किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिब्बा कंडे में शनिवार को पहाड़ों से ग्लेशियर आने से स्थानीय लोगों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, सोमवार को राजस्व विभाग की टीम भारी बर्फबारी में भी रिब्बा कंडे में लोगों के नुकसान का जायजा लेने पहुंची. नायब तहसीलदार मुरंग राजेश ने बताया कि ग्लेशियर आने व बर्फीले तूफान से रिब्बा कंडे में 15 गौशाला 15 दोगरी, 5 रिहायशी मकान, करीब 2507 सेब के पेड़ों का नुकसान हुआ है. जिसमें रिब्बा कंडे में कुल 60 लाख का नुकसान हुआ है.
बता दें कि रिब्बा कंडे में पिछले वर्ष भी ग्लेशियर व बर्फीले तूफान से लोगों को करोड़ों का नुकसान हुआ था. भारी बर्फबारी के दौरान रिब्बा कंडे की पहाड़ियों पर सफेद धूल उड़ती रहती है और हर वर्ष इस स्थान पर कुछ न कुछ नुकसान होता रहता है. रिब्बा के प्रधान प्रेम नेगी ने बताया कि सर्दियों में इस स्थान पर ग्लेशियर व बर्फीले तूफान से स्थानीय लोगों के सेब के बगीचे, दोगरी व अन्य कीमती चीजों को नुकसान होता है. वहीं, गर्मियों में बारिश के दौरान ठीक इसी नाले के आसपास बाढ़ आने से लोगों को उनके आशियाने, बगीचे व सार्वजनिक भवनों को भी भारी नुकसान होता रहता है.
प्रेम नेगी ने बताया कि पिछले कई वर्षों से पीडब्ल्यूडी विभाग व वन विभाग को रिब्बा कंडे व रालड़ग खड्ड जिसमें सर्दियों में ग्लेशियर और गर्मियों में बाढ़ आता है. इस स्थान पर चेक डेम और सुरक्षा की मांग करते रहे हैं, लेकिन अब तक इस स्थान पर दोनों विभागों की तरफ से मौके पर कोई काम नहीं हुआ है. जिस कारण हर वर्ष रिब्बा के ग्रामीणों को ग्लेशियर व बाढ़ से लाखों का नुकसान होता है.
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