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धर्मशाला MC चुनावः चारों खाने चित्त हुए सुधीर शर्मा! अपना वार्ड भी नहीं बचा सके नैहरिया

नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर करवाकर प्रदेश के सबसे बड़े 15 विधानसभा क्षेत्र वाले जिला कांगड़ा में भाजपा व कांग्रेस दोनों की आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर स्थित काफी हद तक स्पष्ट हो चुकी है.

MC ELECTION DHARAMSHALA
धर्मशाला MC चुनाव
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Published : Apr 8, 2021, 8:21 PM IST

धर्मशाला: नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर करवाकर प्रदेश के सबसे बड़े 15 विधानसभा क्षेत्र वाले जिला कांगड़ा में भाजपा व कांग्रेस दोनों की आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर स्थित काफी हद तक स्पष्ट हो चुकी है. इन चुनाव में जहां भाजपा को सफलता मिली है. तो वहीं, कांग्रेस ने भी अपना परचम लहराया है.

धर्मशाला में हुआ कड़ा मुकाबला

नगर निगम के इन चुनाव को 2022 के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा था और धर्मशाला हिमाचल की दूसरी राजधानी है, यहां सबकी नजरें लगी हुई थीं. चुनाव प्रचार के लिए भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ने पूरी ताकत यहां पर झोंक दी थी.

केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तक को चुनाव मैदान में उतार दिया था. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी यहां प्रचार के लिए यहां वार्ड-वार्ड में घूमे रहे थे. पालमपुर में तो भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जबकि यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता सहित कई उंचे ओहदों पर बैठे नेता हैं, उसके बाद भी भाजपा को यहां से मुंह की खानी पड़ी है.

बागियों ने बिगाड़ा काम!

भाजपा की रणनीति की बात करें, तो वे यहां पर पूरी तरह से फेल नजर आई. इन चुनावों में पार्टी से टिकट न मिलने पर बागियों ने भी थोड़ा खेल उलट-पलट किया है. इससे इस बात को नाकारा नहीं जा सकता कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस व भाजपा को टिकट बंटवारे में गंभीरता से सोचना होगा.

चारों खाने चित्त हुए सुधीर शर्मा!

धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र की बात करें, तो यहां से कांग्रेस पार्टी से विधायक व मंत्री रहे सुधीर शर्मा चारों खाने चित्त हुए हैं. नगर निगम के चुनावों में उनका प्रचार व जोश धराशाई हुआ है. उनके गुट की मात्र एक उम्मीवार रजनी ब्यास चुनाव जीती हैं. इन चुनावों में सुधीर शर्मा की स्थित भी स्पष्ट होती नजर आ रही है, जबकि सुधीर शर्मा को पूरा विश्वास था यहां पार्टी भारी बहुमतों से अपनी जीत को दर्ज करेगी, लेकिन सही में राजनीतिक हकीकत क्या है वे उनके सामने आ चुकी है.

कांग्रेस शासन काल के दौरान धर्मशाला को नगर निगम का दर्जा दिया गया था. तब सुधीर शर्मा यहां से शहरी एवं विकास मंत्री हुआ करते थे और उन्होंने नगर निगम के पहले चुनाव में पार्टी को जीत की दहलीज तक पहुंचाया था. वहीं, दूसरी और कांग्रेस के दवेंद्र जग्गी गुट से नगर निगम के इन चुनाव में चार लोगों ने अपनी जीत को दर्ज किया है. दवेंद्र जग्गी धर्मशाला से कांग्रेस के मंत्री रहे चुके सुधीर शर्मा के विरोधी तौर पर देखे गए हैं.

बढ़ती नजर आ रही नैहरिया की मुश्किलें!

धर्मशाला से ही विधानसभा उप-चुनाव में विधायक बनकर सामने आए विशाल नैहरिया को अपने ही वार्ड से हार का मुंह देखना पड़ा है. इसके चलते अभी से उनकी कार्यप्रणाली को लेकर भी भाजपा में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. विधायक की ऐसी स्थिति देख अभी से विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा से टिकट की दावेदारी को लेकर कई नेता तैयारी में लग गए हैं. इससे आगे विशाल नैहरिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ सकती है. आगामी विधानसभा चुनाव में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को काफी कसरत करनी होगी. नगर निगम के पार्टी सिंबल चुनाव आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों को कड़ा संदेश देकर गया है.

