कुल्लू: देशभर में इन दोनों पितृ पक्ष चल रहा है. पितृ पक्ष के दौरान पितरों के नाम पर श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी किया जा रहा है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो आचार्यों का कहना कि वह व्यक्ति पितृ पक्ष के दौरान कुछ नियमों का पालन करके पितरों का आशीर्वाद ग्रहण कर सकता है. पितृ पक्ष के दौरान जातक पूजा पाठ से अपने पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें और पितरों से आशीर्वाद के लिए भी कामना करें.
आचार्य दीप कुमार का कहना है कि पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध पक्ष में श्रीमद् भागवत, पितृ स्रोत या फिर नवग्रह स्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से भी पितृ दोष से जातक को शांति मिलती है. पितृ पक्ष के दौरान किचन या घर के किसी की भी कोने में झूठे बर्तन नहीं रखना चाहिए और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए. पितृ पक्ष के दौरान किचन में झूठे बर्तन रखना बहुत अशुभ माना जाता है. वही झूठे बर्तन रखने से महालक्ष्मी नाराज होती है और जातक को पितृ दोष भी लगता है.
सनातन धर्म के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष है तो उसे पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ और शिवलिंग पर नियमित जल चढ़ाना चाहिए. साथ ही देसी घी का दीपक जलाना चाहिए. जातक को इस दौरान पितरों का स्मरण करना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जातक को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है.
इसके अलावा पितृ पक्ष में ब्राह्मण, गरीबों और जरूरतमंद को भोजन जरूर करवाए. उन्हें अन्न, धन और वस्त्र का दान करें. ऐसा करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. पितृ पक्ष के दौरान सूर्य को तांबे के लोटे में लाल फूल डालकर जल चढ़ाएं और अपने इष्ट देवता तथा कुल देवता का स्मरण करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है. पितृ पक्ष के दौरान गाय, कुत्ते, कौवे और पशु पक्षियों के लिए भी भोजन का एक भाग जरुर डालना चाहिए. इसके साथ ही गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में ग्रहों का शुभ प्रभाव भी काम होता है.