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मनाली में बहाल हुआ रोहतांग दर्रा, कोकसर की ओर बढ़े BRO के डोजर

बीआरओ ने मनाली की ओर से रोहतांग दर्रा बहाल कर लिया है. अभी कोकसर व रोहतांग तक करीब 17 किलोमीटर सड़क बहाल नहीं हो पाई है. रोहतांग से कोकसर तक सड़क पर पांच से 10 फीट तक बर्फ के ढेर लगे हुए हैं.

मार्ग बहाली में जुटी बीआरओ की मशीन
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Published : May 10, 2019, 9:56 AM IST

कुल्लू: विश्वभर के सैलानियों में अपनी खास जगह बनाने वाले रोहतांग दर्रे के द्वार खुल गए हैं. गुरूवार को मनाली की ओर से बीआरओ के डोजर रोहतांग पार कर कोकसर की ओर उतरना शुरू हो गए. वहीं, लाहौल की ओर भी डोजर कोकसर से रोहतांग की ओर बढ़ना शुरू हो गए हैं.

बता दें कि इस बार सर्दियों में ज्यादा बर्फबारी होने से रोहतांग दर्रे में बर्फ के ढेर लगे हुए हैं. बीआरओ ने मनाली की ओर से रोहतांग दर्रा बहाल कर लिया है, लेकिन अभी कोकसर व रोहतांग तक करीब 17 किलोमीटर सड़क बहाल नहीं हो पाई है. रोहतांग से कोकसर तक सड़क पर पांच से 10 फीट तक बर्फ के ढेर लगे हुए हैं. ऐसे में मतदान के दिन से पहले केलंग को मनाली से जोड़ना बीआरओ के लिए चुनौती रहेगा.

rohtang pass will opened soon
मार्ग बहाली में जुटी बीआरओ की मशीन

हालांकि, लोकसभा चुनाव के चलते बीआरओ ने 19 मई तक रोहतांग दर्रे को बहाल करने का लक्ष्य रखा है. बीआरओ ने मार्ग बहाली को गति दी है, लेकिन अब ये परिस्तिथियों पर ही निर्भर रहेगा. वहीं, देश-विदेश से मनाली आकर 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे के दीदार करने वाले सैलानियों को अभी कुछ दिन इंतजार करना होगा. इन दिनों सैलानी अभी रोहतांग से 15 किलोमीटर पीछे मढ़ी तक ही जा रहे हैं. रोहतांग दर्रे के बहाल होते ही पांच महीने बाद लाहौल घाटी कुल्लू से जुड़ जाएगी, जिससे लाहौल घाटी में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी.

मार्ग बहाली में जुटी बीआरओ की मशीन

एसडीएम मनाली अश्वनी कुमार ने कहा कि रोहतांग दर्रे समेत मनाली-केलंग मार्ग बहाल होते ही सैलानियों के लिए भी दर्रा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा इस महीने के आखिर में रोहतांग के बहाल होने की उम्मीद है.

कुल्लू: विश्वभर के सैलानियों में अपनी खास जगह बनाने वाले रोहतांग दर्रे के द्वार खुल गए हैं. गुरूवार को मनाली की ओर से बीआरओ के डोजर रोहतांग पार कर कोकसर की ओर उतरना शुरू हो गए. वहीं, लाहौल की ओर भी डोजर कोकसर से रोहतांग की ओर बढ़ना शुरू हो गए हैं.

बता दें कि इस बार सर्दियों में ज्यादा बर्फबारी होने से रोहतांग दर्रे में बर्फ के ढेर लगे हुए हैं. बीआरओ ने मनाली की ओर से रोहतांग दर्रा बहाल कर लिया है, लेकिन अभी कोकसर व रोहतांग तक करीब 17 किलोमीटर सड़क बहाल नहीं हो पाई है. रोहतांग से कोकसर तक सड़क पर पांच से 10 फीट तक बर्फ के ढेर लगे हुए हैं. ऐसे में मतदान के दिन से पहले केलंग को मनाली से जोड़ना बीआरओ के लिए चुनौती रहेगा.

rohtang pass will opened soon
मार्ग बहाली में जुटी बीआरओ की मशीन

हालांकि, लोकसभा चुनाव के चलते बीआरओ ने 19 मई तक रोहतांग दर्रे को बहाल करने का लक्ष्य रखा है. बीआरओ ने मार्ग बहाली को गति दी है, लेकिन अब ये परिस्तिथियों पर ही निर्भर रहेगा. वहीं, देश-विदेश से मनाली आकर 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे के दीदार करने वाले सैलानियों को अभी कुछ दिन इंतजार करना होगा. इन दिनों सैलानी अभी रोहतांग से 15 किलोमीटर पीछे मढ़ी तक ही जा रहे हैं. रोहतांग दर्रे के बहाल होते ही पांच महीने बाद लाहौल घाटी कुल्लू से जुड़ जाएगी, जिससे लाहौल घाटी में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी.

मार्ग बहाली में जुटी बीआरओ की मशीन

एसडीएम मनाली अश्वनी कुमार ने कहा कि रोहतांग दर्रे समेत मनाली-केलंग मार्ग बहाल होते ही सैलानियों के लिए भी दर्रा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा इस महीने के आखिर में रोहतांग के बहाल होने की उम्मीद है.

मनाली की और से पार हुआ रोहतांग दर्रा
जल्द बहाल हो सकता है रोहतांग दर्रा
कुल्लू
देश व दुनिया के सैलानियों में अपनी खास जगह बनाने वाले रोहतांग दर्रे के द्वार खुल गए हैं। मनाली की ओर से बीआरओ के डोजर वीरवार को रोहतांग पार कर कोकसर की ओर उतरना शुरू हो गए। लाहुल की ओर भी डोजर कोकसर से रोहतांग की ओर बढऩा शुरू हो गए हैं। बीआरओ ने मनाली की ओर से रोहतांग दर्रा बहाल कर लिया है। लेकिन अभी कोकसर व रोहतांग तक करीब 17 किलोमीटर सड़क बहाली शेष है। इस बार सर्दियों में अधिक बर्फबारी होने से रोहतांग दर्रे में बर्फ के ढेर लगे हैं। रोहतांग दर्रे के बहाल होते ही पांच महीने बाद लाहुल घाटी कुल्लू से जुड़ जाएगी। साथ ही लाहुल घाटी में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी। हालांकि लोकसभा चुनाव के चलते बीआरओ ने 19 मई तक रोहतांग दर्रे को बहाल करने का लक्ष्य रखा है। अब यह परिस्तिथियों पर ही निर्भर रहेगा, लेकिन बीआरओ ने मार्ग बहाली को गति दी है। रोहतांग से कोकसर तक 17 किलोमीटर सड़क पर पांच से 10 फीट तक बर्फ के ढेर लगे हुए हैं। ऐसे में मतदान के दिन से पहले केलंग को मनाली से जोडऩा बीआरओ के लिए चुनौती रहेगा। वही, देश-विदेश से मनाली आकर 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे के दीदार करने वाले सैलानियों को अभी कुछ दिन इंतजार करना होगा। इन दिनों सैलानी अभी रोहतांग से 15 किलोमीटर पीछे मढ़ी तक ही जा रहे हैं। एसडीएम मनाली अश्वनी कुमार ने कहा कि रोहतांग दर्रे सहित मनाली-केलंग मार्ग बहाल होते ही सैलानियों के लिए भी दर्रा बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा इस महीने के आखिर में रोहतांग के बहाल होने की उम्मीद है।
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