कुल्लू: जिला कुल्लू में 14 नवंबर को मनाए जाने वाले दिवाली उत्सव में आग संबंधी घटनाओं को रोकने के लिए दमकल विभाग कुल्लू ने कमर कस ली है. हालांकि विभाग की तैयारियां विंटर सीजन को देखते हुए पहले से ही हैं.
सर्दी के मौसम की शुरुआत होने पर जिले में जंगलों के साथ रिहायशी इलाकों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. पिछले एक माह से जिले में करीब दो दर्जन आगजनी की घटनाएं हो गई है.
जिला कुल्लू पहले से ही आग के लिए अति संवेदनशील है ऐसे में दिवाली में किसी तरह की घटना ना हो इसके लिए गृह रक्षा विभाग ने अलर्ट रहने के आदेश जारी किए हैं. जिलों में अग्निशमन केंद्रों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है.
कुल्लू, मनाली लारजी पतलीकुहल व बंजार में करीब 100 से अधिक अग्निशमन कर्मचारियों की तैनाती की गई है. कर्मचारियों की छुट्टियां दिवाली के अगले दिन 15 नवंबर तक बंद कर दी गई है. वहीं, अवकाश पर गए विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी वापस बुलाया गया है.
दमकल विभाग ने दीवाली के दौरान आग को काबू करने के लिए उपकरणों की जांच और वाहनों को रात दिन तैयार रखा है. शहर भर में लगे जल शक्ति विभाग के हाइड्रेंट का भी निरीक्षण किया जा रहा है. अब कोई भी कर्मचारी अवकाश पर नहीं जा पाएगा.
जिला मुख्यालय कुल्लू के सरवरी स्थित अग्निशमन विभाग में 30 कर्मचारियों को तैनात किया गया है वहीं अन्य स्टाफ को भी 24 घंटे सतर्क रहने को कहा गया है.
अग्निशमन विभाग कुल्लू के अधिकारी दुर्गा सिंह का कहना है कि दिवाली के लिए विभाग मुस्तैद है. सभी वाहनों व स्टाफ को अलर्ट पर रखा गया है और छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है.
गौर रहे कि जिला कुल्लू में 80 फ़ीसदी गांव आगजनी की दृष्टि से अति संवेदनशील है. ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों किसानों की ओर से पशुओं के लिए सर्दी का चारा भंडारण किया गया है. ऐसे में आग लगने का खतरा अधिक बढ़ जाता है.