कुल्लू : जिला में जागरूकता अभियान के बावजूद बाल विवाह के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं. 2 महीने के अंदर तीन बाल विवाह के मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में बाल विवाह के मामलों के बाद प्रशासन के चलाए जा रहे जागरूकता अभियान पर भी सवाल उठने लगे हैं.
बता दें कि बीते माह बाल विवाह का सबसे पहला मामला गड़सा घाटी के ज्येष्ठा में सामने आया. जहां पर एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही थी. विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन परिजनों ने दोनों लड़की और लड़के को मौके से भगा दिया. हालांकि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
इसके बाद एक और मामला बाल विवाह का आया. वहीं, तीसरा मामला सैंज में सामने आया. जहां कुल्लू क्षेत्र से संबंध रखने वाले एक नाबालिग की शादी की तैयारी चल रही थी, लेकिन विभाग की टीम ने समय पर पहुंचकर बाल विवाह को रोका. इसके बाद परिजनों व लड़का-लड़की की काउंसलिंग भी की गई.
ये भी पढ़ें: ऊना में ट्यूशन टीचर पर छात्रा के साथ का छेड़छाड़ का आरोप, जांच में जुटी पुलिस
सामाजिक कार्यकर्ता सुनील राणा, दीवान चंद और दलीप ठाकुर ने कहा कि बाल विवाह का होना आज के दौर में जागरूकता का अभाव है. प्रशासन व विभाग को चाहिए कि बाल विवाह के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए. वहीं, जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र आर्य ने कहा कि विभाग की सतर्कता के कारण बाल विवाह को रोका गया है. विभाग की ओर से कई कार्यक्रम और अभियान के माध्यम से बाल विवाह के प्रति जागरूक किया जाता है.