कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन ने नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी सिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर के आवाहन पर पूरे प्रदेश के कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर बिजली संशोधन बिल 2020 का विरोध किया. यूनियन का मानना है कि इस बिल के आने से उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी. साथ ही कर्मचारियों की सेवा शर्तों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इसलिए ज्वाली में यूनिट कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर इस कानून का विरोध किया है.
राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष वॉइस प्रेसिडेंट पवन मोहल ने प्रदेश मुख्यमंत्री और बोर्ड प्रबंधक वर्ग से मांग की कि विद्युत बोर्ड में कार्यरत 2003 के बाद लगे सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रणाली के अधीन लाया जाए. करुणामूलक मामलों को शीघ्र निपटाया जाए. 48 श्रेणियों के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए. बोर्ड में लंबित पड़ी कर्मचारियों की कंफर्मेशन भी तुरंत की जाए. साथ ही विद्युत बोर्ड में कर्मचारी आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं और इसलिए बोर्ड में भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाए.
इसके अलावा जूनियर टी मेट, नियर हेल्पर, जिओ आईटी की पदोन्नति को लेकर जल्द नियमों में प्रावधान किया जाए. आउटसोर्सेस कर्मचारियों को भी फैटल एक्सीडेंट नान फैटल एक्सीडेंट पर स्थाई कर्मचारियों की तर्ज पर सहायता राशि प्रदान की जाए. कॉन्ट्रैक्ट आउटसोर्स कर्मचारियों की नियमितीकरण के लिए पॉलिसी बनाई जाए.
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यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल यूनियन के जिला संगठन सचिव अश्विनी ठाकुर की अध्यक्षता में ज्वाली विद्युत मंडल के अधिशासी अभियंता से मिला और कर्मचारियों की मंडल स्तर पर लंबित पड़े मसलों को जल्द निपटाने का एक मांग पत्र भी सौंपा.अधिशासी अभियंता अंकुर शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को विश्वास दिया की जल्द ही कर्मचारियों की मंडल स्तर की मांगों को पूरा किया जाएगा.
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