कांगड़ा: हिमाचल में इन दिनों तेजी से आई फ्लू का प्रकोप फैल रहा है. राज्य के कई जिलों में आई फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अब कांगड़ा जिले में भी आई फ्लू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिले के अस्तपतालों में हर रोज 30 से 40 मरीज पहुंच रहे हैं. वहीं, कांगड़ा जिले में आई फ्लू मरीजों की संख्या 300 के पार पहुंच चुकी है.
कांगड़ा जिले में आई फ्लू का प्रकोप जारी है. जिले में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में आई फ्लू का संक्रमण फैल रहा है. सुगर के मरीजों में इसके लक्षण ज्यादा पाए जा रहे हैं. दरअसल ये संक्रामक रोग है. इसलिए इसके फैलने के ज्याद चांसेज रहता है. आई फ्लू की वजह से लोगों की आंखों में लालपन देखा जा रहा है. आई फ्लू संक्रमण होने पर आंखों से व्हाइट और यलो डिस्चार्ज होता है. अमूमन सुबह उठते समय आंखे चिपकी रहती हैं. सुगर के मरीजों की आंखों में सुबह के समय सूजन ज्यादा रहती है.
कांगड़ा में बढ़ रहे आई फ्लू के मामलों को देखते हुए धर्मशाला और टांडा मेडिकल में नेत्र रोग विशेषज्ञ विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. यहां हर रोज सैकड़ों लोग अपनी आंखों की चेकिंग के लिए आ रहे हैं, जिनमें से 30 से 40 लोगों में आई फ्लू के लक्षण पाये जा रहे हैं. सीएमओ कांगड़ा डॉक्टर सुशील शर्मा ने बताया कि आई फ्लू की वजह से ओपीडी फुल रह रही हैं. आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है.
सीएमओ ने कहा लोगों हाइजीन मेंटेन करने की सलाह दी जा रही है. क्योंकि ये छुआछूत का रोग है. इसलिए वायरल ज्यादा न बढ़े, उसके लिए रोगी और स्वस्थ व्यक्ति के बीच दूरी होना चाहिए. उन्होंने रोगी को काला चश्मा पहनने की सलाह दी. ताकि दूसरा कोई उनके संपर्क में आई फ्लू का शिकार न हो.
वहीं धर्मशाला नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शैलेंद्र मिन्हास ने कहा यहां आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ज्यादातर मरीज गांवों से आ रहे हैं, जो पहले खुद से कैमिस्ट या स्थानीय चिकित्सकों के घरेलू नुस्खों को अपना कर ज्यादा प्रभावित हुए हैं. कई मरीज स्टेरॉइड लेकर चार पांच दिन में ठीक हो जा रहे हैं, लेकिन कुछ दिन के बाद वो फिर इस बीमारी का शिकार हो जा रहे हैं. ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि घरेलू नुस्खों की बजाय सीधे नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह लें और कम से कम तीन से चार हफ्ते तक इसका कोर्स करें तभी जाकर आंखों को पूर्णत आराम मिल सकता है. अन्यथा इसका लंबे समय के लिए खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.