थिति पैदा हो तो उसके बारे में भी उन्हें समय-समय पर जानकारी दी जाती है, ताकि वे खुद सुरक्षित होते हुए बाकी अन्य छात्रों को भी सुरक्षित भवन से बाहर निकाल सकें.
जिला कुल्लू निजी स्कूल संघ के उपाध्यक्ष सुरेश कुमार कहना है कि जिला में सभी स्कूल शिक्षा विभाग (Education Department) के द्वारा जारी नियमों का पालन कर रहे हैं और वे अपने संघ के माध्यम से भी सभी निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हैं. प्राकृतिक आपदा व अग्निकांड से निपटने के लिए भी छात्रों को तैयार किया जा रहा है.
सभी निजी स्कूलों की भी जांच की जाएगी
उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) के उपनिदेशक सीता राम बंसल का कहना है कि नए स्कूल खोलने के आवेदन में सभी पहलुओं की जांच शिक्षा विभाग की टीम के द्वारा की जाती है. कोरोना के दौरान कई स्कूलों की समय पर जांच नहीं हो पाई. अब शिक्षा विभाग ((Education Department) की टीम के द्वारा जिला में चल रहे सभी निजी स्कूलों की भी जांच की जाएगी और अगर कोई स्कूल नियमों का पालन नहीं करता है तो उसकी संबद्धता को भी रद्द किया जा सकता है.
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