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मनाली-लेह मार्ग अप्रैल के अंत तक हो सकता है बहाल, युद्धस्तर पर कार्य जारी

बीआरओ ने लेह-लद्दाख की सीमाओं पर बैठे देश के प्रहरियों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए हैं. बीआरओ ने जम्मू-श्रीनगर-लेह नेशनल हाइवे को बहाल कर दिया है. अब बीआरओ की प्राथमिकता मनाली-सरचू-लेह नेशनल हाइवे को बहाल करना है.

manali leh national highway
मनाली-लेह मार्ग अप्रैल के अंत तक हो सकता है बहाल
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Published : Apr 12, 2020, 8:32 PM IST

मनालीः बीआरओ ने लेह-लद्दाख की सीमाओं पर बैठे देश के प्रहरियों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए हैं. बीआरओ ने जम्मू-श्रीनगर-लेह नेशनल हाइवे को बहाल कर दिया है. अब बीआरओ की प्राथमिकता मनाली-सरचू-लेह नेशनल हाइवे को बहाल करना है.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस मार्ग को समय पर बहाल करने के मकसद से बीआरओ ने पहली बार बारालाचा के उस पार सरचू में भी अस्थाई चौकी स्थापित की है. इस चौकी के स्थापित होने से बीआरओ ने मौसम खराब रहने के बावजूद लाभ भी उठाया है. बीआरओ सरचू से आगे बढ़ते हुए बारालाचा दर्रे के पास पहुंच गया है, जबकि जिला लाहौल के दारचा से भी बीआरओ ने बारालाचा की ओर कूच किया है.

मौसम की परिस्थितियां ठीक रही तो बीआरओ इसी महीने लेह-लद्दाख को मनाली से जोड़ देगा. हालांकि बीआरओ ने जोजिला-पास को बहाल कर जम्मू को लेह से जोड़ दिया है, लेकिन सेना की दृष्टि से मनाली लेह मार्ग को सुगम माना गया है.

बीआरओ ने बारालाचा दर्रे के साथ-साथ रोहतांग दर्रे की बहाली को भी गति दे दी है. मनाली की ओर से राहनीनाला व लाहौल की ओर से राक्षी ढांक से आगे निकल गए हैं. रोहतांग दर्रे की बहाली दोनों ओर से मात्र 20 किमी शेष रह गई है. कुल्लू मनाली में फंसे सैंकड़ों लोग रोहतांग बहाली के इंतजार कर रहे हैं. रोहतांग दर्रा बहाल होते ही लोग घरों का रुख करेंगे.

बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि बीआरओ युद्धस्तर पर मनाली लेह मार्ग बहाली में जुटा हुआ है. मौसम ने साथ दिया तो डेढ़ सप्ताह में रोहतांग दर्रा बहाल हो जाएगा जबकि इसी महीने के आखिर में मनाली को लेह से जोड़ दिया जाएगा.

पढ़ेंः जो काम कई सरकारें नहीं कर पाईं वो 'कोरोना' कर गया, देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट

मनालीः बीआरओ ने लेह-लद्दाख की सीमाओं पर बैठे देश के प्रहरियों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए हैं. बीआरओ ने जम्मू-श्रीनगर-लेह नेशनल हाइवे को बहाल कर दिया है. अब बीआरओ की प्राथमिकता मनाली-सरचू-लेह नेशनल हाइवे को बहाल करना है.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस मार्ग को समय पर बहाल करने के मकसद से बीआरओ ने पहली बार बारालाचा के उस पार सरचू में भी अस्थाई चौकी स्थापित की है. इस चौकी के स्थापित होने से बीआरओ ने मौसम खराब रहने के बावजूद लाभ भी उठाया है. बीआरओ सरचू से आगे बढ़ते हुए बारालाचा दर्रे के पास पहुंच गया है, जबकि जिला लाहौल के दारचा से भी बीआरओ ने बारालाचा की ओर कूच किया है.

मौसम की परिस्थितियां ठीक रही तो बीआरओ इसी महीने लेह-लद्दाख को मनाली से जोड़ देगा. हालांकि बीआरओ ने जोजिला-पास को बहाल कर जम्मू को लेह से जोड़ दिया है, लेकिन सेना की दृष्टि से मनाली लेह मार्ग को सुगम माना गया है.

बीआरओ ने बारालाचा दर्रे के साथ-साथ रोहतांग दर्रे की बहाली को भी गति दे दी है. मनाली की ओर से राहनीनाला व लाहौल की ओर से राक्षी ढांक से आगे निकल गए हैं. रोहतांग दर्रे की बहाली दोनों ओर से मात्र 20 किमी शेष रह गई है. कुल्लू मनाली में फंसे सैंकड़ों लोग रोहतांग बहाली के इंतजार कर रहे हैं. रोहतांग दर्रा बहाल होते ही लोग घरों का रुख करेंगे.

बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि बीआरओ युद्धस्तर पर मनाली लेह मार्ग बहाली में जुटा हुआ है. मौसम ने साथ दिया तो डेढ़ सप्ताह में रोहतांग दर्रा बहाल हो जाएगा जबकि इसी महीने के आखिर में मनाली को लेह से जोड़ दिया जाएगा.

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