किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में सोमवार को प्रदेश जेबीटी बेरोजगार संघ के बैनर तले जेबीटी प्रशिक्षुओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद रिकांगपिओ जेबीटी के प्रशिक्षुओं ने उपायुक्त किन्नौर गोपालचंद के माध्यम से राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को ज्ञापन भेजा है.
जेबीटी बेरोजगार संघ के जिला सचिव अमरजीत ने कहा कि जेबीटी और बीएड की शिक्षण प्रणाली एक दूसरे से अलग है, जबकि जेबीटी प्रशिक्षुओं को प्राथमिक स्तर पर सभी विषयों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. वहीं, दूसरी ओर बीएड प्रशिक्षुओं को केवल दो विषयों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. जेबीटी और बीएड प्रशिक्षुओं के पाठ्यक्रम में भी काफी अंतर है.
अमरजीत ने कहा कि जेबीटी और बीएड प्रशिक्षुओं की शैक्षणिक योग्यता में भी भारी अंतर हैं. जेबीटी प्रशिक्षु की न्यूनतम योग्यता 12वीं पास और बीएड प्रशिक्षु की योग्यता स्नातक है. उन्होंने कहा कि इससे पहले जेबीटी की आधी भर्ती बेच वाईज करवाई गई है, लेकिन शेष पदों पर कमीशन 12 मई 2019 को हमीरपुर कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से करवाई जा चुकी है. इसमें लगभग 6 हजार जेबीटी-टेट पास और लगभग 30 हजार बीएड डिग्री धारकों ने जेबीटी कमीशन की परीक्षा दी, जबकि राज्य सरकार के आरएंडपी नियमों में भी बीएड डिग्री धारकों के लिए जेबीटी में फिलहाल कोई स्थान नहीं है. ऐसे में नियमों को तोड़कर जेबीटी में बीएड के प्रशिक्षुओं को कमीशन करवाना तर्क संगत नहीं है.
उन्होंने सरकार से मांग की है कि अभी भी प्रदेश में 18 से 20 हजार जेबीटी प्रशिक्षु प्रशिक्षित हैं. सरकार के जेबीटी प्रशिक्षुओं के भविष्य पर मंथन करना चाहिए, जिससे बीएड और जेबीटी प्रशिक्षुओं को दक्षता अनुसार रोजगार मिले.
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