कु्ल्लू/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों जेबीटी प्रशिक्षु अपनी मांगों को लेकर जगह-जगह धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जेबीटी प्रशिक्षुओं की शिक्षा विभाग से मांग है कि बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी में शामिल ना किया जाए. इसी मांग को लेकर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में भी जेबीटी प्रशिक्षुओं के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया और मांग रखी गई कि शिक्षा विभाग जल्द से जल्द उनके हक में फैसला ले. (jbt trainees strike)
जेबीटी प्रशिक्षु संजीव ठाकुर व प्रियंका का कहना है कि प्रदेश में बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी में शामिल न किया जाए. उन्होंने प्रश्न उठाया कि जब जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए अलग से सरकारी और निजी सरकारी संस्थान खोले गए हैं. तो बीएड डिग्री धारकों को कैसे जेबीटी के लिए पात्र किया जा रहा है. वहीं, हर साल 5 हजार से ज्यादा युवा जेबीटी की ट्रेनिंग लेते हैं और बीएड और जेबीटी डिग्री धारक दोनों की न्यूनतम योग्यता भी अलग-अलग है. (Junior Basic Training)
उन्होंने कहा कि जेबीटी टेट में बीएड को लाने से जेबीटी/ डीएलएड के हक को छीना जा रहा है. जहां प्रदेश में चार हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल मात्र एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं और प्रदेश में बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं. ऐसे में इस तरह के फैसले जेबीटी/ डीएलएड डिप्लोमा धारकों के लिए तो बिल्कुल भी राहत भरे नहीं हैं.
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तो वहीं, बिलासपुर में भी जेबीटी प्रशिक्षुओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान यूनियन उपाध्यक्ष रतनजीत शर्मा ने कहा कि जेबीटी टेट में बीएड धारकों को शामिल किया गया है, जोकि सही निर्णय नहीं है. उन्होंने कहा कि जेबीटी प्रशिक्षुओं की बात यदि नहीं मानी जाती है तो और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी उच्च अधिकारियों की होगी.