पढ़ें: HPU MAT-2021 की प्रवेश परीक्षा 29 मई को, शेड्यूल जारी

धर्मशाला: नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर करवाकर प्रदेश के सबसे बड़े 15 विधानसभा क्षेत्र वाले जिला कांगड़ा में भाजपा व कांग्रेस दोनों की आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर स्थित काफी हद तक स्पष्ट हो चुकी है. इन चुनाव में जहां भाजपा को सफलता मिली है. तो वहीं, कांग्रेस ने भी अपना परचम लहराया है.

धर्मशाला में हुआ कड़ा मुकाबला

नगर निगम के इन चुनाव को 2022 के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा था और धर्मशाला हिमाचल की दूसरी राजधानी है, यहां सबकी नजरें लगी हुई थीं. चुनाव प्रचार के लिए भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ने पूरी ताकत यहां पर झोंक दी थी.

केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तक को चुनाव मैदान में उतार दिया था. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी यहां प्रचार के लिए यहां वार्ड-वार्ड में घूमे रहे थे. पालमपुर में तो भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जबकि यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता सहित कई उंचे ओहदों पर बैठे नेता हैं, उसके बाद भी भाजपा को यहां से मुंह की खानी पड़ी है.

बागियों ने बिगाड़ा काम!

भाजपा की रणनीति की बात करें, तो वे यहां पर पूरी तरह से फेल नजर आई. इन चुनावों में पार्टी से टिकट न मिलने पर बागियों ने भी थोड़ा खेल उलट-पलट किया है. इससे इस बात को नाकारा नहीं जा सकता कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस व भाजपा को टिकट बंटवारे में गंभीरता से सोचना होगा.

चारों खाने चित्त हुए सुधीर शर्मा!

धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र की बात करें, तो यहां से कांग्रेस पार्टी से विधायक व मंत्री रहे सुधीर शर्मा चारों खाने चित्त हुए हैं. नगर निगम के चुनावों में उनका प्रचार व जोश धराशाई हुआ है. उनके गुट की मात्र एक उम्मीवार रजनी ब्यास चुनाव जीती हैं. इन चुनावों में सुधीर शर्मा की स्थित भी स्पष्ट होती नजर आ रही है, जबकि सुधीर शर्मा को पूरा विश्वास था यहां पार्टी भारी बहुमतों से अपनी जीत को दर्ज करेगी, लेकिन सही में राजनीतिक हकीकत क्या है वे उनके सामने आ चुकी है.

कांग्रेस शासन काल के दौरान धर्मशाला को नगर निगम का दर्जा दिया गया था. तब सुधीर शर्मा यहां से शहरी एवं विकास मंत्री हुआ करते थे और उन्होंने नगर निगम के पहले चुनाव में पार्टी को जीत की दहलीज तक पहुंचाया था. वहीं, दूसरी और कांग्रेस के दवेंद्र जग्गी गुट से नगर निगम के इन चुनाव में चार लोगों ने अपनी जीत को दर्ज किया है. दवेंद्र जग्गी धर्मशाला से कांग्रेस के मंत्री रहे चुके सुधीर शर्मा के विरोधी तौर पर देखे गए हैं.

बढ़ती नजर आ रही नैहरिया की मुश्किलें!

धर्मशाला से ही विधानसभा उप-चुनाव में विधायक बनकर सामने आए विशाल नैहरिया को अपने ही वार्ड से हार का मुंह देखना पड़ा है. इसके चलते अभी से उनकी कार्यप्रणाली को लेकर भी भाजपा में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. विधायक की ऐसी स्थिति देख अभी से विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा से टिकट की दावेदारी को लेकर कई नेता तैयारी में लग गए हैं. इससे आगे विशाल नैहरिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ सकती है. आगामी विधानसभा चुनाव में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को काफी कसरत करनी होगी. नगर निगम के पार्टी सिंबल चुनाव आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों को कड़ा संदेश देकर गया है.

पढ़ें: HPU MAT-2021 की प्रवेश परीक्षा 29 मई को, शेड्यूल जारी

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