धर्मशाला: कांगड़ा जिला परिषद अध्यक्ष पद की हॉट सीट पर भाजपा ने दो दशक से अपने कब्जे को इस बार भी बरकरार रखा है. इस मर्तबा दोनों पदों पर भाजपा समर्थित जिला पार्षदों ने कब्जा जमाया है. प्रदेश के सबसे बड़े जिला में शुमार कांगड़ा की प्रदेश की राजनीति में विशेष अहमियत है. बात चाहे विधानसभा चुनाव की हो या जिला परिषद की दोनों प्रमुख दलों का इसी जिला पर फोकस रहता है.
ऐसे में दोनों ही दलों द्वारा जिला परिषद की हॉट सीट अपनी पार्टी के समर्थित प्रत्याशियों को काबिज करने का प्रयास रहता है, लेकिन कांग्रेस इसमें पिछले दो दशक से असफल होती आ रही है. इस बार भी कांग्रेस द्वारा दोनों पदों पर अपने प्रत्याशियों के काबिज होने के दावे किए जा रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
उधर प्रदेश सरकार के मुखिया ने जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने को बिसात बिछाकर जिला से संबंधित मंत्री राकेश पठानिया को जिम्मा सौंपा था. पठानिया ने भी टीम बनाकर इस तरह से रणनीति बनाई कि दोनों पदों पर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की.
गौरतलब है कि वर्ष 2001 से जिला परिषद अध्यक्ष पद पर भाजपा समर्थित जिला पार्षद काबिज रहे हैं, जिनमें रतन लाल जगदंबा, देशराज बागी, श्रेष्ठा कौंडल, मधु गुप्ता शामिल हैं. सोमवार को हुए चुनाव में फिर से भाजपा समर्थित रमेश बराड़ जहां अध्यक्ष चुने गए, वहीं भाजपा से ही स्नेहलता ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की.
जीत का श्रेय पूरी टीम को: पठानिया
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि जिला परिषद में भाजपा की जीत का श्रेय पूरी टीम को जाता है, क्योंकि सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में पूरी टीम जिला परिषद में जीत के लिए जुटी हुई थी. कांग्रेस ने घटिया राजनीति का परिचय देकर जो सुबह किया, लेकिन अब नतीजे आने के बाद कांग्रेस की गुमराह करने की राजनीति सामने आ गई है.
कांग्रेस ने शुरू की नारेबाजी
सुबह के समय कांग्रेस के नेता जिला परिषद के बाहर पहुंच चुके थे. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने कैमरा वाला पेन पार्षदों को देने के आरोप लगाते हुए भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. इसी बीच वन मंत्री राकेश पठानिया व भाजपा के नेता व पदाधिकारी भी पार्षदों को लेकर जिला परिषद के बाहर पहुंच गए. दोनों तरफ से काफी देर तक नारेबाजी का दौर चलता रहा, इसके बाद भाजपा नेता वहां से चले गए और थोड़ी देर बाद कांग्रेस नेता भी चले गए.
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