किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के पंचायती राज के चुनाव अब नजदीक आ चुके हैं और अब ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड के साथ चुनावी सरगर्मियां भी शुरू हो चुकी है और सभी अपने अपने गांव के प्रधान, उपप्रधान, वार्ड पंच, जिला परिषद, ब्लॉक समिति के चुनावों में प्रत्याशियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
इस संदर्भ में रिकांगपिओ विद्यार्थी परिषद के पूर्व इकाई अध्यक्ष सूर्या नेगी व किन्नौर से ही विशाखा सोनी का कहना है कि पांच वर्षों बाद पंचायती राज के चुनाव आए हैं और सैकड़ों युवा इस चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेंगे.
'गांव के विकास के बारे में सोच रखने के साथ उसका व्यवहार सभी के साथ ठीक हो'
ऐसे में आने वाले पंचायती राज के चुनावों में गांव का प्रधान व दूसरे जनप्रतिनिधियों के चुनावों में गांव के विकास के बारे में सोच रखने के साथ उसका व्यवहार सभी के साथ ठीक हो ऐसे लोगों को गांव का प्रधान, उपप्रधान बनाना चाहिए, ताकि गांव के विकास को गति मिल सके.
'पूरे गांव के कार्यों पर प्रभाव पड़ता है'
उक्त युवाओं का कहना है कि पंचायती राज के चुनाव ऐसे चुनाव हैं जहां गांव के विकास जुड़ा होता है. यदि गलत व्यक्ति को पंचायती राज में प्रतिनिधि चुनकर भेजा जाता है तो पूरे गांव के कार्यों पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में पढ़े लिखे जुझारू व ईमानदार व्यक्ति का पंचायती राज के प्रतिनिधि के रूप में आना सभी के लिए लाभ रहता है.