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Plant Pathology Course: सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जल्द शुरू होगा प्लांट पैथोलॉजी कोर्स, सब्जेक्ट स्टडी के लिए ताइवान दौरे पर सीयू के कुलपति

हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जल्द ही प्लांट पैथोलॉजी कोर्स शुरू किया जाएगा. इसकी जानकारी कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने दी. इस समय में कुलपति प्रोफेसर प्रकाश बंसल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइवान के दौरे पर मौजूद हैं. (Plant Pathology Course in Himachal Pradesh Central University)

Indian University Association delegation on Taiwan tour
ताइवान दौरे पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ प्रतिनिधिमंडल
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 15, 2023, 11:15 AM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइवान के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को अच्छी क्यूएस रैंकिंग वाले दो अन्य विश्वविद्यालयों का दौरा किया. इस दौरान हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने नेशनल चुंग हसिंग यूनिवर्सिटी ताइवान के अध्यक्ष प्रो. फू जेहन जान और प्लांट पैथोलॉजी के प्रोफेसर से मुलाकात की और विभाग की गतिविधियों के बारे में चर्चा कर जानकारी हासिल की.

पौधों की बीमारियों से उपज में भारी नुकसान: इस कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में भी प्लांट पैथोलॉजी में कोर्स चलाए जाएंगे. पौधों की बीमारियों का पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. ये न केवल पौधों पर गुणात्मक रूप से प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. बल्कि फसलों की पैदावार को भी इससे भारी नुकसान पहुंचता है. यह अनुमान लगाया गया है कि कुल नुकसान का लगभग 14 प्रतिशत केवल पौधों की बीमारियों के कारण होता है, जिसमें से दुनिया भर में पौधों की बीमारियों से कुल वार्षिक फसल हानि लगभग 220 बिलियन डॉलर है.

हिमाचल जैव विविधता को खतरा: कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने कहा कि ऐसे में पादप रोग विज्ञान के विकास के साथ पौधों को इन रोगों से बचाने में जबरदस्त सफलता मिली है. हिमाचल प्रदेश कृषि फसलों, औषधीय पौधों, वन वृक्षों और अन्य प्रजातियों सहित अपनी समृद्ध पौधों की जैव विविधता के लिए जाना जाता है. हिमाचल की जैव विविधता पर इन बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. जिससे न सिर्फ प्रजातियों नष्ट हो रही हैं, बल्कि नए तरीकों को पेश करने के लिए प्लांट पैथोलॉजी नियंत्रण को चुनौती देते हैं. ऐसे में अगर यह कोर्स हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शुरू होता है तो इसका हिमाचल के किसानों को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा.

ये भी पढ़ें: 5 केंद्रीय विश्वविद्यालयों और IIT रोपड़ के बीच MoU साइन, अब तकनीकी शिक्षा में भी आएगी गुणवता

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल भारतीय विश्वविद्यालय संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइवान के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को अच्छी क्यूएस रैंकिंग वाले दो अन्य विश्वविद्यालयों का दौरा किया. इस दौरान हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने नेशनल चुंग हसिंग यूनिवर्सिटी ताइवान के अध्यक्ष प्रो. फू जेहन जान और प्लांट पैथोलॉजी के प्रोफेसर से मुलाकात की और विभाग की गतिविधियों के बारे में चर्चा कर जानकारी हासिल की.

पौधों की बीमारियों से उपज में भारी नुकसान: इस कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में भी प्लांट पैथोलॉजी में कोर्स चलाए जाएंगे. पौधों की बीमारियों का पारिस्थितिकी तंत्र पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. ये न केवल पौधों पर गुणात्मक रूप से प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं. बल्कि फसलों की पैदावार को भी इससे भारी नुकसान पहुंचता है. यह अनुमान लगाया गया है कि कुल नुकसान का लगभग 14 प्रतिशत केवल पौधों की बीमारियों के कारण होता है, जिसमें से दुनिया भर में पौधों की बीमारियों से कुल वार्षिक फसल हानि लगभग 220 बिलियन डॉलर है.

हिमाचल जैव विविधता को खतरा: कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने कहा कि ऐसे में पादप रोग विज्ञान के विकास के साथ पौधों को इन रोगों से बचाने में जबरदस्त सफलता मिली है. हिमाचल प्रदेश कृषि फसलों, औषधीय पौधों, वन वृक्षों और अन्य प्रजातियों सहित अपनी समृद्ध पौधों की जैव विविधता के लिए जाना जाता है. हिमाचल की जैव विविधता पर इन बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है. जिससे न सिर्फ प्रजातियों नष्ट हो रही हैं, बल्कि नए तरीकों को पेश करने के लिए प्लांट पैथोलॉजी नियंत्रण को चुनौती देते हैं. ऐसे में अगर यह कोर्स हिमाचल प्रदेश सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शुरू होता है तो इसका हिमाचल के किसानों को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा.

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