कुल्लू: विश्वभर के सैलानियों में अपनी खास जगह बनाने वाले रोहतांग दर्रे के द्वार खुल गए हैं. गुरूवार को मनाली की ओर से बीआरओ के डोजर रोहतांग पार कर कोकसर की ओर उतरना शुरू हो गए. वहीं, लाहौल की ओर भी डोजर कोकसर से रोहतांग की ओर बढ़ना शुरू हो गए हैं.
बता दें कि इस बार सर्दियों में ज्यादा बर्फबारी होने से रोहतांग दर्रे में बर्फ के ढेर लगे हुए हैं. बीआरओ ने मनाली की ओर से रोहतांग दर्रा बहाल कर लिया है, लेकिन अभी कोकसर व रोहतांग तक करीब 17 किलोमीटर सड़क बहाल नहीं हो पाई है. रोहतांग से कोकसर तक सड़क पर पांच से 10 फीट तक बर्फ के ढेर लगे हुए हैं. ऐसे में मतदान के दिन से पहले केलंग को मनाली से जोड़ना बीआरओ के लिए चुनौती रहेगा.
हालांकि, लोकसभा चुनाव के चलते बीआरओ ने 19 मई तक रोहतांग दर्रे को बहाल करने का लक्ष्य रखा है. बीआरओ ने मार्ग बहाली को गति दी है, लेकिन अब ये परिस्तिथियों पर ही निर्भर रहेगा. वहीं, देश-विदेश से मनाली आकर 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे के दीदार करने वाले सैलानियों को अभी कुछ दिन इंतजार करना होगा. इन दिनों सैलानी अभी रोहतांग से 15 किलोमीटर पीछे मढ़ी तक ही जा रहे हैं. रोहतांग दर्रे के बहाल होते ही पांच महीने बाद लाहौल घाटी कुल्लू से जुड़ जाएगी, जिससे लाहौल घाटी में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी.
एसडीएम मनाली अश्वनी कुमार ने कहा कि रोहतांग दर्रे समेत मनाली-केलंग मार्ग बहाल होते ही सैलानियों के लिए भी दर्रा बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा इस महीने के आखिर में रोहतांग के बहाल होने की उम्मीद है.