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छितकुल पंचायत में उपलब्ध सभी सुविधाएं, भूमि सुधार से किसानों की आय में होगी वृद्धि

किन्नौर की छितकुल पंचायत में प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के सही कार्यन्यवन व ग्राम वासियों के कठिन परिश्रम से आज हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं. पंचायत के लोगों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत अपने खेतों का सुधार किया है. केंद्र सरकार की ओर से 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने में भी सहायता मिलेगी.

छितकुल पंचायत
छितकुल पंचायत
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Published : Oct 20, 2020, 6:45 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में 3440 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सीमांत ग्राम पंचायत छितकुल प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के सही कार्यन्यवन व ग्राम वासियों के कठिन परिश्रम की बदौलत आज प्रदेश के मानचित्र पर आदर्श पंचायत के रूप में उभर कर सामने आई है.

6 महीने से अधिक बर्फ की सफेद चादर ओढ़े रहने वाली पंचायत छितकुल में आज प्रदेश सरकार की ग्रामीणों विकासोन्मुखी योजनाओं के चलते शहर की तर्ज पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. कोरोना काल में पूरे देश में विकास कार्यों की गति धीमी हुई है,लेकिन इस पंचायत के लोगों ने विपरित परिस्थितियों को भी गांव के विकास के लिए प्रयोग में लाया है.

छितकुल में विकास
किन्नौर की छितकुल पंचायत.

पंचायत के लोगों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा) के तहत अपने खेतों का सुधार किया है. भूमि सुधार के चलते आने वाले समय में अच्छी फसल के होने से आय में भी वृद्धि होगी. केंद्र सरकार की ओर से 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने में भी सहायता मिलेगी.

छितकुल गांव की 87 वर्षीय एकल महिला राम देवी का कहना है कि वह मनरेगा के तहत अपने खेतों में भू-सुधार कर रही हैं. उनका कहना है कि खेत पहले छोटे-छोटे थे और पत्थर भी बहुत थे, उन्हें पत्थर निकालकर खेतों को बड़ा किया है, जिससे फसल उगाने में आसानी हो रही है और आने वाले समय में फसल की पैदावार भी भरपूर होगी. महिला ने कहा कि इससे जहां भू-सुधार सुनिश्चित हुआ है और ग्राम वासी अपनी जमीन पर काम कर अपनी आय में भी वृद्धि कर रहें है.

छितकुल में सुविधाएं
किन्नौर की छितकुल पंचायत

छितकुल पंचायत की प्रधान राज कुमारी का कहना है कि लोगों को कोरोना काल में घर के नजदीक ही स्व-रोजगार उपलब्ध हुआ है. भूमि सुधार के चलते ग्राम वासियों के लिए कृषि से आय का स्थाई स्त्रोत भी बना है. उनका कहना है कि उनके गांव में 7 लोग भूमि सुधार का काम कर रहे हैं, जिसके तहत किसानों की ओर से खेतों में सुधार के साथ-साथ खेतों की बाढ़-बंदी भी की जा रही है. इस काम के लिए मनरेगा के तहत प्रति किसान को 90 हजार से एक लाख तक के काम को स्वीकृति दी गई है.

पंचायत प्रधान का कहना है कि उनके गांव में प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार की विकासोन्मुखी योजनाओं व कार्यक्रमों की बदौलत आज सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि 14वें वित्त आयोग की ओर से जारी 8 लाख रुपये की राशि से गांव में सौर ऊर्जा चालित स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं. इसके इलावा रू-बर्न मिशन के तहत भी गांव में 25 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं.

पंचायत के उप-प्रधन अरविंद कुमार नेगी का कहना है कि गांव में सीवरेज लाइन बिछाने पर 06 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहें हैं और सीवरेज लाइन बिछाने का काम प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि गांव की पगडंडियों को चक्का टाइल से पक्का किया गया है, जिस पर 10 लाख रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि गांव के 20 लोगों को रू-बर्न मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये की राशि प्रति परिवार प्रदान की गई है. इसके अतिरिक्त गांव में सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया गया है. उन्होंने बताया कि गांव में 13 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है.

