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अटल टनल के बाद रोहतांग रोपवे बनेगा सैलानियों के लिए आकर्षण, PM समेत CM ने की मॉडल की तारीफ

कुल्लू में अब रोहतांग रोपवे का निर्माण किया जाएगा जिसपर 450 करोड़ रुपये का खर्च होंगे. कम्पनी की ओर से रोपवे का काम 3 चरणों में तैयार किया जाएगा. वहीं, प्रदेश सरकार ने रोप-वे निर्माण के लिए लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं.

रोप-वे मॉडल को देखते पीएम
रोप-वे मॉडल को देखते पीएम
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Published : Oct 7, 2020, 4:13 PM IST

कुल्लू: पर्यटन नगरी में अब जहां पर्यटकों के लिए अटल टनल नए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ है. वहीं, आने वाले दिनों में रोहतांग रोपवे भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा. 9 किलोमीटर लंबे इस रोपवे का मॉडल अब बनकर तैयार है और वन मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

पीपीपी मोड पर बनने वाले इस रोहतांग रोपवे के निर्माण पर 450 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और कम्पनी की ओर से इसे 3 चरणों में तैयार किया जाएगा. वहीं, प्रदेश सरकार के इस महत्वकांक्षी रोप-वे निर्माण के लिए लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. कंपनी ने अटल टनल के लोकार्पण पर सोलंग आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोपवे को लेकर तैयार किए माॅडल से रूबरू करवाया. प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रोपवे के माॅडल को सराहा.

रोप-वे मॉडल को देखते पीएम
रोप-वे मॉडल को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी.

इस रोपवे का निर्माण तीन चरणों पर होगा. शुरुआती प्वाइंट कोठी पर्यटन स्थल रहेगा, जहां से गुलाबा को पहला और फिर गुलाबा से मढ़ी और मढ़ी से रोहतांग दर्रे तक करीब नौ किलोमीटर रोप-वे का निर्माण होगा. इसके निर्माण से गर्मियों सहित सर्दियों में भी कुल्लू मनाली के पर्यटन कारोबार को पंख लगेंगे. सैलानी सर्दियों में बर्फबारी का भी आनंद उठा पाएंगे. देश सहित विदेश के पर्यटकों के लिए यह रोपवे आकर्षण का केंद्र बनेगा. रोहतांग दर्रे पर सर्दियों में हर साल करीब 20 से 25 फीट बर्फ पड़ती है. ऐसे में सामान्य ट्रैफिक का संचालन हो नहीं हो पाता है और चार महीने के लिए यह दर्रा बंद रहता है.

रोहतांग रोप-वे मॉडल
रोहतांग रोप-वे मॉडल.

दिसंबर से मार्च तक रोहतांग दर्रा पर पर्यटन आवाजाही बंद रहती है. रोहतांग रोप-वे में पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी और पर्यटन कारोबार बढ़ेगा. दर्रे में तीन चरणों में बनने जा रहे इस रोप-वे से मनाली से 50 किमी दूर रोहतांग के सफर को 45 मिनट ही लगेंगे. रोप-वे लगने के बाद हालांकि रोहतांग दर्रा दिसंबर के बाद मार्च तक तीन माह के लिए बंद रहेगा, लेकिन इसके साथ सटा मशहूर पर्यटन स्थल मढ़ी सालभर सैलानियों के लिए खुला रहेगा. सैलानी यहां बर्फ में खेलने और साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे.

मनाली में पर्यटन कारोबार को बढ़ाने में यह रोपवे कारगर साबित होगा. हालांकि गुलाबा में बना नेचर पार्क भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन रोहतांग के लिए रोपवे के माध्यम से घूमने जाने वाले सैलानियों के लिए यह रोप वे काफी रोमांचकारी होगा. पलचान-रोहतांग रोप-वे का एक तरफ का नौ किलोमीटर लंबा सफर होगा. करीब 450 करोड़ रुपये से बनने जा रहे इस रोप-वे का निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा किया जाना है.

