कुल्लू: उप मण्डल बंजार के तीर्थन घाटी के कई गावों में लोग आज तक सड़कों के नहीं होने से परेशानी का सामना कर रहे हैं. ग्राम पंचायत नोहण्डा कहने को तो विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है,लेकिन अभी तक सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी कई मूलभूत सुविधाओं नहीं. दारन, शूंगचा, घाट, लाकचा, नाहीं, शालींगा, टलींगा, डींगचा, खरुंगचा, नडाहर और झनियार आदि गांवों के लोगों को सड़क का इंतजार हैं. गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो मरीज को दुर्गम पहाड़ी पगडंडी रास्तों से लकड़ी की पालकी में उठा कर सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है.
ताजा मामले में रोशन लाल पुत्र भेद राम उम्र 29 वर्ष को की गुरुवार शाम अचानक तबीयत खराब हो गई. गांव में कोई स्वास्थ्य सुविधा ना होने के कारण शुक्रवार सुबह लोगों ने पालकी में 4 किलोमीटर का सफर तय कर पेखड़ी सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जहां से उसे निजी वाहन से इलाज के लिए ले जाया गया.
नाहीं गांव के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में ना तो सड़क सुविधा है और ना ही स्वास्थ्य सुविधा है हैरानी की बात यह है कि इसकी चिंता ना तो प्रशासन को है और ना ही सरकार को. स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां कोई भी दवाखाना या सरकारी डिस्पेंसरी नहीं. परेशानी की बात यह है कि छात्रों को हाई स्कूल या इससे आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रतिदिन करीब दो से पांच घंटे तक का सफर पैदल तय करना पड़ता है.
ग्रामीणों का कहना है कि विश्व धरोहर की अधिसूचना जारी होने के बाद पार्क क्षेत्र से उनके हक छीन लिए गए, लेकिन पार्क प्रबंधन ने प्रभावित क्षेत्र के लोगों के उत्थान एवं विकास के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया. क्षेत्र के लोगों को आजतक राजनेताओं से सड़क के नाम पर महज आश्वासन मिलता हैं.
पिछले वर्ष गुशैनी में हुए जनमंच में भी समस्या से सरकार और प्रशासन को अवगत करवाया लेकिन कुछ नहीं हुआ. लोगों ने सरकार से इस दिशा में कदम उठाकर राहत पहुंचाने का आग्रह किया. लोक निर्माण विभाग उप मण्डल बंजार के सहायक अभियन्ता रोशन लाल ठाकुर ने बताया नगलाड़ी नाला से नाहीं घाट लाकचा प्रस्तावित सड़क को राज्य सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन नाबार्ड से इसकी मंजूरी मिलना बाकी है.
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