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यहां होली के दौरान निकाली जाती है छड़ी यात्रा, आज भी निभाई जाती है सदियों पुरानी परम्परा

यहां होली के दौरान निकाली जाती है छड़ी यात्रा, आज भी निभाई जाती है सदियों पुरानी परम्परा

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Published : Mar 22, 2019, 12:25 PM IST

छड़ी यात्रा के दौरान ज्वालीमुखी मंदिर के पुजारी

धर्मशालाः होली का त्योहार यूं तो पूरे देश में मनाया जाता है, क्योंकि यह आपसी भाईचारे व आपसी मेल मिलाप का त्योहार है. वहीं, जिला कांगड़ा के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ज्वालामुखी माता के मंदिर में पुजारियों द्वारा एक अलग तरीके से होली मनाई जाती है.

chadi yatra
छड़ी यात्रा के दौरान ज्वालीमुखी मंदिर के पुजारी

इस होली में पुजारियों द्वारा छड़ी यात्रा निकाली जाती है. विश्व शांति के लिए नगाड़ों और वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है. वहीं पुजारी अभिनव शर्मा ने कहा कि पुजारियों द्वारा माता की छड़ी यात्रा निकाली जाती है. उन्होंने कहा कि यह प्राचीन परम्परा लगातार जाती है.

छड़ी यात्रा के दौरान ज्वालीमुखी मंदिर के पुजारी

पुजारियों का कहना है कि दो दिनों तक इस छड़ी यात्रा का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि छोटी होली वाले दिन सीधी परिक्रमा की जाती है. देवताओं और बुजुर्गों के साथ होली खेली जाती है. उन्होंने कहा कि यह परम्परा सदियों से चली आ रही है.

धर्मशालाः होली का त्योहार यूं तो पूरे देश में मनाया जाता है, क्योंकि यह आपसी भाईचारे व आपसी मेल मिलाप का त्योहार है. वहीं, जिला कांगड़ा के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ज्वालामुखी माता के मंदिर में पुजारियों द्वारा एक अलग तरीके से होली मनाई जाती है.

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छड़ी यात्रा के दौरान ज्वालीमुखी मंदिर के पुजारी

इस होली में पुजारियों द्वारा छड़ी यात्रा निकाली जाती है. विश्व शांति के लिए नगाड़ों और वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है. वहीं पुजारी अभिनव शर्मा ने कहा कि पुजारियों द्वारा माता की छड़ी यात्रा निकाली जाती है. उन्होंने कहा कि यह प्राचीन परम्परा लगातार जाती है.

छड़ी यात्रा के दौरान ज्वालीमुखी मंदिर के पुजारी

पुजारियों का कहना है कि दो दिनों तक इस छड़ी यात्रा का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि छोटी होली वाले दिन सीधी परिक्रमा की जाती है. देवताओं और बुजुर्गों के साथ होली खेली जाती है. उन्होंने कहा कि यह परम्परा सदियों से चली आ रही है.

होली के पावन अवसर पर ज्वालाजी माता मंदिर के पुजारियो ने  निकाली गई छड़ी यात्रा !  
 
धर्मशाला - होली का तयोहार तो यु  पुरे देश में खेला जाता है और कहा जाता है की यह तोयहार भाई चारे और आपसी मेल मिलाप का त्योहार है ! वही जिला काँगड़ा के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ज्वालामुखी माता के मन्दिर में भी मंदिर के पुजारियों दोबारा एक  अलग तरिके से होली मनाई जाती है ! इस होली में पुजारियों दोबारा छड़ी यात्रा निकाली जाती है ! विश्व की शांति के लिए नगाड़ो और वाद्य यंत्रो का प्रयोग किया जाता है ! 

वही पुजारी अभिनव शर्मा ने कहा की पुजारियो दोबारा माता की छडी  निकाली जाती है ! उन्होंने कहा की प्राचीन परम्परा हो और लगातार जारी है ! उन्होंने कहा की दो दिनों तक इस छड़ी यात्रा का  आयोजन किया जाता है ! उन्होंने कहा की छोटी होली वाली दिन सीधी प्रक्रिमा की जाती है ! उन्होंने कहा की देवताओ और बुजर्गो के साथ होली खेली  जाती है ! उन्होंने कहा की यह परमम्परा सदियों से चली आ रही है ! 




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