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सगे भाई को गोली मारने की कोशिश में जिला अदालत ने आरोपी को सुनाई सजा

कांगड़ा जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत ने अपने सगे भाई को गोली मारने की कोशिश करने पर गगल निवासी नरेश कुमार को धारा 308 आइपीसी के तहत दोष सिद्ध होने पर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है.

District and Sessions Judge JK Sharma's court sentenced the accused for trying to shoot his brother
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Published : Sep 23, 2020, 10:23 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 3:36 PM IST

धर्मशाला: जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत ने अपने सगे भाई को गोली मारने की कोशिश करने पर गगल निवासी नरेश कुमार को धारा 308 आइपीसी के तहत दोष सिद्ध होने पर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. फैसले के मुताबिक जितने समय तक जेल में रहा उस अवधि तक की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जिसमें दोषी कारावास की सजा भुगत चुका है.

जिला न्यायवादी कांगड़ा राजेश वर्मा ने बताया कि 13 जून, 2010 को सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर भूपिंद्र सिंह अपने भाई विरेंद्र कुमार, माता कमला देवी और ट्रैक्टर चालक भूपेंद्र कुमार के साथ बीजाई करने के लिए खेतों में पहुंचे, जोकि नरेश कुमार के घर के सामने है.

तब उसी का सगा भाई नरेश कुमार अपने घर के बरामदे में आया और ललकारने लगा कि खेतों को बीजना छोड़ दो, मैं तुझे जान से ही खत्म कर दूंगा. जब भूपिंद्र सिंह व उसके परिवार ने बीजाई के साथ खेतों में पड़े बांसों को हटाना जारी रखा तो नरेश कुमार सीधा कमरे में गया और दो नाली टोपीदार बंदूक निकाल तानकर फायर करने की कोशिश की.

जिसके बाद भूपिंद्र सिंह अपने बचाव में खेतों के साथ बने शौचालय की आड़ ले ली. कुछ सैकंड में उसने फायर कर दिया. जिससे गोलियों के छर्रे भूपिंद्र सिंह को छूते ही जाकर सामने पेड़ के तने पर जाकर लगे. जिसके बाद पुलिस में मामला गया और फिर न्यायालय पहुंचा. जहां इस केस की पैरवी पहले उप जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री और बाद में जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने की.

धर्मशाला: जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेके शर्मा की अदालत ने अपने सगे भाई को गोली मारने की कोशिश करने पर गगल निवासी नरेश कुमार को धारा 308 आइपीसी के तहत दोष सिद्ध होने पर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है. फैसले के मुताबिक जितने समय तक जेल में रहा उस अवधि तक की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जिसमें दोषी कारावास की सजा भुगत चुका है.

जिला न्यायवादी कांगड़ा राजेश वर्मा ने बताया कि 13 जून, 2010 को सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर भूपिंद्र सिंह अपने भाई विरेंद्र कुमार, माता कमला देवी और ट्रैक्टर चालक भूपेंद्र कुमार के साथ बीजाई करने के लिए खेतों में पहुंचे, जोकि नरेश कुमार के घर के सामने है.

तब उसी का सगा भाई नरेश कुमार अपने घर के बरामदे में आया और ललकारने लगा कि खेतों को बीजना छोड़ दो, मैं तुझे जान से ही खत्म कर दूंगा. जब भूपिंद्र सिंह व उसके परिवार ने बीजाई के साथ खेतों में पड़े बांसों को हटाना जारी रखा तो नरेश कुमार सीधा कमरे में गया और दो नाली टोपीदार बंदूक निकाल तानकर फायर करने की कोशिश की.

जिसके बाद भूपिंद्र सिंह अपने बचाव में खेतों के साथ बने शौचालय की आड़ ले ली. कुछ सैकंड में उसने फायर कर दिया. जिससे गोलियों के छर्रे भूपिंद्र सिंह को छूते ही जाकर सामने पेड़ के तने पर जाकर लगे. जिसके बाद पुलिस में मामला गया और फिर न्यायालय पहुंचा. जहां इस केस की पैरवी पहले उप जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री और बाद में जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने की.

Last Updated : Oct 3, 2020, 3:36 PM IST
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