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बिल्ली को बचाने के लिए देर रात तक चला 'ऑपरेशन कैट', 90 फीट गहरे कुएं से निकाला बाहर

ज्‍वालामुखी उपमंडल के तहत घुरकाल पंचायत में एक बिल्ली को बचाने के लिए रात के समय रेस्क्यू किया गया. अग्निशमन विभाग की टीम व पंचायत प्रधान का प्रयास रंग लाया और कड़ी मशक्कत के बाद बिल्ली को सकुशल बाहर निकाल लिया गया.

kangra
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Published : May 24, 2021, 6:07 PM IST

ज्वालामुखी/कांगड़ा: इंसानों की जिंदगी बचाने के लिए रेस्क्यू बहुत सुने होंगे, लेकिन एक ऐसा रेस्क्यू जिसमें एक बेजुबान को बचाने के लिए अग्निशमन कर्मियों और पंचायत प्रधान ने गजब का साहस और तत्परता दिखाई.

ज्‍वालामुखी उपमंडल के तहत घुरकाल पंचायत में एक बिल्ली को बचाने के लिए रात के समय रेस्क्यू किया गया. अग्निशमन विभाग की टीम व पंचायत प्रधान का प्रयास रंग लाया और बिल्ली को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. बेजुबान की जिंदगी बचाने की यह मानवीय पहल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के तहत घुरकाल पंचायत में देखने को मिली. दरअसल ये बिल्ली कुटियारा मंदिर के पास कुंए में गिर गई थी. जिसको लेकर यह रेस्क्यू किया गया.

वीडियो.

कुटियारा मंदिर के पास 90 फीट गहरे कुएं में गिरी थी बिल्‍ली

वहीं, घुरकाल पंचायत के प्रधान बिठुल ने बताया कि गांव के किसी व्‍यक्ति का उन्‍हें फोन आया था कि कुटियारा मंदिर के पास कुंए में एक बिल्‍ली गिर गई है. उन्‍होंने मौके पर पहुंचकर देखा तो पाया कि एक बिल्‍ली 90 फीट गहरे कुएं में फंसी हुई है. इसके बाद उन्‍होंने फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों से बात की और बिल्‍ली की जान बचाने के लिए बुलाया. अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों के मौके पर पहुंचने के बाद बिल्‍ली को कुएं से बाहर निकालने के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाया गया. काफी सूझबूझ से बिल्‍ली को सुरक्षित कुएं से बाहर निकाला गया.

'हर किसी की जान बचाने के लिए आए आगे'

पंचायत प्रधान बिठुल ने बताया कि जान तो जान होती है चाहे वह किसी इंसान की हो या फ‍िर किसी जानवर की. इंसानियत के नाते हर किसी की जान बचाने के लिए हमें आगे आना चाहिए. बिठुल में समाजसेवा के साथ-साथ जानवरों को लेकर भी काफी प्यार है. बेजुबानों की सेवा के लिए उन्‍होंने हमेशा कदम बढ़ाया है. पिछले साल भी जब महामारी की पहली लहर आई तो अपने घरों में बंद हो गए थे. तो ऐसे समय में बिठुल बेजुबान जानवरों के लिए फरिश्‍ता बनकर आगे आए थे और बीमारी, घायल व हादसे के शिकार पशुओं व जानवरों का इलाज के साथ चारे का इंतजाम किया.

बात बेशक छोटी है, लेकिन जब एक बिल्ली को बचाने के लिए इतना प्रयास कर सकते हैं, तो लोग एक-दूसरे इंसान की सहायता के लिए क्‍या नहीं कर सकते. मुसीबत के समय सभी लोगों को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू में स्टेशनरी की दुकानें बंद, बिना किताब हो रही ऑनलाइन पढ़ाई

ज्वालामुखी/कांगड़ा: इंसानों की जिंदगी बचाने के लिए रेस्क्यू बहुत सुने होंगे, लेकिन एक ऐसा रेस्क्यू जिसमें एक बेजुबान को बचाने के लिए अग्निशमन कर्मियों और पंचायत प्रधान ने गजब का साहस और तत्परता दिखाई.

ज्‍वालामुखी उपमंडल के तहत घुरकाल पंचायत में एक बिल्ली को बचाने के लिए रात के समय रेस्क्यू किया गया. अग्निशमन विभाग की टीम व पंचायत प्रधान का प्रयास रंग लाया और बिल्ली को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. बेजुबान की जिंदगी बचाने की यह मानवीय पहल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के तहत घुरकाल पंचायत में देखने को मिली. दरअसल ये बिल्ली कुटियारा मंदिर के पास कुंए में गिर गई थी. जिसको लेकर यह रेस्क्यू किया गया.

वीडियो.

कुटियारा मंदिर के पास 90 फीट गहरे कुएं में गिरी थी बिल्‍ली

वहीं, घुरकाल पंचायत के प्रधान बिठुल ने बताया कि गांव के किसी व्‍यक्ति का उन्‍हें फोन आया था कि कुटियारा मंदिर के पास कुंए में एक बिल्‍ली गिर गई है. उन्‍होंने मौके पर पहुंचकर देखा तो पाया कि एक बिल्‍ली 90 फीट गहरे कुएं में फंसी हुई है. इसके बाद उन्‍होंने फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों से बात की और बिल्‍ली की जान बचाने के लिए बुलाया. अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों के मौके पर पहुंचने के बाद बिल्‍ली को कुएं से बाहर निकालने के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाया गया. काफी सूझबूझ से बिल्‍ली को सुरक्षित कुएं से बाहर निकाला गया.

'हर किसी की जान बचाने के लिए आए आगे'

पंचायत प्रधान बिठुल ने बताया कि जान तो जान होती है चाहे वह किसी इंसान की हो या फ‍िर किसी जानवर की. इंसानियत के नाते हर किसी की जान बचाने के लिए हमें आगे आना चाहिए. बिठुल में समाजसेवा के साथ-साथ जानवरों को लेकर भी काफी प्यार है. बेजुबानों की सेवा के लिए उन्‍होंने हमेशा कदम बढ़ाया है. पिछले साल भी जब महामारी की पहली लहर आई तो अपने घरों में बंद हो गए थे. तो ऐसे समय में बिठुल बेजुबान जानवरों के लिए फरिश्‍ता बनकर आगे आए थे और बीमारी, घायल व हादसे के शिकार पशुओं व जानवरों का इलाज के साथ चारे का इंतजाम किया.

बात बेशक छोटी है, लेकिन जब एक बिल्ली को बचाने के लिए इतना प्रयास कर सकते हैं, तो लोग एक-दूसरे इंसान की सहायता के लिए क्‍या नहीं कर सकते. मुसीबत के समय सभी लोगों को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए.

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