इसके इलावा दो लाख रुपये की लागत से पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण किया गया है. गांव में आज सराय भवन, लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह के अतिरिक्त निजि होटल व होम-स्टे हैं. गांव में बच्चों को घर-द्वार पर उच्च शिक्षा उपलब्ध हो, के लिए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला है और औषधालय, पार्क व खेल मैदान सहित सभी मूलभूत सुविधाएं हैं.

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में 3440 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सीमांत ग्राम पंचायत छितकुल प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के सही कार्यन्यवन व ग्राम वासियों के कठिन परिश्रम की बदौलत आज प्रदेश के मानचित्र पर आदर्श पंचायत के रूप में उभर कर सामने आई है.

6 महीने से अधिक बर्फ की सफेद चादर ओढ़े रहने वाली पंचायत छितकुल में आज प्रदेश सरकार की ग्रामीणों विकासोन्मुखी योजनाओं के चलते शहर की तर्ज पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. कोरोना काल में पूरे देश में विकास कार्यों की गति धीमी हुई है,लेकिन इस पंचायत के लोगों ने विपरित परिस्थितियों को भी गांव के विकास के लिए प्रयोग में लाया है.

छितकुल में विकास
किन्नौर की छितकुल पंचायत.

पंचायत के लोगों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा) के तहत अपने खेतों का सुधार किया है. भूमि सुधार के चलते आने वाले समय में अच्छी फसल के होने से आय में भी वृद्धि होगी. केंद्र सरकार की ओर से 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने में भी सहायता मिलेगी.

छितकुल गांव की 87 वर्षीय एकल महिला राम देवी का कहना है कि वह मनरेगा के तहत अपने खेतों में भू-सुधार कर रही हैं. उनका कहना है कि खेत पहले छोटे-छोटे थे और पत्थर भी बहुत थे, उन्हें पत्थर निकालकर खेतों को बड़ा किया है, जिससे फसल उगाने में आसानी हो रही है और आने वाले समय में फसल की पैदावार भी भरपूर होगी. महिला ने कहा कि इससे जहां भू-सुधार सुनिश्चित हुआ है और ग्राम वासी अपनी जमीन पर काम कर अपनी आय में भी वृद्धि कर रहें है.

छितकुल में सुविधाएं
किन्नौर की छितकुल पंचायत

छितकुल पंचायत की प्रधान राज कुमारी का कहना है कि लोगों को कोरोना काल में घर के नजदीक ही स्व-रोजगार उपलब्ध हुआ है. भूमि सुधार के चलते ग्राम वासियों के लिए कृषि से आय का स्थाई स्त्रोत भी बना है. उनका कहना है कि उनके गांव में 7 लोग भूमि सुधार का काम कर रहे हैं, जिसके तहत किसानों की ओर से खेतों में सुधार के साथ-साथ खेतों की बाढ़-बंदी भी की जा रही है. इस काम के लिए मनरेगा के तहत प्रति किसान को 90 हजार से एक लाख तक के काम को स्वीकृति दी गई है.

पंचायत प्रधान का कहना है कि उनके गांव में प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार की विकासोन्मुखी योजनाओं व कार्यक्रमों की बदौलत आज सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि 14वें वित्त आयोग की ओर से जारी 8 लाख रुपये की राशि से गांव में सौर ऊर्जा चालित स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं. इसके इलावा रू-बर्न मिशन के तहत भी गांव में 25 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं.

पंचायत के उप-प्रधन अरविंद कुमार नेगी का कहना है कि गांव में सीवरेज लाइन बिछाने पर 06 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहें हैं और सीवरेज लाइन बिछाने का काम प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि गांव की पगडंडियों को चक्का टाइल से पक्का किया गया है, जिस पर 10 लाख रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि गांव के 20 लोगों को रू-बर्न मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये की राशि प्रति परिवार प्रदान की गई है. इसके अतिरिक्त गांव में सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया गया है. उन्होंने बताया कि गांव में 13 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है.

इसके इलावा दो लाख रुपये की लागत से पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण किया गया है. गांव में आज सराय भवन, लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह के अतिरिक्त निजि होटल व होम-स्टे हैं. गांव में बच्चों को घर-द्वार पर उच्च शिक्षा उपलब्ध हो, के लिए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला है और औषधालय, पार्क व खेल मैदान सहित सभी मूलभूत सुविधाएं हैं.

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