धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला में कांग्रेस कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचारों की जांच होगी. इसमें संलिप्त कोई भी नेता या कर्मचारी बख्शा नहीं जाएगा. रविवार को नगर निगम चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के जनसंपर्क अभियान के तहत वार्ड नंबर-13 दाड़ी, वार्ड नंबर-14 कंडी, वार्ड नंबर-12 बड़ोल, वार्ड नंबर-10 श्यामनगर, वार्ड नंबर-08 खेल परिसर, वार्ड नंबर-09 सकोह, वार्ड नंबर-07 डिपू बाजार और वार्ड नंबर-11 रामनगर में जनसभा का आयोजन किया गया.
जनसभा को संबोधित करते हुए वन, युवा सेवा एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि नगर निगम धर्मशाला में भाजपा की जीत के तुरंत बाद कांग्रेस कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचारों की जांच होगी. विधायक विशाल नैहरिया ने कहा कि धर्मशाला को स्मार्ट सिटी का दर्जा केंद्र सरकार से मिला है, जबकि इसका श्रेय कांग्रेस लेती रही है. यदि कांग्रेस असल में धर्मशाला की हितैषी होती तो स्मार्ट सिटी के रूप में धर्मशाला को विकसित करने के लिए मिले बजट को बैंक में ही नहीं रहने देती.
'कांग्रेस सरकार ने अपने हिस्से का बजट जमा नहीं करवाया'
जब धर्मशाला को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था तो प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपने हिस्से का बजट जमा नहीं करवाया. इसी का नतीजा था कि स्मार्ट सिटी का पैसा खर्च नहीं हो पा रहा था. धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार आते ही स्मार्ट सिटी धर्मशाला के लिए अपने हिस्से का बजट जारी कर इसका कार्य शुरू किया गया.
इस मौके पर केसीसी बैंक चेयरमैन राजीव भारद्वाज, जिला परिषद कांगड़ा अध्यक्ष रमेश बराड़, पूर्व विधायक मनोहर धीमान, पूर्व विधायक संजय चौधरी, कुलदीप शर्मा, भवानी पठानिया, वीरेंद्र चौधरी, कमल शर्मा, हुकुम सिंह बैंस आदि मौजूद रहे.
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