कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की सैंज घाटी के न्यूली से आगे सड़क मार्ग बीते में आई बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. हालांकि अब यहां पर नदी नालों पर झूला पुल लगाने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन झूला पुल अभी तक स्थापित नहीं हो पाए हैं. ऐसे में शाकटी, मरोड़, शुगाड व साथ लगते आधा दर्जन गांवों के लोगों को नदी नालों को पार कर अपने अपने घरों की ओर पहुंचना पड़ रहा है. इतना ही नहीं उन्हें सामान लेने के लिए भी कई किलोमीटर पैदल रास्ता तय करना पड़ रहा है. जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
वहीं, घाटी के ग्रामीणों का नदी नालों को पार करता हुआ वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. ग्रामीण प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार इस समस्या को जल्द से जल्द सुलझाए. वरना नदी नालों के पानी में कभी भी कोई हादसा पेश आ सकता है. गाड़ा पारली पंचायत की प्रधान यमुना देवी, ग्रामीण लग्न चंद, निर्मला देवी, हीरा लाल, राकेश कुमार, कर्म चंद का कहना है कि बाढ़ के चलते उनकी सड़क पानी में बह गई है. ऐसे में उन्हें अपने रोजमर्रा के सामान के लिए भी 25 से 30 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है. ऐसे में बीच में कई ऐसे नदी नाले हैं जिनके पानी का बहाव काफी तेज है और उसे पार करते समय में भी कोई हादसा पेश आ सकता है.
उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों ने नदी नालों पर झूला पुल लगाने की भी मांग कुल्लू प्रशासन से की थी, लेकिन अभी तक यह कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है, जबकि लोगों को अपने कार्य के लिए सैंज या फिर अन्य इलाकों का रुख करना पड़ रहा है. सरकार स्थानीय ग्रामीणों की समस्या को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द यहां पर झूला पुल लगाए, ताकि लोगों को बनते हुए नदी नालों को पार करने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.
डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि लोक निर्माण विभाग का मैकेनिकल विंग लगातार झूला पुल लगाने में जुटा हुआ है और 9 झूला पुल लगाने का कार्य अभियान अंतिम चरण में है. ऐसे में अब जल्द ही लोगों को झूला पुल की सुविधा मिलेगी. बरसात का मौसम खत्म होने के बाद यहां पर स्थाई तौर पर पुलों का भी निर्माण किया जाएगा.
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