कुल्लू: हजारों किलोमीटर दूर विदेश में समंदर के बीच कई महीनों तक जहाज पर ड्यूटी देने के बाद अपने घर लौटने की खुशी और उत्सुकता किसे नहीं होती. अरसे बाद अपने परिजनों के बीच खुशियां बांटना आखिर किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन अगर आपको घर पहुंचने के बावजूद चार हफ्तों तक अपनों से अलग रहना पड़े तो इसके लिए बहुत ही धैर्य व संयम की आवश्यकता होगी. आज का यह करोना काल विश्व के हर व्यक्ति से यही धैर्य व संयम मांग रहा है.
जी हां किन्हीं कारणों से क्वारंटाइन पर रखे गए लोग अगर चंद दिनों तक थोड़ा सा धैर्य व संयम रखें तो करोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में भी बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है मर्चेंट नेवी के एक युवा अफसर आदित्य गौतम ने. 19 मार्च को सिंगापुर से कुल्लू लौटे आदित्य ने एक जिम्मेदार एवं जागरूक नागरिक का परिचय देते हुए खुद को घर में ही 28 दिन तक क्वारन्टाइन करके एक मिसाल कायम की है.
19 मार्च को जब आदित्य दिल्ली भुंतर की फ्लाइट से कुल्लू के सुल्तानपुर स्थित अपने घर पहुंचे तो उस समय हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी नहीं हुए थे. प्रदेश में यह कोरोना संकट का शुरुआती दौर ही था, लेकिन दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में विकराल रूप धारण कर चुका था. आदित्य इस खतरे से भलीभांति परिचित थे.
19 मार्च को ही कुल्लू के एसडीएम अनुराग शर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा ने आदित्य को फोन करके तुरंत होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए. एक जिम्मेदार एवं जागरूक नागरिक का परिचय देते हुए आदित्य ने अपने आप को घर में ही अलग कमरे में क्वारंटाइन कर लिया. कई महीनों के बाद घर लौटे नेवी के अफसर आदित्य को 3 वर्षीय बेटे माधव, पत्नी माता-पिता बुआ और छोटे भाई के संयुक्त परिवार के बीच खुशियां बांटने के बजाए एक बिल्कुल अलग कमरे में 28 दिनों तक रहे.
इन परिस्थितियों से एक सबक लेते हुए आदित्य कोरोना की लड़ाई में योगदान देने और जरूरतमंद लोगों की मदद का संकल्प लिया. शहर में गरीब लोगों और प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन मुहैया करवा रही संस्थाओं को आर्थिक योगदान देने के साथ-साथ उन्होंने बड़े पैमाने पर मास्क तैयार करवाने और आम लोगों के बीच बांटने की पहल की है. आदित्य 5000 से अधिक मास्क बांट चुके हैं, वहीं 100 से अधिक गरीब लोगों को भी राशन उपलब्ध करवा चुके हैं.
इस प्रकार कोरोना के बड़े हॉटस्पॉट दक्षिण पूर्व एशिया से लौटे मर्चेंट नेवी के अफसर आदित्य ने क्वारंटाइन के नियमों का पालन किया, बल्कि अब वह कोरोना विरोधी लड़ाई में सक्रिय योगदान भी दे रहे हैं.
ये भी पढ़ें- राजधानी में दिखा सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा, युवाओं में देखने को मिला खासा उत्साह