धर्मशाला: बाल श्रम के खात्मे के लिए हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस दिन भी लोग बाल मजदूरी कराने से परहेज नहीं करते. कांगड़ा जिला की समीपवर्ती इलाके में बाल मजदूरी व श्रम अधिनियमों की धड़ल्ले से अवमानना हो रही है.
इसका खुलासा तब हुा जब डमटाल, इंदौरा व भदरोआ में श्रम विभाग की ओर से सोमवार को दबिश दी गई. इन क्षेत्रों में न सिर्फ श्रम अधिनियमों की धज्ज्यिां उड़ाई जा रही है बल्कि सरकारी कार्य में बाधा भी पहुंचाई जा रही है. श्रम अधिकारी की छापेमारी के दौरान फलों का कारोबार करने वाली एक फर्म के प्रबंधक ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के अलावा मौके से ही बाल मजदूर भगा दिए. वहीं, श्रम अधिकारी जब मौके पर पहुंचे तो वहां पर काम कर रहे 30 कर्मचारियों में से 5 की आयु 14 वर्ष से नीचे थी.
ये भी पढ़ें: हिमाचल घूमने आए यूपी पुलिस कर्मचारी की दादागिरी, मामूली कहासूनी के बाद चला दी गोली
श्रम अधिकारी ने मौके पर फोटो खींच ली इसके साथ ही डमटाल व इंदौरा की 3 फैक्ट्रियों, 3 स्टोन क्रशरों व एक निर्माणाधीन पुल में श्रम विभाग ने दबिश दी. वहीं, जिला श्रम अधिकारी अनुराग शर्मा ने बताया कि उन्हें शिकायत मिल रही थी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में श्रम अधिनियमों की अवेहलना के साथ बाल मजदूरी करवाई जा रही है. जिस पर कार्रवाई करते हुए यहां दबिश दी तो भदरोया स्थित फलों की बड़ी फर्म में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के साथ साथ 5 बाल मजदूरों को भगा दिया गया. उन्होंने कहा कि विभाग जल्द ही संबंधित फर्म मालिक को नोटिस जारी करके नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाएगा.