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किन्नौर में ठंड बढ़ने से भेड़ पालकों ने निचले इलाकों की ओर किया रुख - sheep keepers in kinnaur

जिला किन्नौर की पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पतझड़ भी शुरू हो रहा है. ऐसे में जिला किन्नौर के भेड़पालक व उनकी देखरेख करने वाले लोग प्रदेश के समतल वाले क्षेत्रों की ओर पलायन करते नजर आ रहे हैं.

Sheep farmers migrated
भेड़ पालकों ने निचले क्षेत्रों की ओर किया पलायन
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Published : Oct 11, 2020, 7:53 PM IST

किन्नौर: अक्टूबर का महीना आते ही जनजातीय जिला किन्नौर में दिन-प्रतिदिन ठंड का कहर बढ़ने लगा है. ऐसे में जिला किन्नौर के भेड़पालक व उनकी देखरेख करने वाले लोग प्रदेश के समतल वाले क्षेत्रों की ओर रुख करते नजर आ रहे हैं.

जिला किन्नौर के ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई है, जिसके चलते अब जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पतझड़ भी शुरू हो रहा है. जिला के पूह, कल्पा, सांगला और निचार के सैंकड़ों भेड़पालक इन दिनों अपने भेड़, बकरियों के साथ अपने खाने पीने के सामानों को बड़े-बड़े खच्चर और घोड़ों पर लादकर सिरमौर, मंडी, बिलासपुर की ओर जा रहे हैं.

वीडियो.

किन्नौर में ठंड के साथ-साथ पतझड़ के चलते अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भेड़, बकरियों को खाने के लिए चारा की भी दिक्कत हो रही है. ऐसे में सभी भेड़पालक अब अगले वर्ष अप्रैल माह के बाद किन्नौर की ओर वापस आएंगे. बता दें कि जिला किन्नौर में खेतीबाड़ी के अलावा आज भी सैंकड़ों लोग भेड़, बकरियों का व्यवसाय करते हैं. जिससे उन्हें अच्छी आय होती है.

ये भी पढे़ं: खुले में सांस लेने लगी अब जिंदगी! हमीरपुर के इन पार्कों में सैर करने पहुंच रहे लोग

किन्नौर: अक्टूबर का महीना आते ही जनजातीय जिला किन्नौर में दिन-प्रतिदिन ठंड का कहर बढ़ने लगा है. ऐसे में जिला किन्नौर के भेड़पालक व उनकी देखरेख करने वाले लोग प्रदेश के समतल वाले क्षेत्रों की ओर रुख करते नजर आ रहे हैं.

जिला किन्नौर के ऊंचाई वाली पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई है, जिसके चलते अब जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पतझड़ भी शुरू हो रहा है. जिला के पूह, कल्पा, सांगला और निचार के सैंकड़ों भेड़पालक इन दिनों अपने भेड़, बकरियों के साथ अपने खाने पीने के सामानों को बड़े-बड़े खच्चर और घोड़ों पर लादकर सिरमौर, मंडी, बिलासपुर की ओर जा रहे हैं.

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किन्नौर में ठंड के साथ-साथ पतझड़ के चलते अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भेड़, बकरियों को खाने के लिए चारा की भी दिक्कत हो रही है. ऐसे में सभी भेड़पालक अब अगले वर्ष अप्रैल माह के बाद किन्नौर की ओर वापस आएंगे. बता दें कि जिला किन्नौर में खेतीबाड़ी के अलावा आज भी सैंकड़ों लोग भेड़, बकरियों का व्यवसाय करते हैं. जिससे उन्हें अच्छी आय होती है.

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