कांगड़ा: नुरपूर हादसे के बाद स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से भले ही कई दावे किये जा रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. आलम ये है कि निजी स्कूल बसें ज्वालामुखी में नियमों की धज्जियां उड़ाती नजर आ रही हैं.
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बुधवार को ज्वालामुखी व आस-पास के क्षेत्रों में करीब 25 स्कूल बसों की जिला प्रशासन द्वारा चेकिंग की गई. इन निजी बसों में 2 स्कूली बसों को बिना दस्तावेज के जब्त किया गया और 14 चालान काटे गये और 11300 रुपये का जुर्माना भी वसूला गया.
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थाना प्रभारी पुरषोत्तम धीमान ने बताया कि निजी स्कूली बसों की चेकिंग का अभियान प्रतिदिन चलाया जाएगा. नियमों को ताक पर रखने वाले स्कूल प्रबंधनों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
बसों में पाई गईं ये खामियां
कानूनी तौर पर स्कूली बसों में स्कूल प्रबंधन को एक हेल्पर तैनात करना होता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यही नहीं कई स्कूल बस चालकों के पास वर्दी तक नहीं है और जिसके पास हैं उसपर नेमप्लेट गायब है. चेकिंग के दौरान बसों में फर्स्ट एड बाक्स सही नहीं पाया गया. बसों में आग बुझाने के जो यंत्र थे वह ओवरडेट हो गये थे. किसी भी बस में बच्चों के बारे में लिस्ट भी नहीं थी. एक मैजिक वैन में 8 बच्चों के बजाय 12 से 15 बच्चे बैठाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, गाड़ी की पिछली व आगे की सीटों पर भी 3 से 5 बच्चों को बैठाया जा रहा है.
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क्या कहते हैं डीएसपी ज्वालाजी
डीएसपी तिलक राज ने कहा कि किसी भी बस में ओवरलोड ना हो इसकी जांच समय-समय पर हो रही है और आगे भी होगी. तय मापदंड को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से सभी स्कूलों में ई-मेल भी किया गया है. इस बीच भी स्कूल प्रबंधन यदि आदेशों की अवहेलना करता है तो संबंधित स्कूल बसों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी.