पालमपुर: विवेकानंद ट्रस्ट को लेकर उच्च न्यायालय में किया गया केस किसी भी दूसरी पार्टी के लोगों ने नहीं अपितु उनकी ही पार्टी के नेताओं के इशारे पर ही किया गया था. यह बात पालमपुर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व विवेकानंद ट्रस्ट के अध्यक्ष शांता कुमार ने कही.
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने अपने निर्णय में ना केवल याचिकाकर्ता को कड़ा दंड दिया है अपितु ट्रस्ट और उनके पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने भी स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता किसी और के इशारे पर ऐसा कर रहा था.
शांता कुमार ने कहा यह कांग्रेस के लोगों ने मेरा विरोध नहीं किया, मेरी अपनी ही पार्टी के कुछ लोग मुझे नीचा दिखाना चाहते थे या पार्टी की किसी बात का बदला लेना चाहते थे. उन्होंने कहा कि विवेकानंद ट्रस्ट के कार्य के लिए मेरी पार्टी के लोगों ने मुझे अदालत में खड़ा किया. याचिका के पीछे नाम किसी का काम कुछ और लोगों का तथा दाम कुछ और लोगों द्वारा चुकाया गया.
शांता कुमार ने कहा कि 8 वर्ष कि इस अवधि में उन्हें ना केवल परेशानी हुई अपितु ट्रस्ट का बहुमूल्य धन भी व्यर्थ हुआ. वहीं, उन्हें मानसिक पीड़ा भी उठानी पड़ी. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे हवन करते हुए उनकी उंगलियां जल रहीं थी. उन्होंने इस इतिहासिक निर्णय के लिए न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया.
शांता ने कहा कि अब भाजपा में भी राजनीतिक प्रदूषण आ रहा है वहीं, उन्होंने कहा कि उनके कुछ मित्र सुझाव दे रहे हैं कि वह इसे लेकर मानहानि का दावा करे परंतु ऐसा नहीं करने जा रहे है.गौर होकि उच्च न्यायालय में विवेकानंद ट्रस्ट और शांता कुमार पर केस चल रहा था. जिसका निर्णय पिछले कुछ दिन पहले ही आया है. इस निर्णय में याचिकाकर्ता की याचिका को पूरी तरह से निरस्त कर दिया गया तथा उसे कॉस्ट भी भरने के आदेश जारी किए गए हैं.