स्की हिमालया कंपनी के निदेशक अमिताभ शर्मा ने बताया रोहतांग दर्रे में रोपवे को माॅडल तैयार किया है. इस माॅडल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सराहा है. रोपवे निर्माण को लेकर सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. अनुमति मिलते ही जल्द सरकार से शिलान्यास करवाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अटल टनल से 200 मीटर पहले तक फोटो व वीडियोग्राफी पर लगा प्रतिबंध, अवहेलना पर होगी कार्रवाई

कुल्लू: पर्यटन नगरी में अब जहां पर्यटकों के लिए अटल टनल नए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ है. वहीं, आने वाले दिनों में रोहतांग रोपवे भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा. 9 किलोमीटर लंबे इस रोपवे का मॉडल अब बनकर तैयार है और वन मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

पीपीपी मोड पर बनने वाले इस रोहतांग रोपवे के निर्माण पर 450 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और कम्पनी की ओर से इसे 3 चरणों में तैयार किया जाएगा. वहीं, प्रदेश सरकार के इस महत्वकांक्षी रोप-वे निर्माण के लिए लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. कंपनी ने अटल टनल के लोकार्पण पर सोलंग आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोपवे को लेकर तैयार किए माॅडल से रूबरू करवाया. प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रोपवे के माॅडल को सराहा.

रोप-वे मॉडल को देखते पीएम
रोप-वे मॉडल को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी.

इस रोपवे का निर्माण तीन चरणों पर होगा. शुरुआती प्वाइंट कोठी पर्यटन स्थल रहेगा, जहां से गुलाबा को पहला और फिर गुलाबा से मढ़ी और मढ़ी से रोहतांग दर्रे तक करीब नौ किलोमीटर रोप-वे का निर्माण होगा. इसके निर्माण से गर्मियों सहित सर्दियों में भी कुल्लू मनाली के पर्यटन कारोबार को पंख लगेंगे. सैलानी सर्दियों में बर्फबारी का भी आनंद उठा पाएंगे. देश सहित विदेश के पर्यटकों के लिए यह रोपवे आकर्षण का केंद्र बनेगा. रोहतांग दर्रे पर सर्दियों में हर साल करीब 20 से 25 फीट बर्फ पड़ती है. ऐसे में सामान्य ट्रैफिक का संचालन हो नहीं हो पाता है और चार महीने के लिए यह दर्रा बंद रहता है.

रोहतांग रोप-वे मॉडल
रोहतांग रोप-वे मॉडल.

दिसंबर से मार्च तक रोहतांग दर्रा पर पर्यटन आवाजाही बंद रहती है. रोहतांग रोप-वे में पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी और पर्यटन कारोबार बढ़ेगा. दर्रे में तीन चरणों में बनने जा रहे इस रोप-वे से मनाली से 50 किमी दूर रोहतांग के सफर को 45 मिनट ही लगेंगे. रोप-वे लगने के बाद हालांकि रोहतांग दर्रा दिसंबर के बाद मार्च तक तीन माह के लिए बंद रहेगा, लेकिन इसके साथ सटा मशहूर पर्यटन स्थल मढ़ी सालभर सैलानियों के लिए खुला रहेगा. सैलानी यहां बर्फ में खेलने और साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे.

मनाली में पर्यटन कारोबार को बढ़ाने में यह रोपवे कारगर साबित होगा. हालांकि गुलाबा में बना नेचर पार्क भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, लेकिन रोहतांग के लिए रोपवे के माध्यम से घूमने जाने वाले सैलानियों के लिए यह रोप वे काफी रोमांचकारी होगा. पलचान-रोहतांग रोप-वे का एक तरफ का नौ किलोमीटर लंबा सफर होगा. करीब 450 करोड़ रुपये से बनने जा रहे इस रोप-वे का निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा किया जाना है.

स्की हिमालया कंपनी के निदेशक अमिताभ शर्मा ने बताया रोहतांग दर्रे में रोपवे को माॅडल तैयार किया है. इस माॅडल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सराहा है. रोपवे निर्माण को लेकर सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. अनुमति मिलते ही जल्द सरकार से शिलान्यास करवाया जाएगा.

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