कुल्लू: धार्मिक नगरी मणिकर्ण में एसआरटीसी ने बस अड्डे पर अपनी रस्सी लगाकर विवाद खड़ा कर दिया है. यहां के बस अड्डे पर जो नाका लगाया गया है, उससे आगे ग्रामीणों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और उन्होंने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. यही नहीं हर दिन मणिकर्ण बस अड्डे पर ग्रामीणों व एचआरटीसी कर्मियों में बहस भी हो रही है.
दरअसल, मणिकर्ण बस अड्डे के आरएम के फरमान के बाद यहां पर प्रवेश करने वाले वाहनों से 40 रुपए फीस वसूली जा रही है. जो भी वाहन बस अड्डे में प्रवेश करेगा, उसे 40 रुपए एंट्री फीस देनी होगी. लेकिन, एसआरटीसी प्रबंधन यह भूल गया कि मणिकर्ण गांव को जाने का रास्ता ही बस अड्डे से होकर गुजरता है. जिस कारण विवाद खड़ा हो गया है. निगम ने रस्सी लगाकर अब ग्रामीणों से भी उगाही शुरू कर दी है.
वहीं, मणिकर्ण टैक्सी ऑपरेटर यूनियन व स्थानीय ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल आज ढालपुर में डीसी आशुतोष गर्ग से मिला और इस समस्या के समाधान की मांग रखी. इस दौरान भाजपा के पूर्व प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर व टैक्सी यूनियन मणिकर्ण के प्रधान चंद्रपाल भी उपस्थित रहे. उन्होंने बताया कि मणिकर्ण पार्वती नदी के दोनों छोर पर बसा है. एक छोर पर स्थानीय लोगों के होटल, बस अड्डा व कुछ मकान हैं. जबकि, बस अड्डे की दूसरी तरफ मणिकर्ण बाजार, मणिकर्ण गांव, राम मंदिर, शिव मंदिर, गुरुद्वारा, रघुनाथ मंदिर, नैना माता मंदिर, शिव दवाला सहित गर्म पानी के चश्मे हैं.
सभी लोगों को बस अड्डे होकर ही मणिकर्ण बाजार में प्रवेश करना पड़ता है. लेकिन एचआरटीसी ने नाका लगाकर ग्रामीणों का प्रवेश बंद कर दिया है और कोई भी अपने वाहन को बस अड्डे से होकर प्रवेश नहीं करवा सकता है. जिस कारण लोगों व दुकानदारों को अपना सामान बस अड्डे से पीठ पर ढोकर ले जाना पड़ रहा है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है और वे आंदोलन के लिए भी तैयार हैं.
भाजपा नेता एवं पूर्व प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर ने कहा कि अगर जनता की मांग नहीं मानी गई तो सरकार और एचआरटीसी के खिलाफ आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आते ही मणिकर्ण के लोगों को मुसीबत में डाल दिया है. अब मणिकर्ण के लोग घर तक अपने वाहन नहीं ले जा सकते है. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में यह फरमान सहन नहीं किया जाएगा. वहीं, मणिकर्ण टैक्सी यूनियन के प्रधान चंद्रपाल ने बताया कि यहां पर एचआरटीसी के इस फरमान से टैक्सी ऑपरेटर भी खासे परेशान हैं. क्योंकि टैक्सी ऑपरेटर स्थानीय है और उन्हें अपनी टैक्सी को पार करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एचआरटीसी के द्वारा जो रस्सी लगाई गई है, उसे जल्द से जल्द खोला जाए.
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