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सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ पर ADM की लोगों से अपील, ट्रैफिक रुल्स की करें पालना

सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ पर ADM की लोगों से अपील, ट्रैफिक रुल्स की की करें पालना

kullu adm
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Published : Feb 4, 2019, 11:21 PM IST

कुल्लू: अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अक्षय सूद ने सभी लोगों से यातायात के नियमों का पालन करने और वाहन चलाते समय पूरी सावधानी बरतने की अपील की है. सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर ढालपुर मैदान में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एडीएम ने ये अपील की.
अक्षय सूद ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मृत्यु हो जाती है और लगभग साढे चार लाख लोग घायल या जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं. इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा रहती है. लगभग 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं तेज रफ्तार, नशे की हालत में ड्राइविंग, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने, अन्य लापरवाही या मानवीय भूल के कारण ही होती हैं. इसलिए हर वाहन चालक और पैदल यात्री को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए. इससे सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है.
एडीएम ने कहा कि हमें यातायात नियमों को कभी भी बोझ या मजबूरी नहीं समझना चाहिए. उन्होंने बच्चों और महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि अगर उनका कोई परिजन तेज रफ्तार से वाहन चला रहा है या सड़क पर पूरा ध्यान नहीं दे रहा है तो उसे तुरंत टोकें और रोंके.
डीएसपी आशीष शर्मा ने बताया कि यातायात के नियम व्यापक सर्वे और विचार-विमर्श के बाद ही तैयार किए जाते हैं. ये नियम सड़क पर आम लोगों के जीवन की रक्षा के लिए ही बनाए गए हैं. इनका उल्लंघन किसी भी समय किसी की जान ले सकता है. कुल्लू जिला में पिछले साल कुल 203 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 97 लोगों की जान चली गई. हमें वाहन चलाते समय यह जरूर याद रखना चाहिए कि सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की असामयिक मौत उसके पूरे परिवार को कभी न भरने वाला जख्म दे जाती है.

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कुल्लू: अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अक्षय सूद ने सभी लोगों से यातायात के नियमों का पालन करने और वाहन चलाते समय पूरी सावधानी बरतने की अपील की है. सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर ढालपुर मैदान में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एडीएम ने ये अपील की.
अक्षय सूद ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मृत्यु हो जाती है और लगभग साढे चार लाख लोग घायल या जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं. इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा रहती है. लगभग 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं तेज रफ्तार, नशे की हालत में ड्राइविंग, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने, अन्य लापरवाही या मानवीय भूल के कारण ही होती हैं. इसलिए हर वाहन चालक और पैदल यात्री को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए. इससे सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है.
एडीएम ने कहा कि हमें यातायात नियमों को कभी भी बोझ या मजबूरी नहीं समझना चाहिए. उन्होंने बच्चों और महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि अगर उनका कोई परिजन तेज रफ्तार से वाहन चला रहा है या सड़क पर पूरा ध्यान नहीं दे रहा है तो उसे तुरंत टोकें और रोंके.
डीएसपी आशीष शर्मा ने बताया कि यातायात के नियम व्यापक सर्वे और विचार-विमर्श के बाद ही तैयार किए जाते हैं. ये नियम सड़क पर आम लोगों के जीवन की रक्षा के लिए ही बनाए गए हैं. इनका उल्लंघन किसी भी समय किसी की जान ले सकता है. कुल्लू जिला में पिछले साल कुल 203 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 97 लोगों की जान चली गई. हमें वाहन चलाते समय यह जरूर याद रखना चाहिए कि सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की असामयिक मौत उसके पूरे परिवार को कभी न भरने वाला जख्म दे जाती है.

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यातायात नियमों का पालने करें, जीवन बचाएं: अक्षय सूद
सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ पर एडीएम ने लोगों से की अपील
ढालपुर मैदान में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को किया गया जागरूक
परिवहन विभाग ने विभिन्न विभागों के सहयोग से आयोजित किया कार्यक्रम

   अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अक्षय सूद ने सभी लोगों से यातायात के नियमों का अक्षरशः पालन करने और वाहन चलाते समय पूरी सावधानी बरतने की अपील की है। सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर ढालपुर मैदान में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एडीएम ने यह अपील की। 
  उन्होंने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मृत्यु हो जाती है और लगभग साढे चार लाख लोग घायल या जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं। इनमें युवाओं की संख्या ज्यादा रहती है। लगभग 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं तेज रफ्तार, नशे की हालत में ड्राइविंग, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने, अन्य लापरवाही या मानवीय भूल के कारण ही होती हैं। इसलिए हर वाहन चालक और पैदल यात्री को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। इससे सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है। एडीएम ने कहा कि हमें यातायात नियमों को कभी भी बोझ या मजबूरी नहीं समझना चाहिए। उन्होंने बच्चों और महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि अगर उनका कोई परिजन तेज रफ्तार से वाहन चला रहा है या सड़क पर पूरा ध्यान नहीं दे रहा है तो उसे तुरंत टोकें और रोंके।
  इस अवसर पर डीएसपी आशीष शर्मा ने बताया कि यातायात के नियम व्यापक सर्वे और विचार-विमर्श के बाद ही तैयार किए जाते हैं। ये नियम सड़क पर आम लोगों के जीवन की रक्षा के लिए ही बनाए गए हैं। इनका उल्लंघन किसी भी समय किसी की जान ले सकता है। उन्होंने बताया कि कुल्लू जिला में पिछले वर्ष कुल 203 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 97 लोगों की जान चली गई। हमें वाहन चलाते समय यह जरूर याद रखना चाहिए कि सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की असामयिक मौत उसके पूरे परिवार को कभी न भरने वाला जख्म दे जाती है।
  इससे पहले आरटीओ कमलजीत शर्मा ने मुख्य अतिथि, अन्य अतिथियों और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह का थीम ‘सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा’ रखा गया है। 
  समारोह के दौरान सूत्रधार कला संगम, मन्नत कला मंच, चामुंडा नर्सिंग संस्थान और क्रिश्चियन नर्सिंग संस्थान के कलाकारों ने गीत-संगीत व नाटक के माध्यम से सड़क सुरक्षा का संदेश दिया। इस मौके पर सड़क सुरक्षा से संबंधित पंफलेट भी बांटे गए। कार्यक्रम में डाईट के प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा, दिनेश सेन, विभिन्न ट्रांसपोर्ट यूनियनों के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। 
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