कुल्लू: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता साल 2019 के एक मामले में रद्द कर दी गई है. ऐसे में कांग्रेस के नेता अगर चाहते तो वे तुरंत इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जा सकते थे. लेकिन अभी तक उनके द्वारा ऐसी कोई भी कार्यवाही नहीं की गई. जिससे पता चलता है कि आज कांग्रेस के ही नेता नहीं चाहते हैं कि देश में राहुल गांधी को नेतृत्व करने का मौका मिले. ढालपुर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि सूरत गुजरात कोर्ट ने एक फैसला दिया है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई है. उन्होंने मोदी नाम पर टिप्पणी कर पूरे ओबीसी और तेली समाज का अपमान किया है. कानून के अनुसार अगर किसी लोकसभा, विधानसभा के सदस्य को दो वर्ष की सजा हो जाती है तो उसकी सदस्यता निलंबित हो जाती है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने 1971 में चुनाव जीतने पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया.
उस दौरान भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मामला दर्ज किया था और उस समय उनकी सदस्यता को खत्म किया था. 25 जून 1975 को देश मे आपातकाल लागू किया था, जो 31 मार्च 1977 तक चला. देश के कई वरिष्ठ नेताओं अटल बिहारी, लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया गया था. गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी सीरियल ऑफेंडर है और वे बार-बार इस तरह के बयान बार-बार देते हैं.
राफेल मामले में भी राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग चुके हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को जो सजा मिली है उसमें केंद्र की सरकार व भाजपा पर दोष नहीं दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह आदत बन गई है और पहले भी वे सुप्रीम कोर्ट से ऐसे मामले में माफी मांग चुके हैं. उन्हें कहा गया था कि भविष्य में ऐसी टिप्पणी न करें, लेकिन वे आदत से मजबूर हैं.
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